मैती श्री राम वन में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने किया हरेला पर वृक्षारोपण

  रामधार (बैनोली) विकास खण्ड कर्णप्रयाग जिला चमोली में मैती संस्था द्वारा हरेला कार्यक्रम के तहत् “मैती श्री राम वन “की स्थापना की गईं। इस अवसर पर दो सौ पौधों…

Jul 19, 2025 - 18:34
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मैती श्री राम वन में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने किया हरेला पर वृक्षारोपण

मैती श्री राम वन में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने किया हरेला पर वृक्षारोपण

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रामधार (बैनोली) विकास खण्ड कर्णप्रयाग जिला चमोली में मैती संस्था द्वारा हरेला कार्यक्रम के तहत् “मैती श्री राम वन” की स्थापना की गईं। इस अवसर पर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने दो सौ पौधों का वृक्षारोपण किया। इस विशेष आयोजन ने पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व को उजागर किया, जिससे स्थानीय समुदाय में जागरूकता बढ़ी।

हरेला पर्व की महत्वता

हरेला पर्व का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को संवर्धित करना है। यह पर्व स्थानीय जनता की आस्था और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है। हरेला का अर्थ है 'हरेला', अर्थात इस दिन किए गए वृक्षारोपण से एक हरा-भरा वातावरण बनाने की कोशिश। यह पर्व हर साल सावन के महीने में मनाया जाता है और स्थानीय लोग इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों की रोपाई करते हैं।

मैती संस्था की भूमिका

मैती संस्था, जो पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास के लिए प्रयत्नशील है, ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। संस्था के सदस्यों ने बताया कि उनका उद्देश्य केवल वृक्षारोपण नहीं बल्कि समुदाय को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। इस कार्य में उन्होंने स्थानीय लोगों, स्कूलों और अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम किया।

पद्मश्री कल्याण सिंह रावत का योगदान

पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके द्वारा वृक्षारोपण के इस कार्य ने लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने चारों ओर हरियाली बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।

सामुदायिक भागीदारी का महत्व

इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की भागीदारी ने इसे और भी प्रभावी बनाया। स्थानीय निवासियों ने अपनी इच्छाशक्ति और प्रयास के साथ इस वृक्षारोपण में भाग लिया, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भविष्य में इन वृक्षों का संरक्षण होगा। समुदाय का यह योगदान पर्यावरण संरक्षण के लिए एक उदारहण पेश करता है।

वृक्षारोपण का भविष्य

इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के बाद, मैती संस्था ने यह सुनिश्चित किया है कि पौधों की देखभाल और संरक्षण किया जाएगा। इससे यह पता चलता है कि वृक्षारोपण केवल एक अवसर नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है। पर्यावरण की सुरक्षा हमारे सभी की जिम्मेदारी है, और इसे बरकरार रखने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।

निष्कर्ष

इस कार्यक्रम ने न केवल वृक्षारोपण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, बल्कि सामाजिक एकता और सामुदायिक भागीदारी की भावना को भी उजागर किया है। इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता हमारे समाज में हरियाली और स्थिरता लाने के लिए बहुत आवश्यक है। हमें सभी को इस प्रकार के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।

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