रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची तुर्की की करेंसी:12% गिरकर 1 डॉलर के मुकाबले 42 पर, मेयर की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन का असर

तुर्किये में चल रहे प्रदर्शन के कारण वहां की करेंसी लीरा बुधवार को 1 डॉलर के मुकाबले 42 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, बाद में इसने दिन के अधिकांश नुकसान की भरपाई कर ली। लीरा 2.6% की गिरावट के साथ 37.665 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुई। इससे बॉन्ड और स्टॉक मार्केट में भी गिरावट आई है। बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स (XU100) करीब 9% गिर गया। ये चार वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट है। इस्तांबुल के मेयर हिरासत में लेने के बाद प्रदर्शन तुर्किये के प्रशासन ने राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और इस्तांबुल के मेयर इकरम इमामुलू को 19 मार्च को हिरासत में ले लिया था। भ्रष्टाचार और एक आतंकवादी गुट की मदद करने सहित कई आरोपों में उन्हें हिरासत में लिया गया है। मुख्य विपक्षी दल- रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) नेता ओजगुर ओजेल ने हिरासत को "तख्तापलट की कोशिश" बताया और विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की। ओजेल ने कहा, तुर्की, अगले राष्ट्रपति के खिलाफ एक तख्तापलट से गुजर रहा है। जो कुछ हुआ है, उसके बावजूद पार्टी रविवार (23 मार्च) को इमामुलू को अपने नेता के रूप में चुनेगी। वहीं तुर्की सरकार ने विपक्ष के सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि देश की न्याय पालिका स्वतंत्र है। इकरम इमामुलू पर दो आरोप, इनकी जांचें भी बिठाई गई हैं... लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता हैं इमामुलू इमामुलू, सीएचपी के एक लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता हैं। कुछ दिन बाद पार्टी उन्हें 2028 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित करने वाली थी। इमामुलू की हिरासत देश भर में विपक्षी नेताओं पर महीनों से चल रही कानूनी कार्रवाई की एक कड़ी है। आलोचक कहते हैं कि ऐसा इन नेताओं की चुनावी भविष्य को नुकसान पहुंचाने के लिया जा रहा है। एर्दोवान पिछले 22 साल से तुर्की की सत्ता पर काबिज हैं। 2028 में होना है तुर्किये में अगला चुनाव तुर्किए में अगला चुनाव 2028 में होना है। पहले प्रधानमंत्री रहे एर्दोगन, राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। अगर वह फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उन्हें अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले जल्द चुनाव करवाना होगा या फिर संविधान में संशोधन करना होगा। एर्दोगन को पिछले साल अपनी सबसे बुरी चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। देशभर में हुए निकाय चुनावों में इमामोग्लु की सीएचपी ने तुर्की के उन बड़े शहरों और नगर पालिकाओं में जीत दर्ज की जो एर्दोगन के सत्तारूढ़ दल- एके पार्टी का गढ़ मानी जाती थीं।

Mar 20, 2025 - 12:34
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रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची तुर्की की करेंसी:12% गिरकर 1 डॉलर के मुकाबले 42 पर, मेयर की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन का असर

रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची तुर्की की करेंसी: 12% गिरकर 1 डॉलर के मुकाबले 42 पर, मेयर की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन का असर

Kharchaa Pani - तुर्की की करेंसी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। हाल ही में, तुर्की लिरा 1 डॉलर के मुकाबले 42 के स्तर पर पहुँच गई है, जो कि इसकी ऐतिहासिक गिरावट को दर्शाता है। यह गिरावट पूरी तरह से तुर्की के राजनीतिक परिदृश्य और हालिया घटनाओं से संबंधित है।

प्रस्तावना

तुर्की की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ समय से कई समस्याओं का सामना कर रही है। जैसे-जैसे मेयर की गिरफ्तारी के बाद देश में विरोध प्रदर्शन बढ़े हैं, इसने बाजार पर गहरा असर डाला है। निवेशक और विदेशी मुद्रा बाजार इस स्थिति को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। यह लेख इस स्थिति के विभिन्न पहलुओं को समझाने का प्रयास करेगा।

स्थिति का विश्लेषण

तुर्की की करेंसी, लिरा, ने निरंतर गिरावट की राह पकड़ी है। हाल की घटनाओं में, स्थानीय मेयर की गिरफ्तारी ने लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। इसके बाद होने वाले विरोध प्रदर्शनों ने आर्थिक माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण लिरा में कमी आई है, जो निवेशकों के विश्वास को समाप्त कर रहा है।

गिरावट के कारण

लिरा की गिरावट के कई कारण हैं। पहला, तुर्की का बढ़ता हाइपरइन्फ्लेशन, जो वस्त्र वस्तुओं की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ा रहा है कि आम जन जीवन पर संकट मंडराने लगा है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट भी इस गिरावट के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक है। कई विश्लेषकों का मानना है कि राजनीतिक घटनाक्रमों के चलते देश की मौद्रिक नीति भी प्रभावित हो रही है, जो लिरा की स्थिति को और अधिक कमजोर बना रहा है।

प्रदर्शन का असर

मेयर की गिरफ्तारी के बाद, देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित है। लोगों का मानना है कि वर्तमान सरकार आम नागरिकों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे उनके भविष्य के प्रति असुरक्षा का भाव बढ़ रहा है। इन प्रदर्शनों का सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है, जिससे लिरा और कमजोर हो रही है।

भविष्य की संभावनाएँ

इस निराशाजनक स्थिति के बावजूद, कई विशेषज्ञ भविष्य के लिए कुछ सकारात्मक संकेत भी देख रहे हैं। यदि तुर्की सरकार राजनीतिक स्थिरता स्थापित कर सके और निवेशक विश्वास पुनः प्राप्त कर सकें, तो लिरा में सुधार संभव है। हालांकि, इसके लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता होगी जो मौद्रिक नीति को मजबूत करें और बाजार का विश्वास बहाल करें।

निष्कर्ष

तुर्की का आर्थिक परिदृश्य वर्तमान में चुनौतीपूर्ण है। लिरा की गिरावट के पीछे राजनीतिक अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक संकट जैसे कई कारक हैं। हालांकि, सामाजिक आंदोलनों की सक्रियता और राजनीतिक सुधारों की उम्मीदें इस स्थिति में सुधार की संभावनाएं पैदा कर सकती हैं। तुर्की की सरकार को अब सटीक नीतियों को लागू करने की आवश्यकता है ताकि देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को स्वस्थ बनाया जा सके।

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