मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में लोगों को दिलाई भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड … read more

मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में लोगों को दिलाई भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।
भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी और जनता के समर्थन को इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि यह अभिनंदन समारोह केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के सपने को साकार करने का उत्सव है। यह सम्मान उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का है, जो ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्यों के साथ राज्य के विकास की दिशा में अग्रसर है।
जनता का विश्वास और सरकार की जिम्मेदारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि यह जनता के विश्वास, ईमानदारी की ताकत और युवाओं की उम्मीदों की जीत है। राज्य सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का व्यापक उपयोग किया है। इस नीति में ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया, परीक्षा प्रणाली की निगरानी और जन शिकायत निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 तथा भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए 1064 जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने की बात की। पिछले तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है। इससे साफ होता है कि राज्य सरकार सभी प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर है।
सामाजिक सुरक्षा की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने, सख्त नकल विरोधी कानून बनाने, लैंड जिहाद व लव जिहाद के विरुद्ध कार्रवाई और धर्मांतरण तथा दंगारोधी कानूनों को लागू करके शासन व्यवस्था को मजबूत करने का भी जिक्र किया है। इससे यह प्रमाणित होता है कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी चुनौती का सामना सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
संदिग्ध तत्वों के खिलाफ कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छद्म वेशधारियों की मूल पहचान उजागर करने के लिए “ऑपरेशन कालनेमि” चलाया जा रहा है। अब तक 200 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें कुछ बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि ऐसे तत्वों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के सपने की ओर
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के मंत्र को अपनाते हुए कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी शासन व्यवस्था के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, स्वामी चिदानंद सरस्वती, किशन गिरी महाराज, राकेश ओबेरॉय, पंकज गुप्ता एवं विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के निर्माण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री की दृढ़ता और नीतियों का समर्थन सभी वर्गों द्वारा होना आवश्यक है ताकि उत्तराखंड का यह सपना सच हो सके। इस दिशा में उन्हें जनसमर्थन की आवश्यकता है।
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