मोदी बोले- RSS की वजह से मराठी सीखी:संघ ने लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दी; PM ने शरद को सहारा देकर बैठाया
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। PM ने अपने संबोधन में कहा कि मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। इस भाषा को बोलने और नए शब्द सीखने की लगातार कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की वजह से ही उन्हें मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का सौभाग्य मिला है। 100 साल पहले जिस RSS का बीज बोया गया था, वो आज वट वृक्ष बनकर देश की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है। RSS ने उनके जैसे लाखों लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दी है। इस कार्यक्रम में एक और नजारा देखने को मिला। दरअसल, सम्मेलन में आए शरद पवार लंबे भाषण के बाद थक गए थे। जब वे आए तो मंच पर मौजूद मोदी ने उन्हें कुर्सी पर बिठाया और वाटर बॉटल से शरद पवार के ग्लास में पानी भर दिया। सोशल मीडिया पर लोग पीएम मोदी के इस अंदाज की तारीफ कर रहे हैं।

मोदी बोले- RSS की वजह से मराठी सीखी: संघ ने लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दी; PM ने शरद को सहारा देकर बैठाया
Kharchaa Pani
लेखिका: स्नेहा वर्मा, नीता चक्रवर्ती, टीम नेटानागरी
भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में यह उद्घोषणा की कि उनकी मराठी भाषा का ज्ञान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की देन है। उन्होंने संघ को लेकर अपनी विचारधारा साझा की और बताया कि किस प्रकार संघ ने उन्हें और अन्य लोगों को देश की सेवा के लिए प्रेरित किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों का महत्व बढ़ रहा है।
RSS का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि RSS ने हमेशा लोगों में नैतिकता और कर्तव्यबोध का संचार किया है। संघ की विचारधारा ने न केवल उन्हें, बल्कि पूरे देश को एकजुट रहने और अपने देश के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “अगर मैं मराठी बोल पाया हूँ, तो इसका श्रेय संघ को जाता है। संघ ने हमें जो शिक्षा दी है, वह हमेशा याद रहेगी।”
शरद पवार का समर्थन
कार्यक्रम के दौरान, मोदी ने वरिष्ठ नेता शरद पवार को सहारा देकर बैठाया, जो एकता और भाईचारे का प्रतीक था। यह दृश्य दर्शाता है कि राजनीति में भी सहयोग और आपसी समझ महत्वपूर्ण है। पीएम ने पवार के साथ मिलकर चर्चा की, जिससे उनके बीच की दूरी कम होती नजर आई।
भाषा का महत्व
भाषा एक ऐसे माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचार, भावनाएं और पहचान व्यक्त कर सकते हैं। मोदी का यह बयान इस बात को स्थापित करता है कि हमें अपनी मातृभाषा को समझना और सिखाना चाहिए, जिससे हमारी संस्कृति और पहचान जीवित रह सके।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान न केवल RSS की भूमिका को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति और भाषाएं एक व्यापक पहचान का हिस्सा हैं। एकजुटता और राष्ट्रीयता को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी मूल भाषा को जानें और सम्मान करें। इस प्रकार, मोदी का यह बयान एक सकारात्मक संदेश है, जो कई भारतीयों के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।
इस प्रकार, मोदी के इस बयान ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को छुआ है, और यह निश्चित रूप से भारतीय राजनीति और समाज में एक नई लहर पैदा कर सकता है।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया kharchaapani.com पर जाएँ।
Keywords
मोदी, RSS, मराठी भाषा, शरद पवार, देशभक्ति, संघ, भारतीय संस्कृति, भारतीय राजनीति, प्रधानमंत्री बयान, ख़र्चा पानीWhat's Your Reaction?






