व्हाइट हाउस ने अप्रवासियों का VIDEO पोस्ट किया:जंजीर-बेड़ियों से बांधकर लोगों को प्लेन में चढ़ाया; लिखा- इसे देखना सुकूनभरा अनुभव
अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने मंगलवार को X पर एक वीडियो पोस्ट किया है। 41 सेकेंड के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे अवैध अप्रवासियों को जंजीरों-बेड़ियों में जकड़कर प्लेन में चढ़ाया गया। वीडियो में दिखता है कि एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी एक-एक कर जमीन पर हथकड़ियां और बेड़िया रख रहे हैं। फिर लोग आते हैं और उन्हें हाथ-पैरों और कमर में बेड़ियों और जंजीरों में बांधा जाता है। वीडियो के आखिर में लोगों को प्लेन में चढ़ते दिखाया गया है। व्हाइट हाउस ने इस वीडियो का कैप्शन दिया है- ASMR: इलीगल एलियन डिपोर्टेशन फ्लाइट। ये कैप्शन एक तरह से अमेरिका से निकाले गए लोगों का मजाक उड़ाने जैसा है क्योंकि ASMR वो आवाजें हैं जो तनाव कम करती हैं, सुकून देती हैं और दिमाग को रिलैक्स करती हैं। इलॉन मस्क ने लिखा- वाह इस वीडियो को शेयर करते हुए इलॉन मस्क ने लिखा- हाहा वाह। इसके पहले उन्होंने व्हाइट हाउस के वीडियो के नीचे कमेंट में लिखा था- सो बेस्ड यानी मैं इसका समर्थन करता करता हूं। अमेरिका ने भारतीय अप्रवासियों को बेड़ियां-हथकड़ियां पहनाकर भेजा बीते दिनों अमेरिका ने तीन मिलिट्री फ्लाइट से 332 भारतीयों को वापस भेजा। पहली फ्लाइट 5 फरवरी को लैंड हुई थी। इसमें सभी लोगों को हथकड़ियां-बेड़ियां और जंजीर पहनाकर लाया गया था। इसे लेकर देश में हंगामा हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि लोगों के साथ ऐसा व्यवहार न किया जाए। इसके बाद 15 और 16 फरवरी को दो और फ्लाइट में लोगों को लाया गया। इसमें महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को पहले की ही तरह लाया गया। ये खबरें भी पढ़ें... भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया, VIDEO:वॉशरूम में निगरानी, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले; 40 घंटे इसी हाल में रहे अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के पैर में चेन बांधी गई थी, जबकि हाथ भी बेड़ियों में जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... अमेरिका से डिपोर्ट सिख, जो नंगे सिर दिखा:बोला- अमेरिकी सैनिकों ने पगड़ी कूड़ेदान में फेंकी, सिर्फ पानी पिया ताकि टॉयलेट तक न जाना पड़े 16 फरवरी को अमेरिका से डिपोर्ट हुए मंदीप सिंह को बाकी भारतीयों के साथ डिपोर्ट किया गया तो हाथ-पैरों में हथकड़ी और बेड़ियां डाल दी गईं। खाने को सिर्फ सेब, चिप्स और फ्रूटी दी गई। मंदीप सिंह ने 30 घंटे लंबे सफर के दौरान इस डर के चलते कुछ भी नहीं खाया कि क्या पता अमेरिकी सैनिक कहीं बाथरूम तक न जाने दें? या फिर बाथरूम में पानी तक न हो। पूरी खबर यहां पढ़ें... कोलंबिया ने लौटा दिए थे अमेरिकी प्लेन, अपने विमान से अपने नागरिकों को लाया अमेरिका ने 26 जनवरी को कोलंबियाई अवैध प्रवासियों को 2 सैन्य विमान से कोलंबिया रवाना किया था। हालांकि कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने इन विमानों को उतरने की इजाजत नहीं दी और वापस लौटा दिया। पेट्रो ने यह कहते हुए मना कर दिया कि जब तक अमेरिका कोलंबियाई नागरिकों के साथ सम्मान और गरीमा से पेश नहीं आएगा, उसके विमानों को लैंड नहीं करने दिया जाएगा। पूरी खबर यहां पढ़ें...

व्हाइट हाउस ने अप्रवासियों का VIDEO पोस्ट किया: जंजीर-बेड़ियों से बांधकर लोगों को प्लेन में चढ़ाया; लिखा- इसे देखना सुकूनभरा अनुभव
Kharchaa Pani द्वारा, लेखिका: साक्षी वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने हाल ही में एक ऐसा वीडियो साझा किया है, जो अप्रवासियों के प्रति उनके दृष्टिकोण को नई दिशा में ले जा सकता है। इस वीडियो में, अप्रवासियों को एक विमान में चढ़ते समय जंजीरों और बेड़ियों से बंधा दिखाया गया है। व्हाइट हाउस ने इस वीडियो को "इसे देखना सुकूनभरा अनुभव" बताया है, जो अनेक सवालों को जन्म देता है।
वीडियो की विस्तृत जानकारी
व्हाइट हाउस द्वारा साझा किया गया यह वीडियो कई स्तरों पर विवादास्पद है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे अप्रवासी लोगों को एक विमान में चढ़ने से पहले पूरी तरह से जंजीरों में लपेटा गया है। वीडियो में न सिर्फ इन व्यक्तियों की शारीरिक हालात दिखाई दे रही हैं, बल्कि उनके दर्द और संघर्ष की भी एक झलक मिलती है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन क्या यह उचित है? यह प्रश्न विचारणीय है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस वीडियो के सार्वजनिक होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई। कई लोग व्हाइट हाउस की इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं। समाजशास्त्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे मानवता के खिलाफ मानते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे अवैध अप्रवासियों के प्रति सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित ठहराने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या यह एक नई नीति का संकेत है?
व्हाइट हाउस के इस कदम से यह प्रतीत होता है कि अमेरिकी सरकार अप्रवासियों के प्रति अपनी नीतियों में बदलाव करने की सोच रही है। इस वीडियो के जरिए चौंकाने वाला संदेश भेजा गया है कि देश की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। लेकिन क्या ये कदम उचित है? क्या मानवता को मजबूरी के नाम पर इस तरह की घटनाओं को सहन करना चाहिए? यह विषय शहर में चर्चा का विषय बन गया है।
निष्कर्ष
संक्षेप में, व्हाइट हाउस का यह वीडियो न केवल अमेरिकी नीति की ओर इशारा करता है, बल्कि यह हमारे समाज में अव्यवस्थितता के बारे में भी सोचने पर मजबूर करता है। हमें यह समझना होगा कि हर व्यक्ति की गरिमा महत्वपूर्ण है, चाहे वह किसी भी स्थिति में हो। इसके साथ ही, हमें इसकी आलोचना के बजाय समाधान खोजने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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