ओला के शोरूम्स पर मार्च में 4 बार रेड:महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में 14 व्हीकल्स को जब्त किया; 4.18% गिरा शेयर

महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश में ओला इलेक्ट्रिक के 6 स्टोर्स पर रेड हुई है। ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने जबलपुर में 2 और इंदौर के 4 स्टोर्स पर छापा मारा है। सभी 6 स्टोर्स को जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। मार्च महीने में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शोरूम्स पर 4 बार रेड हो चुकी है। छापेमारी की वजह से गुरुवार को ओला इलेक्ट्रिक शेयर में 4.18% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर आज 2.25 रुपए गिरकर 51.60 रुपए पर बंद हुआ है। एक महीने में ओला का शेयर 16% से ज्यादा गिरा है। वहीं 6 महीने में शेयर 50% से ज्यादा टूटा है। ओला के शोरूम्स पर 4 बार हुई रेड दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की है। 95% शोरूम्स पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 शोरूम्स खोले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक शोरूम्स में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण मंगलवार की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है। ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने शोरूम्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी। दिवालिया कार्यवाही की याचिका पर 8% गिरा था शेयर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 17 मार्च को करीब 8% की गिरावट रही थी। कंपनी की एक सब्सिडियरी के खिलाफ दिवालियापन की याचिका डाले जाने के बाद कंपनी के शेयर में ये गिरावट आई थी। 3 पॉइंट में समझें पूरा मामला इस मामले से तीन कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ​उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और रोस्मर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड जुड़ी हैं। आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर अगस्त 2024 में शेयरों की लिस्टिंग के बाद ओला का शेयर अपने पीक 157.53 रुपए से करीब 65% लुढ़क चुका है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर्स में करीब 20% की गिरावट आई है। इसके अलावा दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% रह गई।

Mar 20, 2025 - 19:34
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ओला के शोरूम्स पर मार्च में 4 बार रेड:महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में 14 व्हीकल्स को जब्त किया; 4.18% गिरा शेयर

ओला के शोरूम्स पर मार्च में 4 बार रेड:महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में 14 व्हीकल्स को जब्त किया; 4.18% गिरा शेयर

Kharchaa Pani

लेखक: नेहा शर्मा, टीम नेतनागरी

परिचय

हाल ही में ओला के शोरूम्स पर हुई कार्यवाही ने उद्योग में हलचल मचा दी है। मार्च के महीने में, इस परिवहन सेवा कंपनी के विभिन्न शोरूम्स पर चार बार रेड की गई है। महाराष्ट्र के बाद, मध्यप्रदेश में भी ओला के 14 वाहनों को जब्त किया गया है। इस खबर के साथ ओला के शेयरों में भी गिरावट देखी गई है, जो 4.18% तक गिर गए हैं। आइए, इस मामले की गहराई में जाकर जानते हैं कि इस कार्यवाही के पीछे क्या वजह है।

रेड की वजहें

जानकारी के अनुसार, ओला के शोरूम्स पर जो रेड हुई हैं, उसमें मुख्य रूप से फर्जी रजिस्ट्रेशन और बिना सही दस्तावेजों के वाहन बेचने का आरोप लगाया गया है। इन रेड्स के दौरान अधिकारियों ने कई अनियमितताएँ पाई हैं, जिनके चलते कार्रवाई की गई। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि यह कदम आम लोगों की सुरक्षा और कानून के पालन के लिए आवश्यक है।

मध्यप्रदेश में वाहनों की जब्ती

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ओला के 14 वाहनों को जब्त किया गया है। इन वाहनों की स्थिति और उनके दस्तावेजों की जानकारी अधिकारियों द्वारा की गई जाँच में सामने आई थी। जब्त किए गए वाहनों में से कई वाहनों का उपयोग पहले से ही अवैध गतिविधियों में किया जा रहा था।

शेयर में गिरावट

इस प्रकार की कार्यवाही का सीधा असर ओला के शेयरों पर पड़ा है, जो कि पिछले कारोबारी दिन में 4.18% की गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशकों के बीच इस मामले की वजह से चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओला को इन समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, नहीं तो आगे जाकर कंपनी को और बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

ओला की इस नई चुनौती ने निश्चित रूप से कंपनी के लिए नई समस्याएँ खड़ी कर दी हैं। फर्जी रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज़ों की कमी जैसे मुद्दों का समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। यदि कंपनी इन मुद्दों को जल्द से जल्द नहीं सुलझाती, तो इसके पहले से मौजूद ग्राहकों का विश्वास भी डगमगा सकता है। अंत में, यही कहना पड़ेगा कि लोगों और अधिकारियों के बीच भरोसा बनाना जरूरी है।

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