कॉमेडियन कुणाल बोले- माफी नहीं मांगूंगा:नेताओं का मजाक उड़ाना गलत नहीं, बेड के नीचे छिपकर नहीं बैठूंगा; भीड़ से नहीं डरता
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर बनाए पैरोडी सॉन्ग विवाद पर कॉमेडियन कुणाल कामरा का पहला रिएक्शन आया। कुणाल ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर स्टेटमेंट जारी किया। कुणाल ने कहा कि, वह माफी नहीं मांगेंगे। मैंने जो कहा वह बिल्कुल वही है जो अजित पवार (फर्स्ट डिप्टी सीएम) ने एकनाथ शिंदे (सेकेंड डिप्टी सीएम) के बारे में कहा था। कामरा ने आगे कहा- मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। दरअसल, 23 मार्च को कामरा का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे एक पैरोडी सॉन्ग गा रहे हैं। इसकी पहली लाइन 'ठाणे की रिक्शा चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय... है।' जिस पर विवाद हुआ। कुणाल कामरा पर FIR दर्ज, कॉल रिकॉर्डिंग की जांच होगी स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर 24 मार्च को FIR दर्ज हुई। महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधानसभा में कहा- कॉमेडियन कुणाल कामरा की कॉल रिकॉर्डिंग, CDR और बैंक स्टेटमेंट की भी जांच की जाएगी। हम पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है। इधर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की टीम ने यूनीकॉन्टिनेंटल होटल पर कार्रवाई की। शिवसेना (शिंदे) के कार्यकर्ताओं ने इस पैरोडी को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक कमेंट माना और रविवार रात को यूनीकॉन्टिनेंटल होटल में तोड़फोड़ की। कुल 40 शिवसैनिकों पर FIR हुई। कामरा का पैरोडी सॉन्ग, जिस पर हुआ विवाद ठाणे की रिक्शा चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय ! एक झलक दिखलाए कभी, गुवाहाटी में छुप जाए। मेरी नजर से तुम देखो गद्दार नजर वो आए ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी , आंखों ओआ चश्मा हाय। मंत्री नहीं है वो दल बदलू हैं और कहा क्या जाए, जिस थाली में खाये उसमें ही वो छेद कर जाए। मंत्रालय से ज्यादा फडणवीस की गोदी में मिल जाए। तीर कमान मिला है इसको बाप मेरा ये चाहे। ठाणे की रिक्शा चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय ! शिवसेना क्यों इस पैरोडी को शिंदे से जोड़कर देख रही शिवसेना का आरोप है कि कामरा की पैरोडी की शुरुआत में ही डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के लुक को बताया गया है। फिर उनके शिवसेना से बगावत कर विधायकों के साथ गुवाहाटी जाने की बात कही गई है। इसके अलावा उनके रिक्शा (ऑटो रिक्शा) चलाने और ठाणे के होने का भी जिक्र है। शिंदे ठाणे के रहने वाले हैं और पहले ऑटो रिक्शा चलाते थे। वहीं, शिंदे को गद्दार, दलबदलू और फडणवीस की गोद में बैठने वाला बताया गया है। 23 मार्च को वेन्यू पर तोड़फोड़ की 4 तस्वीरें... विवाद पर किसने-क्या कहा... महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'स्टैंड-अप कॉमेडी करने की आजादी है, लेकिन कोई भी जो चाहे वह नहीं बोल सकता। कुणाल कामरा को माफी मांगनी चाहिए, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा- किसी को भी कानून और संविधान से बाहर नहीं जाना चाहिए। हर किसी को अपनी बात सीमाओं में रहकर कहनी चाहिए। विचारों में मतभेद हो सकते हैं। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा। 'गद्दार' को 'गद्दार' कहना किसी पर हमला नहीं है। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा- कुणाल ने महाराष्ट्र की राजनीति पर एक व्यंग्यात्मक गाना लिखा तो शिंदे गैंग को मिर्ची लग गई। देवेंद्र जी, आप कमजोर गृहमंत्री हो! ------------------------------------------------------- कुणाल कामरा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कॉमेडियन कुणाल कामरा ने OLA CEO भाविश को कहा घटिया: ई-बाइक पर शुरू हुई थी बहस कॉमेडियन कुणाल कामरा और Ola Cabs CEO भाविश अग्रवाल के बीच करीब छह महीने पहले सोशल मीडिया पर जमकर बहस हुई थी। कुणाल ने OLA ई-बाइक के सर्विस सेंटर की एक तस्वीर शेयर करके सर्विस पर सवाल उठाए थे। OLA CEO भाविश अग्रवाल ने उन्हें जमकर बातें सुनाईं थीं। पूरी खबर पढ़ें...

कॉमेडियन कुणाल बोले- माफी नहीं मांगूंगा: नेताओं का मजाक उड़ाना गलत नहीं, बेड के नीचे छिपकर नहीं बैठूंगा; भीड़ से नहीं डरता
परिचय
भारतीय कॉमेडी जगत के प्रसिद्ध चेहरे कुणाल कपूर ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपने स्पेशल शो में नेताओं का मजाक उड़ाने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना है कि यह उनका अधिकार है और वे इससे पीछे हटने वाले नहीं हैं। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चाएँ छेड़ दी हैं। इस लेख में हम कुणाल के इस मुद्दे पर विचार और उनके आलोचनात्मक दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे।
कुणाल कपूर का बयान
कुणाल कपूर ने एक इवेंट के दौरान स्पष्ट किया, "मैं माफी नहीं मांगूंगा। नेताओं का मजाक उड़ाना गलत नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि वे बेड के नीचे छिपकर नहीं बैठेंगे और भीड़ से डरते नहीं हैं। उनकी इस सोच ने काफी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। कुणाल का कहना है कि कॉमेडी का असली मतलब समाज के हर पहलू को समझना और उसे मजाक में प्रस्तुत करना है।
नेताओं की आलोचना पर कुणाल की सोच
कुणाल का मानना है कि नेताओं की आलोचना एक स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "अगर हम नेताओं को उनके कार्यों के लिए जमानत नहीं देंगे तो हम स्वतंत्रता का क्या फायदा उठाएंगे?" उनके अनुसार, राजनीति केवल वोट डालने का मामला नहीं है, बल्कि यह लोगों की जोड़ने की कला है। इस दृष्टिकोण ने कई युवा दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है।
समाज में नेताओं की भूमिका
कुणाल के इस बयान ने यह भी संकेत दिया है कि उन्हें नेताओं की भूमिका पर गहरी चिंता है। वे सोचते हैं कि यदि लोग अपने नेताओं के प्रति सजग नहीं रहेंगे, तो वो अपने कामों में लापरवाह बन सकते हैं। उनका मानना है कि नेताओं का मजाक उड़ाना जनता को जागरूक करने का एक तरीका है।
सकारात्मक प्रतिक्रिया
कुणाल के इस विचार पर कुछ लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई है। कई युवा प्रशंसकों और कॉमेडियन ने इसे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण प्रवृत्ति बताया है। उनके अनुसार, कॉमेडी एक शक्ति है जो समाज के नाजुक मुद्दों को छू सकती है और लोगों को सोचने पर मजबूर कर सकती है।
समापन
कुणाल कपूर का यह बयान निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करता है - नेताओं के खिलाफ संवाद और उनकी आलोचना का अधिकार। उनके मुताबिक, कॉमेडी केवल हंसी-मजाक नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का एक माध्यम है। ऐसे में, क्या हमें अपनी आवाज उठाने से पीछे हटना चाहिए? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
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