मोदी बोले- पूर्वी भारत देश का विकास इंजन:ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा; PM ने उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत देश का विकास इंजन है और ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब भारत का वैश्विक विकास में बहुत बड़ा योगदान हुआ करता था, तो भारत के पूर्वी हिस्से का उसमें बहुत बड़ा योगदान था। ओडिशा दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था। मोदी मंगलवार को ओडिशा के भुवनेश्वर पहुंचे हैं। उन्होंने यहां ओडिशा सरकार की बिजनेस समिट 'उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025' का उद्घाटन किया। ये कॉन्क्लेव 28 से 29 जनवरी तक जनता मैदान में आयोजित हो रहा है। अपने संबोधन में पीएम ने कहा- मुझे बताया गया है कि यह ओडिशा के इतिहास का सबसे बड़ा निवेशक सम्मेलन है। इसमें 5 से 6 गुना अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं। मैं इसके लिए ओडिशा सरकार को बधाई देता हूं। कॉन्क्लेव में लगभग 3,000 नेशनल-इंटरनेशनल इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, स्टार्टअप एंटरप्रेन्योर्स और उद्योग हितधारक शामिल हुए हैं। इसके अलावा 500 विदेशी निवेशकों, 17 देशों के प्रतिनिधियों समेत लगभग 7,500 प्रतिनिधि भाग लिया है। यहां 5 प्रमुख एरिया IT, रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाइल, केमिकल और फूल प्रोसेसिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पीएम मोदी की इस महीने में ओडिशा में उनकी दूसरी यात्रा है। इससे पहले 9 जनवरी को उन्होंने इसी जगह पर प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में हिस्सा लिया था। कॉन्क्लेव में पीएम मोदी की 3 तस्वीरें... उद्योग जगत के लीडर, निवेशकों और नीति निर्माता एक मंच पर यह ग्लोबल इन्वेस्टर समिट दो दिन 28 जनवरी से 29 जनवरी तक होगी इस दौरान उद्योग जगत के नेताओं, निवेशकों और नीति निर्माता एक ही मंच पर होंगे। ये सभी ओडिशा में पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में उपलब्ध अवसरों पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन में सीईओ और नेताओं की 4 राउंड टेबल मीटिंग, 4 फुल सेशन, 16 रीजनल सेशन, B2B मीटिंग और पॉलिसी डिस्कशन होंगे। उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव ओडिशा को भारत में एक प्रमुख निवेश डेस्टिनेशन और इंडस्ट्रियल सेंटर के तौर पर स्थापित करना है। कॉन्क्लेव में लगभग 3,000 नेशनल-इंटरनेशनल इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, स्टार्टअप एंटरप्रेन्योर्स और उद्योग हितधारक शामिल हुए हैं। 15 देशों के राजनयिक भी शामिल कॉन्क्लेव में 'फोकस कंट्रीज' के तौर पर ऑस्ट्रेलिया, जापान, इटली, मिस्र, वेनेजुएला, कजाकिस्तान, बेलारूस, मलेशिया और यूके सहित 15 देशों के राजनयिक भी शामिल हुए हैं। ओडिशा सरकार का लक्ष्य ओडिशा को ग्लोबल इंडस्ट्रियल सेंटर में बदलने के लिए 5 लाख करोड़ रुपए जुटाना है। इस मेगा इवेंट में 100 से ज्यादा MoU साइन करने की उम्मीद है। बिड़ला-अडाणी सहित उद्योगपतियों और निवेशक पहुंचे समिट में शामिल होने के लिए एलएन मित्तल, कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल, करण अडानी, सज्जन जिंदल, नवीन जिंदल और बाकी उद्योगपतियों और निवेशक पहुंचे हैं। पीएम मोदी के आने से पहले पूरे भुवनेश्वर में ओडिशा पुलिस ने 400 से ज्यादा अधिकारियों के साथ 60 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 कर्मी) तैनात किए गए हैं।

Jan 28, 2025 - 12:34
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मोदी बोले- पूर्वी भारत देश का विकास इंजन:ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा; PM ने उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत देश का विकास इंजन है और ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा ह

मोदी बोले- पूर्वी भारत देश का विकास इंजन:ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा

Kharchaa Pani

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेतनागरी

उद्घाटन का महत्व

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया। यह कॉन्क्लेव ओडिशा की विकास यात्रा को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का माध्यम बनेगा। मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत देश का विकास इंजन है, और ओडिशा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने राज्य की विकास परियोजनाओं और निवेश के अवसरों की चर्चा की।

ओडिशा का विकास संबंधी योगदान

ओडिशा ने पिछले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ओडिशा की विशेषताएँ इसे निवेश के लिए एक आकर्षक ठिकाना बनाती हैं। उन्होंने उद्योगपतियों को आमंत्रित किया कि वे राज्य में अपने उद्योग स्थापित करें।

उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव 2025

उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्देश्य राज्य में अधिक से अधिक निवेश लाना, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना और स्थानीय व्यवसायों को मजबूत करना है। इस कॉन्क्लेव में भाग लेते समय, प्रधानमंत्री ने स्थानीय संसाधनों के इस्तेमाल और कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव न केवल ओडिशा बल्कि समस्त पूर्वी भारत के लिए एक क्रांति लाने की क्षमता रखता है।

कृषि और जलवायु परिवर्तन

मोदी ने आगामी चुनौतियों के बारे में भी बात की, जिसमें कृषि और जलवायु परिवर्तन की स्थिति शामिल है। उन्होंने राज्य के किसानों के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता बताई, ताकि वे अधिक उत्पादक बन सकें। इसके साथ ही, उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की जरुरत पर भी जोर दिया।

निष्कर्ष

प्रधान मंत्री मोदी का यह उद्घाटन समारोह ओडिशा के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। उन्होंने साबित कर दिया है कि यदि सभी क्षेत्रों में समर्पण और मेहनत की जाए तो विकास की गति तेज हो सकती है। ओडिशा के लोगों के लिए यह समय आशा का है, जहां उनके प्रयासों के लिए एक नई पहचान मिल सकती है। यदि हम समय रहते सही कदम उठाएं तो पूर्वी भारत का विकास इंजन सच्चाई बन सकता है।

जहां यह उद्घाटन ओडिशा के विकास को रेखांकित करता है, वहीं यह सभी पूर्वी राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकता है। भविष्य की संभावनाओं को समझते हुए, सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सभी को एक साथ आकर अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता की ओर बढ़ना होगा।

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