किसान नेता डल्लेवाल पटियाला के अस्पताल में शिफ्ट:पहले जालंधर के हॉस्पिटल में रखा, फिर रेस्ट हाउस में, अब पुलिस कड़ी सुरक्षा में राजिंदरा अस्पताल ले गई
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को आज यानि रविवार सुबह जालंधर कैंट (आर्मी एरिया) स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस से गुपचुप तरीके से पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। डल्लेवाल को हिरासत में लेने के बाद पुलिस पहले उन्हें जालंधर के पीआईएमएस अस्पताल ले गई और फिर मीडिया के जमावड़े को देखते हुए उन्हें किसान कैंट के अंदर बने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया। तीन दिन तक उक्त रेस्ट हाउस में रहने के बाद डल्लेवाल को आज सुबह बिना किसी की जानकारी के पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि, इस बारे में जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। फिलहाल, उन्हें राजिंदरा अस्पताल में क्यों रखा गया, इस पर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। तीन दिन पहले जालंधर लेकर पहुंची थी पुलिस मिली जानकारी के अनुसार 13 माह बाद जब पंजाब हरियाणा बॉर्डर को पुलिस ने किसानों से खाली करवाया था। इस दौरान केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों के साथ हुई किसानों से बैठक के तुरंत बाद मोहाली से किसान नेता सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल को हिरासत में ले लिया गया था। वहां से हिरासत में लेने के बाद डल्लेवाल को जालंधर के पिम्स अस्पताल लाया गया था। पिम्स अस्पताल में डल्लेवाल के होने का पता जब मीडिया तो चला तो बाहर जमावड़ा लग गया। जिसके बाद डल्लेवाल को आर्मी क्षेत्र में बने PWD रेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया था। जहां पर किसी की एंट्री नहीं थी। साथ ही एंट्री पहले पुलिस और फिर आर्मी का नाका लगा हुआ था। मगर आज डल्लेवाल को पटियाला शिफ्ट कर दिया गया है। हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, डल्लेवाल के अनशन पर वार्ता शुरू केंद्र के वार्ता न करने से शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट ने एक महीने में शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए कमेटी बना दी। इसी बीच 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने अनशन शुरू कर दिया। जिसके बाद केंद्र फिर वार्ता के लिए राजी हुआ। 14 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। 22 फरवरी को फिर मीटिंग हुई लेकिन किसानों ने MSP पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया।

किसान नेता डल्लेवाल पटियाला के अस्पताल में शिफ्ट: पहले जालंधर के हॉस्पिटल में रखा, फिर रेस्ट हाउस में, अब पुलिस कड़ी सुरक्षा में राजिंदरा अस्पताल ले गई
Kharchaa Pani
लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नेतानगरि
समाचार का सारांश
किसान नेता डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें जालंधर के अस्पताल से पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। सुरक्षा कारणों से उन्हें कड़ी पुलिस सुरक्षा में रखा गया है।
किसान विरोध का महत्वपूर्ण हिस्सा
किसान आंदोलन के दौरान डल्लेवाल ने हमेशा जोरदार तरीके से अपनी आवाज उठाई है। उनका हालिया स्वास्थ्य संकट आज की चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले उन्हें जालंधर के अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन अब उन्हें पटियाला के अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। हर कदम पर पुलिस की निगरानी की जा रही है, जिससे उनकी सुरक्षा प्राथमिकता में है।
जालंधर से पटियाला तक का सफर
डल्लेवाल को जालंधर के अस्पताल में उनके स्वास्थ्य की स्थिरता के लिए रखा गया था। हालांकि, गंभीर स्थिति के चलते चिकित्सकों ने उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भेजने का निर्णय लिया। यह कदम उनके इलाज में अधिक बेहतर सुविधाओं को प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
पुलिस सुरक्षा का महत्व
पटियाला में डल्लेवाल की सुरक्षा की विशेष रूप से चिंता की जा रही है। उनके नेताओं और समर्थकों का मानना है कि उनकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए कड़ी पुलिस सुरक्षा आवश्यक है। पुलिस ने सुनिश्चित किया है कि उन्हें कोई परेशानी न हो और उनकी सुरक्षा का हर संभव ध्यान रखा जा सके।
फैसले के पीछे के कारण
डल्लेवाल को रेस्ट हाउस में कुछ समय के लिए रखा गया था, लेकिन उनकी सुरक्षा वजह से उन्हें अब अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। यह निर्णय उनके स्वास्थ्य को देखते हुए किया गया है ताकि उचित देखभाल और चिकित्सा सहायता मिल सके।
आगे की राह
डल्लेवाल का स्वास्थ्य और आंदोलन के दौरान उनकी भूमिका भारतीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। उनके इलाज की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए टीम और समर्थक निरंतर सक्रिय हैं।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, डल्लेवाल की स्थिति को लेकर देशभर के किसान और अन्य लोग उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। उनकी सेहत में सुधार होने के लिए आप सभी के सहयोग की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि डल्लेवाल जल्द ही स्वस्थ होकर नई ऊर्जा के साथ किसान आंदोलन में वापसी करेंगे।
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