देश में सबसे ज्यादा बुजुर्ग केरल में:यहां बुजुर्ग आयोग बनाया गया, 21 लाख से ज्यादा घरों में सिर्फ बूढ़े; राज्य में 94% शिक्षित आबादी
देश में सबसे ज्यादा बुजुर्ग केरल में रहते हैं। यहां कुल आबादी के 16.5% लोग बुजुर्ग (60 साल से अधिक उम्र के 56 लाख लोग) हैं। इनमें भी 11% लोग 80 साल या इससे अधिक उम्र के हैं। 2031 तक ये 25% होंगे। कई गांवों में सिर्फ बुजुर्ग बचे हैं। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट (आईआईएमडी) की केरला माइग्रेशन सर्वे रिपोर्ट बताती है कि राज्य की 3.43 करोड़ आबादी में हर पांच में से एक घर का कम से कम एक सदस्य बाहर है। 12 लाख से ज्यादा घरों में ताले पड़े हैं, तो 21 लाख से ज्यादा में सिर्फ बुजुर्ग हैं। राज्य के लिए यह इतना गंभीर मुद्दा बन चुका है कि केरल सरकार ने मार्च आखिर में वरिष्ठ नागरिक आयोग बना दिया। यह अपनी तरह का देश का पहला आयोग है, जो सिर्फ बुजुर्गों के अधिकार, कल्याण और पुनर्वास के लिए काम करेगा। आखिर केरल को इस आयोग की जरूरत क्यों पड़ी, इस ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए... देश में 60 साल से अधिक उम्र के 15 करोड़ बुजुर्ग हैं, 2050 में 34.7 करोड़ होंगे... (नोट: आंकड़े कुल आबादी में बुजुर्गों के। स्रोत: इंडिया एजिंग रिपोर्ट) अकेले रह रहे बुजुर्गों ने खुद रास्ता निकाला केरल के दो ‘वीरान गांव’, जहां आधे घरों में ताले पड़े हैं, बाकी में सिर्फ बुजुर्ग रहते हैं। एक गांव है- पथनमतिट्टा जिले का कुम्बनाड और दूसरा है- एर्नाकुलम जिले का मुवट्टपुझा। भास्कर टीम सबसे पहले कुम्बनाड पहुंचे। यहां 76 साल की अन्नम्मा जैकब से मुलाकात की। जब उनसे पूछा कि आप खुद का ख्याल कैसे रखती हों? तो बोलीं- मेरे पास पैसा तो है, लेकिन देखभाल करने वाला कोई अपना नहीं है। पति की मौत हो चुकी। 50 साल का बेटा 20 साल से अबुधाबी में रह रहा है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी 30 साल से दुबई में है। अब तो हमारा पड़ोस भी उजड़ गया है। एक पड़ोसी दुबई चला गया, दूसरा माता-पिता को बहरीन ले गया। 40 में से 20 बंद हैं। बाकी में हम जैसे लोग ही हैं। यहां बैंक, एटीएम, अस्पताल सब हैं, लेकिन युवा नहीं हैं। किसी इमरजेंसी में हम ही एक-दूसरे के मददगार हैं। कोई बीमार पड़े तो हममें से ही कोई प्रशासन को सूचना देता है। हम हर सुबह कम से कम एक पड़ोसी से मिलते हैं गांव के अन्य बुजुर्गों ने बताया कि वयोमित्रम, सयमप्रभा होम जैसी योजनाएं हैं, जिनसे हमें डे-केयर, काउंसलिंग, डॉक्टरी-नर्सिंग सेवा घर में मिल जाती है। हम हर सुबह कम से कम एक पड़ोसी से मिलते हैं, ताकि बाकी की खबर मिल जाए। अन्नम्मा जैसे ही हैं 68 साल के थॉमस पीटर, जो एर्नाकुलम जिले के मुवट्टपुझा में मिले। बेटा और दोनों बेटियां अमेरिका में हैं। उन्होंने बताया... गांव में 1300 बुजुर्ग हैं। ज्यादातर क्रिश्चियन। इसलिए चर्च हफ्ते में दो बार बैठकें करता है, ताकि मेल-जोल बना रहे। पंचायतें हफ्ते में एक बार बुजुर्गों की बैठक बुलाती हैं। 6 गांवों में 25 हजार घर, 11118 बंद आईआईएमडी के चेयरमैन एस. इरुदया राजन बताते हैं कि कुम्बनाड और आसपास के 6 गांवों में 25 हजार घर हैं। इनमें से 11,118 बंद हैं। बाकी में से 96% में बुजुर्ग ही हैं। केरल युवाओं से सूना हो रहा है, क्योंकि बच्चे कम पैदा हो रहे हैं, जो पैदा हो चुके, वो बाहर बस रहे। इसी रफ्तार से बुजुर्ग बढ़े तो 2051 तक 40% बुजुर्ग होंगे। यहां समाज को मानसिकता बदलने की जरूरत है। ....................... आबादी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भारत में बुजुर्गों की आबादी ने बढ़ाई औसत उम्र: 24 से 29 हुई; 2024 में 1% ग्रोथ का अनुमान, यह 73 साल में सबसे कम भारत दुनिया का चौथा सबसे युवा देश है। इस लिस्ट में नाइजीरिया पहले, फिलीपींस दूसरे और बांग्लादेश तीसरे पर है। लेकिन चिंता की बात ये है कि देश तेजी से बूढ़ा भी हो रहा है। देश की औसत उम्र 2024 में बढ़कर 28-29 वर्ष हो गई है, जो 2021 में 24 वर्ष ही थी। इसका मतलब ये है कि आबादी में बुजुर्गाें की संख्या तेजी से बढ़ रही है और युवाओं की घट रही है। पूरी खबर पढ़ें...

देश में सबसे ज्यादा बुजुर्ग केरल में:यहां बुजुर्ग आयोग बनाया गया, 21 लाख से ज्यादा घरों में सिर्फ बूढ़े; राज्य में 94% शिक्षित आबादी
Kharchaa Pani
लेखक: सुमन शर्मा, नेहा मिश्रा, टीम नेतागणरी
परिचय
भारत के राज्य केरल ने एक नई पहचान बना ली है। यहां बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है, और इस विषय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बुजुर्ग आयोग की स्थापना की गई है। यह लेख केरल में बुजुर्गों की स्थिति, उनके अधिकारों, और सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालता है।
केरल में बुजुर्गों की स्थिति
केरल, जो अपने स्वास्थ्य परिशोधन और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है, में 21 लाख से ज्यादा घरों में सिर्फ बुजुर्ग लोग निवास करते हैं। इस राज्य की शिक्षित आबादी 94% है, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाता है। इस आकड़े से यह स्पष्ट होता है कि यहाँ के बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
बुजुर्ग आयोग का गठन
बुजुर्ग आयोग का गठन उन समस्याओं को समझने और हल करने के लिए किया गया है, जिनका सामना बुजुर्ग व्यक्ति करते हैं। यह आयोग नीति निर्माण, अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए काम करेगा। इसके जरिए शासन-प्रशासन बुजुर्गों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए संगठित प्रयास करेगा।
बुजुर्गों के लिए सरकारी योजनाएं
राज्य सरकार ने बुजुर्गों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं में आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य जांच, और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। यह सभी योजनाएँ बुजुर्गों को बेहतर जीवनशैली प्रदान करने के लिए बनाई गई हैं, ताकि वे सम्मानपूर्वक और स्वास्थ्यपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।
शिक्षा का प्रभाव
केरल की 94% शिक्षित आबादी बुजुर्गों की देखभाल और उनसे जुड़ी समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। शिक्षित युवा पीढ़ी अब बुजुर्गों की जरूरतों को समझती है और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
केरल में बुजुर्गों की संख्या और उनकी देखभाल के लिए उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि समाज में बुजुर्गों को कितना महत्त्व दिया जा रहा है। बुजुर्ग आयोग का गठन और विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन यह सुनिश्चित करेगा कि बुजुर्ग एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन व्यतीत करें। भारत के अन्य राज्यों के लिए यह एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मेरे ख्याल से इस दिशा में और भी कई महत्वपूर्ण पहलों की आवश्यकता है ताकि हम अपने बुजुर्गों को सशक्त और समर्थ बना सकें।
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