शेयर बाजार गिरावट के साथ खुल सकता है:अमेरिका का डाउ जोन्स करीब 1% गिरा, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी रही गिरावट
शेयर बाजार में आज यानी, मंगलवार 8 अप्रैल को भी गिरावट देखने को मिल सकती है। एक दिन पहले अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली थी। बाजार के गिरकर खुलने के अनुमान की 3 वजह कल सेंसेक्स 2226 अंक और निफ्टी 742 अंक गिरा था इससे पहले 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में साल की दूसरी बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 2226 अंक (2.95%) गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 742 अंक (3.24%) की गिरावट रही, ये 22,161 के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74% गिरा था। निवेशकों की वेल्थ 15 लाख करोड़ रुपए घटी शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की वेल्थ करीब 15 लाख करोड़ रुपए घट गई है। शुक्रवार, 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को बाजार बंद होने के बाद लगभग 389 लाख करोड़ रुपए रह गया है। बाजार में गिरावट की 4 वजह 9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है। रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद भारतीय बाजार का हाल
शेयर बाजार गिरावट के साथ खुल सकता है: अमेरिका का डाउ जोन्स करीब 1% गिरा, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी रही गिरावट
Kharchaa Pani
लेखिका: अंजलि सिंह, नेहा गोयल, टीम नेतानागरी
सम्पूर्ण अवलोकन
हाल ही में अमेरिकी शेयर बाजारों में आई गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में करीब 1% की कमी देखी गई, जिससे बाजार के आगामी रूख पर सवाल उठने लगे हैं। यूरोप और एशिया के बाजार भी इस गिरावट के प्रभाव से अछूते नहीं रहे। आइए, जानते हैं कि इन घटनाओं का भारतीय शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और निवेशकों को कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
अमेरिकी बाजार में गिरावट
डाउ जोन्स के अलावा, अमेरिका में नास्डैक और एसएंडपी 500 में भी गिरावट का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट मुख्यतः महंगाई दर और ब्याज दरों में वृद्धि के चलते आई है। निवेशकों की ओर से बिकवाली का यह सिलसिला आने वाले दिनों में जारी रह सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित होगा।
यूरोपीय और एशियाई बाजारों का हाल
यूरोपीय बाजारों ने भी गिरावट का अनुभव किया, जहां प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए। एशियाई बाजारों में भी इसी तरह की स्थिति बनी रही, जिसमें जापान, हांगकांग और चीन के प्रमुख स्टॉक सूचकांक प्रभावित हुए। इससे पता चलता है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियां एक साथ कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं।
भारतीय शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों की गिरावट का सीधा असर पड़ सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे होशियारी से काम लें और बाजार के विकास को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें। बाजार की मौजूदा स्थिति में, संभावित विकास या गिरावट को देखते हुए सही कंपनियों में निवेश करना बेहद महत्वपूर्ण है।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेश के लिए जोखिम का प्रबंधन करना, विविधीकरण, और बाजार के विस्तृत विश्लेषण पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। स्थिति में सुधार के लिए बाजार की स्थिरता की प्रतीक्षा करें और तब हितकर निर्णय लें।
निष्कर्ष
वर्तमान में वैश्विक बाजारों में हो रही गिरावट के आलोक में, भारतीय निवेशकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बाजार की तेज गिरावट से अपने निवेश की रक्षा करने के लिए सही रणनीति अपनाने में ही भलाई है।
For more updates, visit kharchaapani.com.
Keywords
share market, Dow Jones, market decline, European markets, Asian markets, Indian stock market, investment advice, economic challengesWhat's Your Reaction?






