अजित पवार बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं:फिर चाहे वह कोई भी हो; नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच करेगा

नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में लगातार नेताओं की बयानबाजी जारी है। इस बीच डिप्टी CM अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। अजित पवार ने कहा- जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा। पवार ने ये बयान पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिमखाना में शुक्रवार को दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान दिया। पवार ने ये भी कहा- रमजान सिर्फ एक धर्म तक सीमित नहीं है। यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू जी महाराज ने जातियों को एकसाथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। उधर, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। 2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाया गया पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी (इंटरनेट सर्विस बंद) खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में राहत दी गई है। 9 थाना क्षेत्रों में हिंसा के छठे दिन यानी शनिवार को भी कर्फ्यू बरकरार रखा गया है। कर्फ्यू हटाने का फैसला हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के बाद लिया जाएगा। शुक्रवार शाम तक 105 आरोपी गिरफ्तार नागपुर हिंसा केस में शुक्रवार शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई, जिनमें 10 किशोर भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में 3 नई FIR दर्ज की हैं। मुख्य आरोपी फहीम ने जमानत याचिका लगाई नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई है। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद फहीम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद फहीम ने नागपुर जिला एवं सत्र में जमानत याचिका भी दायर की। उनके वकील अश्विन इंगोले ने कहा कि इस पर 24 मार्च को सुनवाई हो सकती है। फहीम की जमानत याचिका में 3 दावे 17 मार्च को नागपुर में क्या हुआ था... नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की। पुलिस पर भी हमला किया गया। तीन डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई। औरंगजेब पर कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद... सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।' आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्‌ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदा

Mar 22, 2025 - 11:34
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अजित पवार बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं:फिर चाहे वह कोई भी हो; नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच करेगा
नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र में लगातार नेताओं की बयानबाजी जारी है। इस बीच डि

अजित पवार बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं: फिर चाहे वह कोई भी हो; नागपुर हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच करेगा

Kharchaa Pani द्वारा, लिखा: सविता राठी, नीतू शर्मा, टीम नेतानागरी

महाराष्ट्र में हाल ही में हुए नागपुर हिंसा पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक नेता अजित पवार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुस्लिम समुदाय के प्रति असम्मानजनक व्यवहार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। यह बयान उन्होंने आज दिन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। इस बयान से पहले, नागपुर में हुई हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा जांच का आदेश दिया गया है।

नागपुर हिंसा: पृष्ठभूमि

नागपुर में हाल ही में हुई घटना में कई लोग घायल हुए थे, जिसमें मुस्लिम समुदाय के एक प्रमुख नेता का नाम भी शामिल था। इस हिंसा के बाद, स्थानीय प्रशासन को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई कदम उठाने पड़े। अब क्राइम ब्रांच द्वारा जांच शुरू होने से लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद बनी हुई है।

अजित पवार का बयान: एक प्रतिज्ञा

अजित पवार ने अपने बयान में कहा, "हम किसी भी व्यक्ति को बख्शने के मूड में नहीं हैं जो मुस्लिमों को आंख दिखाने का प्रयास करेगा। हमारे देश में सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।" उनके इस बयान ने समाज के हर हिस्से से सहमति और समर्थन प्राप्त किया है।

क्राइम ब्रांच की जांच: क्या उम्मीद करें?

क्राइम ब्रांच की जांच से उम्मीद की जा रही है कि वह मामले की गहराई से पड़ताल करेगी और जानलेवा घटनाओं में शामिल सभी पक्षों की पहचान करेगी। जांच का उद्देश्य सिर्फ सच्चाई का पता लगाना नहीं, बल्कि भविष्य में इस तरह की हिंसा को रोकना भी है।

समाज का प्रतिक्रिया: एकजुटता की आवश्यकता

राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई लोग मानते हैं कि समाज में एकता की आवश्यकता है, खासकर ऐसे समय में जब धार्मिक भावनाओं को आघात पहुँचाया जाता है। एकजुटता ही सभी धर्मों के लोगों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने का एकमात्र उपाय है।

निष्कर्ष

नागपुर हिंसा के मामले में अजित पवार का बयान यह दर्शाता है कि उन्हें समाज में विकास और सद्भाव की आवश्यकता को समझते हैं। क्राइम ब्रांच की जांच हर व्यक्ति को विश्वास दिलाने के लिए ज़रूरी है कि कानून सभी के लिए समानता की गारंटी प्रदान करता है।

शांति और एकता के सन्देश के साथ, हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहिए।

फिर से कहें तो, अजित पवार का यह स्पष्ट संदेश मुस्लिम समुदाय के प्रति सम्मान की महत्ता को रेखांकित करता है।

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