ट्रम्प ने स्मार्टफोन-कंप्यूटर को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी:सेमीकंडक्टर, सोलर सेल और मेमोरी कार्ड को भी छूट; US टेक कंपनियों को राहत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ से छूट दी है। यह घोषणा ऐसे वक्त पर की गई, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने विदेशी वस्तुओं पर एक सदी में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया था। अमेरिका कस्टम एंड बॉर्डर पेट्रोल (CBP) ने नोटिस जारी कहा कि छूट में चीन से अमेरिका आने स्मार्टफोन और उसके इक्विपमेंट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं। जिन पर वर्तमान में 145% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया था। CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले, फ्लैश ड्राइव और मेमोरी कार्ड को भी छूट दी गई। इस फैसले को कई अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इन कंपनियों ने हाल ही में चिंता जाहिर की थी कि टैरिफ के फैसले से अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कई प्रोडक्ट्स चीन में बनते हैं। अमेरिका का चीन पर 145% तो बाकी देशों पर 10% टैरिफ अमेरिका ने 10 अप्रैल को चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया था। यह कार्रवाई चीन की तरफ से अमेरिका पर लगाए गए 84% टैरिफ से जवाब में की गई थी। जैसे ही अमेरिका ने टैरिफ को दरों को बढ़ाकर 145% किया चीन ने भी पलटवार करते हुए यूएस पर 125% टैरिफ लगा दिया था। हालांकि इस टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका ने भारत समेत 75 से ज्यादा देशों से सभी देशों के लिए एक जैसे बेसलाइन 10% टैरिफ का ऐलान किया था। चीन ने कहा था- झुकने के बजाय आखिर तक लड़ेंगे अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती’ झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन उकसावे से नहीं डरता, वह पीछे नहीं हटेगा। माओ निंग ने सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट शेयर किए थे। इसमें एक पूर्व चीनी नेता माओ जेदोंग का भी वीडियो था। उसमें माओ कह रहे हैं- हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यह वीडियो 1953 का है जब कोरियाई जंग में चीन और अमेरिका अप्रत्यक्ष तौर पर आमने-सामने थे। वीडियो में माओ कहते हैं- यह जंग कब तक चलेगी यह हम तय नहीं कर सकते। यह राष्ट्रपति ट्रूमैन या फिर आइजनहावर या फिर जो नया राष्ट्रपति बनेगा, उस पर निर्भर करता है। चाहे यह जंग कितना भी लंबा क्यों न चले, हम कभी भी नहीं झुकेंगे। हम तब तक लड़ेंगे जब तक हम पूरी तरह से जीत नहीं जाते। माओ निंग ने एक दूसरे पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की थी। इसमें यह बताया गया है कि कीमत मंहगी होने के बाद भी अमेरिकी चीनी सामान ही खरीदेंगे। चीन नई इंडस्ट्री व इनोवेशन बढ़ाने पर जोर दे रहा चीन के पास अमेरिका के करीब 600 अरब पाउंड (करीब 760 अरब डॉलर) के सरकारी बॉन्ड हैं। मतलब ये कि चीन के पास अमेरिकी इकोनॉमी को प्रभावित करने की बड़ी ताकत है। वहीं, चीन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। चीन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त लोन इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिया है। इससे यहां फैक्ट्रियों का निर्माण और अपग्रेडेशन तेज हुआ। हुआवेई ने शंघाई में 35,000 इंजीनियरों के लिए एक रिसर्च सेंटर खोला है, जो गूगल के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर से 10 गुना बड़ा है। इससे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन कैपेसिटी तेज होगी। -------------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... अब चीन ने अमेरिका पर 125% टैरिफ लगाया:जिनपिंग बोले- हम दबाव के आगे नहीं झुकते; अमेरिका ने 145% टैरिफ लगाया था अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के 145% टैरिफ के जवाब में अब चीन ने 125% टैरिफ लगा दिया है। ये कल से लागू होगा। चीन ने कहा है कि अब वह अमेरिका की तरफ से लगाए जाने वाले किसी भी अतिरिक्त टैरिफ का जवाब नहीं देगा। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Apr 12, 2025 - 21:34
 132  214.1k
ट्रम्प ने स्मार्टफोन-कंप्यूटर को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी:सेमीकंडक्टर, सोलर सेल और मेमोरी कार्ड को भी छूट; US टेक कंपनियों को राहत

ट्रम्प ने स्मार्टफोन-कंप्यूटर को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी

खर्चा पानी

परिचय

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है जिसमें उन्होंने स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे तकनीकी उपकरणों को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दे दी है। इस कदम का उद्देश्य देश की तकनीकी कंपनियों को राहत प्रदान करना है जो सेमीकंडक्टर, सोलर सेल और मेमोरी कार्ड जैसे महत्वपूर्ण उत्पादों का निर्माण करती हैं।

क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

रेसिप्रोकल टैरिफ एक व्यापारिक नीति है जिसके तहत दो देशों के बीच सामान पर लगाए गए करों की दरों को समान किया जाता है। इससे दोनों देशों के व्यवसायों को समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है। ट्रम्प के इस निर्णय से अमेरिका की टेक कंपनियों को बड़ा लाभ होगा, क्योंकि इससे उनके उत्पादों की कीमतें कम होंगी।

टेक कंपनियों पर प्रभाव

ट्रम्प के इस निर्णय का सबसे बड़ा लाभ अमेरिका की टेक कंपनियों को होगा। इसमें प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं जैसे एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, और गूगल। इन कंपनियों के लिए यह छूट उत्पादन लागत को कम करने में मदद करेगी, जो कि अंतीय उपभोक्ता के लिए सस्ते उत्पादों की उपलब्धता में सहायक होगी।

सेमीकंडक्टर और सोलर सेल उद्योग की स्थिति

सेमीकंडक्टर उद्योग पिछले कुछ वर्षों में गंभीर समस्या का सामना कर रहा है, जिसमें चिप की कमी और बढ़ती कीमतें शामिल हैं। ट्रम्प का निर्णय इस उद्योग को पुनर्जीवित करने में सहायक साबित हो सकता है। इसके साथ ही, सोलर सेल उद्योग भी इस छूट का लाभ उठाकर उत्पादन विस्तार में जुट सकता है, जिससे हरित ऊर्जा में सुधार संभव हो सकेगा।

समस्या और समाधान

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से प्रतिस्पर्धा में कमी आ सकती है। इसके तहत यह देखना जरूरी है कि क्या यह छूट दीर्घकालिक रूप से बाजार के लिए लाभदायक होगी या नहीं।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रम्प का यह निर्णय अमेरिका की तकनीकी कंपनियों को कुशलता से प्रतिस्पर्धा करने और नई तकनीकी आविष्कार करने में सहायक होगा। उपभोक्ता इस छूट का लाभ उठाकर सस्ते तकनीकी उत्पाद प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रकार, यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा और टेक उद्योग के भविष्य को उज्ज्वल बनाएगा।

अधिक अपडेट के लिए, कृपया kharchaapani.com पर जाएं।

Keywords

Trump, smartphones, computers, reciprocal tariff, semiconductor, solar cell, memory card, US tech companies

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow