बजट सत्र का आज 9वां दिन:वक्फ बिल पर हंगामे के आसार, केंद्र सरकार ईद के बाद पेश कर सकती है
संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण का आज 9वां दिन है। वक्फ बिल पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में हंगामा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ईद के बाद वक्फ बिल पेश कर सकती है। बजट सत्र की कार्यवाही में अब सिर्फ 10 दिन बचे है। सत्र का समापन 4 अप्रैल को होगा। 10 मार्च को राज्यसभा से रेलवे (संशोधन बिल) 2024 पास हुआ था। 11 मार्च को लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल-2025 पेश हुआ था। बजट सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को अमित शाह ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया था। शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70% कमी आई है। बजट सत्र के पिछले 8 दिन की कार्यवाही पढ़ें... 21 मार्च: शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70% कमी आई है। 20 मार्च: DMK सांसदों की टीशर्ट पर परिसीमन के विरोध में नारे लिखे थे। टीशर्ट पर लिखा था- तमिलनाडु लड़ेगा और जीतेगा। यह देखकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सांसद जब टीशर्ट बदलकर आएंगे तभी सदन चलेगा। 19 मार्च: बजट सत्र के छठे दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- पहले आतंकवादियों का महिमामंडन किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। मोदी सरकार में आतंकवादी घटनाओं में 71 प्रतिशत की कमी आई है और आतंकवादी अब या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम जाएंगे।' 18 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा- महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिला है। देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। राहुल गांधी ने मोदी के महाकुंभ पर दिए वक्तव्य पर कहा- मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। 17 मार्च: होली की छुट्टियों के बाद सोमवार को बजट सत्र के दूसरे फेज का चौथा दिन था। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने पूरे दिन सदन की कार्यवाही रोककर डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा की मांग की। उपसभापति हरिवंश के इनकार के बाद कांग्रेस और TMC ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। उधर लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने रेल मंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि सच ये है कि फेल बजट है। मौजूदा सरकार नरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि विकास के सभी काम 2014 के बाद हुए। जबकि तथ्य ये है कि पब्लिक सेक्टर की कंपनियां खराब स्थिति में हैं। 12 मार्च: भारत-पाक बॉर्डर पर एनर्जी प्रोजेक्ट का विरोध बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में देश की सुरक्षा का मुद्दा उठा। कांग्रेस और DMK ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से देश की सुरक्षा को खतरा है। ये प्रोजेक्ट बॉर्डर से 1 किमी के दायरे में लगेंगे, जबकि बॉर्डर के 10 किमी तक के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। दरअसल, गुजरात सरकार ने भारत-पाक सीमा से 1 किमी के दायरे में एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को 25 हजार हेक्टेयर जमीन दी है। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि क्या इस प्रोजेक्ट को कोई छूट दी गई थी। इस पर सरकार ने कहा कि केंद्र, राज्य और संबंधित एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद किसी ही प्रस्ताव को मंजूरी और लाइसेंस दिए जाते हैं। 11 मार्च: खड़गे के ठोकेंगे बयान पर हंगामा, फिर माफी मांगी राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 'ठोकेंगे' वाले बयान पर हंगामा हुआ। दरअसल, डिप्टी चेयरमैन ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने उन्हें टोका, कहा- आप सुबह बोल चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा- 'ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं।' इस पर हरिवंश ने कहा- अभी दिग्विजय सिंह के बोलने का मौका है, इसलिए आप बैठ जाइए। इसके बाद खड़गे ने कहा- वो तो बोलेंगे ही, लेकिन आपको क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं। इमिग्रेशन बिल पेश, बिना वैध पासपोर्ट भारत में एंट्री पर 5 साल जेल भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही को व्यवस्थित बनाने के लिए लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल-2025 पेश किया। इस बिल के मुताबिक, कोई व्यक्ति अगर गैर कानूनी तरीके से किसी विदेशी को देश में लाता, ठहराता या बसाता है, तो उसे 3 साल जेल या 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। भारत में आने के लिए किसी भी विदेशी के पास 'वैध पासपोर्ट और वीजा' अनिवार्य होगा। विपक्ष ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया। 10 मार्च: ट्राई-लैंग्वेज पर विवाद, शिक्षा मंत्री बोले- DMK के लोग बेईमान सत्र का

बजट सत्र का आज 9वां दिन: वक्फ बिल पर हंगामे के आसार, केंद्र सरकार ईद के बाद पेश कर सकती है
Kharchaa Pani
लेखिका: कृति शर्मा, साक्षी वर्मा, टीम नेतानागरी
भूमिका
वर्तमान बजट सत्र का आज नौवां दिन है और इसमें वक्फ बिल पर जमकर घमासान का अनुमान लगाया जा रहा है। ईद के बाद केंद्र सरकार इस बिल को पेश कर सकती है, जिससे संसद में हंगामे की आशंका है। आज के इस लेख में हम जानेंगे इस विषय पर विस्तार से, जिससे पाठकों को अच्छे से जानकारी प्राप्त हो सके।
वक्फ बिल का महत्व
वक्फ बिल का उद्देश्य उन संपत्तियों को व्यवस्थित करना है जो वक्फ (अर्थात् धार्मिक ट्रस्ट) के अंतर्गत आती हैं। ये संपत्तियां न केवल धार्मिक उद्देश्य के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि कई सामाजिक कार्यों जैसे स्कूल, अस्पताल इत्यादि के लिए भी उपयोग में लाई जाती हैं। इस बिल के जरिये सरकार की योजना है कि वक्फ की संपत्तियों का सही दिशा में उपयोग हो सके।
हंगामा की आशंका
राजनेताओं के बीच वक्फ बिल को लेकर तीखी बहस चल रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल के माध्यम से वक्फ की संपत्तियों का कथित तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग हो सकता है। इसलिए कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इस बिल का विरोध करेंगे।
सरकार की स्थिति
केंद्र सरकार इस बिल को ईद के बाद पेश करने की योजना बना रही है। सरकार का कहना है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा और इससे धार्मिक समुदायों का विकास होगा। लेकिन इसकी पारदर्शिता पर कई प्रश्न उठ रहे हैं।
निष्कर्ष
बजट सत्र के इस 9वे दिन वक्फ बिल पर चर्चा काफी गर्माने वाली है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष और सरकार के बीच संवाद कैसे आगे बढ़ता है। क्या यह बिल पारित होगा, या फिर इसमें और देरी होगी? आने वाले दिन हमें इसका स्पष्ट जवाब देंगे।
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