तुर्किये में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन शुरू:100 से ज्यादा लोग हिरासत में, इस्तांबुल में सड़कें, मेट्रो स्टेशन बंद

तुर्किये में इस्तांबुल के मेयर और विपक्षी नेता इकरम इमामुलू की गिरफ्तारी के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों और यूनिवर्सिटी और मेट्रो स्टेशनों पर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की भी खबर है। इसके बाद सरकार ने देश के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में सार्वजनिक समारोहों पर 4 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। कई सड़कों और मेट्रो लाइनों को भी बंद कर दिया गया है। पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसमें कई नेता और पत्रकार शामिल हैं। 22 साल से सत्ता में रहे राष्ट्रपति एर्दोगन के खिलाफ यह सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक माना जा रहा है। तुर्किये में विरोध प्रदर्शन से जुड़ीं 4 फोटोज... भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हुए इमामुलू (54 साल) आधुनिक तुर्की के निर्माता मुस्तफा कमाल पाशा की पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के नेता हैं। उन्हें 23 मार्च को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया जाना था। लेकिन इससे पहले ही उन्हें भ्रष्टाचार और एक आतंकी संगठन की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इमामुलू की पार्टी CHP ने इस गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘अगले राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट’ बताया। मुख्य विपक्षी दल- रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) नेता ओजगुर ओजेल ने विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की है। ओजेल ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद भी इमामुलू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया जाएगा। इस बीच इमामुलू की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने विपक्षी पार्टी से राष्ट्रपति चुनावों का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में अब निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव संभव नहीं हैं। वहीं, तुर्की सरकार ने विपक्ष के सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि देश की न्याय पालिका स्वतंत्र है। इमामुलू की गिरफ्तारी से पहले इस्तांबुल यूनिवर्सिटी ने उनकी डिग्री को रद्द कर दिया था। इससे उनकी उम्मीदवारी संदेह में पड़ गई है। तुर्किये के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार का उच्च शिक्षा पूरी करना जरूरी है। अगर, अदालत अपना फैसला नहीं बदलती तो उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा। एर्दोगन समर्थित उम्मीदवार को हराकर लोकप्रिय हुए इमामुलू इकरम इमामुलू राष्ट्रपति एर्दोगन के प्रशासन के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी चेहरा बनकर उभरे हैं। रियल स्टेट करियर में हाथ आजमाने के बाद 43 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया था। वे CHP पार्टी के लिए बेलिकडुजू जिले के मेयर चुने गए। इमामुलू साल 2019 तक देश में ज्यादा लोकप्रिय नहीं थे। लेकिन 2019 के इस्तांबुल मेयर चुनाव में राष्ट्रपति एर्दोगन के समर्थक उम्मीदवार को हराने के बाद वे बेहद मशहूर हो गए। इस चुनाव में उन्हें 41 लाख वोट मिले और उन्होंने 13 हजार वोटों से जीत हासिल की। हालांकि वे एक महीने से भी कम समय तक मेयर रह पाए। अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव अधिकारियों ने चुनाव को रद्द कर दिया और उन्हें पद से हटा दिया। फिर से चुनाव कराने का आदेश दिया गया। इसके बाद फिर से जून 2019 में चुनाव हुए जिसमें उन्होंने अपने विरोधी उम्मीदवार को करीब 8 लाख वोटों से हराया। उनकी जीत ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। एर्दोगन समर्थित उम्मीदवार को तीसरी बार हराया मेयर बनने के बाद उन्होंने शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया। इससे उनकी छवि और बेहतर हुई। इमामुलू, एर्दोगन के खिलाफ साल 2023 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के सबसे बड़े दावेदार थे, लेकिन विपक्षी गठबंधन ने कमाल किलिचदारोग्लू को चुना। 2024 के इस्तांबुल मेयर चुनाव में एक बार फिर से एर्दोगन समर्थन उम्मीदवार को हराकर मेयर बने। एर्दोगन समर्थित उम्मीदवार को लगातार तीसरी बार हराने को इमामुलू के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया। वहीं, तुर्की में कई राजनीतिक जानकारों ने इसे ‘एर्दोगन की अब तक की सबसे बुरी हार’ करार दिया। दरअसल, इस्तांबुल वह जगह है जहां एर्दोगन बड़े हुए। यहां से पहली बार वे मेयर बने। ऐसे में उनकी पार्टी के उम्मीदवार की हार, एक बड़ा झटका था। इमामुलू की जीत के बाद उन्हें अगला राष्ट्रपति माना जा रहा है। तुर्किये में 2028 से पहले हो सकते हैं राष्ट्रपति चुनाव ऐसे में इमामुलू की गिरफ्तारी को एर्दोगन से जोड़कर देखा जा रहा है। तुर्किये में साल 2023 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें एर्दोगन को लगातार तीसरी बार जीत हासिल हुई थी। ऐसे में अब अगला चुनाव साल 2028 में होना है। देश के संविधान के मुताबिक कोई भी चौथी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। हालांकि आलोचकों का कहना है कि एर्दोगन ने एक और कार्यकाल पाने के लिए संविधान में बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए देश में समय से पहले भी चुनाव कराए जा सकते हैं।

Mar 20, 2025 - 14:34
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तुर्किये में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन शुरू:100 से ज्यादा लोग हिरासत में, इस्तांबुल में सड़कें, मेट्रो स्टेशन बंद

तुर्किये में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन शुरू:100 से ज्यादा लोग हिरासत में, इस्तांबुल में सड़कें, मेट्रो स्टेशन बंद

Kharchaa Pani
लेखक: सुशीला शर्मा, राधिका वर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

हाल ही में, तुर्किये में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी ने देश में व्यापक प्रदर्शन को जन्म दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ा हमला है। इस्तांबुल की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए हैं, और यह स्थिति केंद्र सरकार के खिलाफ गहरी असहमति का इशारा कर रही है।

प्रदर्शन की पृष्ठभूमि

तुर्किये में विपक्षी नेता, जिनका नाम मेहमेट याल्चिन है, को हाल ही में हिरासत में लिया गया। उनके समर्थकों का आरोप है कि यह सत्ताधारी पार्टी द्वारा विपक्षी आवाजों को दबाने की एक योजना है। गिरफ्तारियों के बाद प्रदर्शनकारियों ने इस्तांबुल के कई इलाकों में रैलियाँ निकालीं, जिससे शहर की सामान्य स्थिति पर गहरा असर पड़ा।

गिरफ्तारी और उसके प्रभाव

गिरफ्तारी के बाद से सैकड़ों लोग सड़कें और मेट्रो स्टेशन बंद करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इसके चलते इस्तांबुल के कई प्रमुख मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया है, जिसके कारण स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।

हिरासत में लिए गए लोग

रिपोर्ट के अनुसार, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। यह स्थिति विपक्ष के साथ-साथ मानवाधिकार संगठनों द्वारा भी चिंताजनक बताई जा रही है।

स्थानीय जन जागरूकता

स्थानीय नागरिकों और संगठनों ने व्यवस्था के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का निर्णय लिया है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विधायकों ने तुर्किये की मानवाधिकार स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उनका तर्क है कि सरकार संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

निष्कर्ष

तुर्किये में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी और उसके बाद के विरोध प्रदर्शनों ने स्थिति को बेहद गंभीर बना दिया है। यह घटना तुर्किये के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। आने वाले दिनों में राजनीतिक अस्थिरता की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। समाज को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए। तुर्किये के लोगों की आवाज को सुनना अब समय की मांग है।

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