दो चरणों में होगा पंचायत चुनाव, 10 व 15 जुलाई को मतदान
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दो चरणों में होगा पंचायत चुनाव, 10 व 15 जुलाई को मतदान
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उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शनिवार को ऐलान कर दिया गया। हरिद्वार को छोड़कर राज्य के शेष 12 जिलों में अगले माह दो चरणों में चुनाव होंगे। चुनाव की प्रक्रिया 25 जून से नामांकन के साथ शुरू होगी। पहले चरण में 10 जुलाई को 49 और द्वितीय चरण में 15 जुलाई को 40 विकासखंडों में वोट डाले जाएंगे। मतगणना 19 जुलाई से प्रारंभ होगी।
चुनाव प्रक्रिया की तिथियाँ और महत्वपूर्ण जानकारी
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नगरीय क्षेत्रों और हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों में ग्राम प्रधान के साथ ही ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के कुल 66,418 पदों पर 47.77 लाख मतदाता प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।
हरिद्वार को छोड़कर, शेष जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल गत वर्ष खत्म होने के बाद इनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए गए थे। छह माह के प्रशासक कार्यकाल में भी चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई। इसके चलते पंचायतें लगभग दो सप्ताह तक नेतृत्वविहीन रहीं। पंचायतों में उत्पन्न इस संवैधानिक संकट को देखते हुए इस माह की शुरुआत में पंचायतों में कामकाज के संचालन के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई।
चुनाव की तैयारी और आरक्षण प्रक्रिया
चुनाव के दृष्टिगत शेष प्रक्रियाएं पहले पूरी हो चुकी थीं। 19 जून को पंचायतों में आरक्षण की सूची राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई। इसके बाद हुयी सत्ताधारी सरकार की ओर से प्रस्तावित कार्यक्रम आयोग को भेजा गया, जिसके बाद आयोग ने बिना विलंब के पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की। राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने पंचायत चुनाव की तिथियों का एलान किया।
उन्होंने बताया कि वर्षाकाल को देखते हुए जिलाधिकारियों को कंटीजेंसी प्लान बनाने को भी कहा गया है। इसके साथ ही 23 जून को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्यों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का विवरण सहित अधिसूचना जारी करेंगे।
समापन remarks
उत्तराखंड में होने वाले पंचायत चुनाव न केवल राज्य की लोकतंत्र की नींव को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि स्थानीय शासन में भी सुधार लाने का मौका देंगे। पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव कराना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत महत्वपूर्ण कदम है। सभी मतदाता इसकी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करें और अपने मतदान अधिकार का उपयोग करें।
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