भारत से ज्यादा खुश पाकिस्तान और नेपाल:वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश, अफगानिस्तान सबसे नीचे
दुनिया में सबसे खुशहाल देश फिनलैंड है। इस मामले में फिनलैंड ने लगातार आठवें साल नंबर-1 रैंकिंग बरकरार रखी है। वेलबीइंग रिसर्च सेंटर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 20 मार्च यानी वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 जारी किया। सबसे खुशहाल देश के रूप में फिनलैंड 7.7 पाइंट के साथ पहले पायदान पर है। फिनलैंड के अलावा, डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन टाॅप चार में बने हुए हैं। ये सभी नॉर्डिक देश भी कहे जाते हैं। 147 देशों की इस लिस्ट में भारत 4.3 पाइंट के साथ इस बार 118वें स्थान पर रहा है। पिछली बार भारत लिस्ट में 126वें स्थान पर रहा था। इस मामले में भारत, पाकिस्तान और नेपाल से भी पीछे है। हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत की स्थिति में सुधार हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत पिछले साल के मुकाबले आठ पायदान ऊपर आया है। हालांकि, पाकिस्तान भारत से ऊपर है। 2025 की हैप्पीनेस लिस्ट में पाकिस्तान को 109वां स्थान मिला है। वहीं नेपाल भी भारत से ऊपर रहा, उसे 92वां स्थान मिला है। जबकि श्रीलंका (133) और बांग्लादेश (134) भारत से पीछे हैं। इन देशों की रैंकिंग उन जवाबों पर आधारित थी जो लोगों ने अपने जीवन को रेट करने के लिए पूछे जाने पर दिया। यह स्टडी एनालिटिक्स फर्म गैलप और UN सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क ने किया। इस लिस्ट में यूक्रेन, मोजाम्बिक, ईरान, इराक, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, कांगो, युगांडा, गाम्बिया और वेनेजुएला जैसे देशों की रैंकिंग युद्ध, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे से घिरे होने के बाद भी भारत से अच्छी है। भारत हालिया वर्षों में 2022 ही में टॉप-100 में जगह बनाने में कामयाब हुआ था। हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत का स्थान कम होने के कई कारण हैं। जिनमें असमानता, सामाजिक समर्थन की कमी, भ्रष्टाचार और उदारता की कमी शामिल हैं, जो भारत को खुशहाल देशों की सूची में पीछे धकेलते हैं। गैलप CEO बोले- खुशी सिर्फ पैसे या विकास से नहीं मिलती गैलप और यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क के साथ पार्टनरशिप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर यह रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें 147 देशों के लोगों से सर्वे में पूछा गया कि वे कितने खुश हैं? समाज में खुशी को मापने के लिए स्वास्थ्य, धन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार से मुक्ति सहित अलग-अलग फैक्टर पर सवाल किए गए और उनके जवाबों का मूल्यांकन किया गया है। गैलप के CEO जॉन क्लिफ्टन ने कहा, "खुशी सिर्फ पैसे या विकास से जुड़ा नहीं है। यह विश्वास, कनेक्शन और यह जानने के बारे में है कि लोग आपको हमेशा सपोर्ट करेंगे। अगर हम मजबूत सोसाइटी और अर्थव्यवस्था चाहते हैं, तो हमें उस चीज में निवेश करना चाहिए जो वास्तव में मायने रखती है, यानी एक-दूसरे में। " खुश लोगों की रैंकिंग में अमेरिका अब तक के सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया है। रैंकिंग में शीर्ष 20 में यूरोपीय देशों का दबदबा है। हमास के साथ युद्ध के बावजूद, इजराइल आठवें स्थान पर है। कोस्टा रिका और मेक्सिको पहली बार खुश देशों के शीर्ष 10 में शामिल हुए, ये क्रमशः छठे और 10वें स्थान पर हैं। अमेरिका इस रैंकिंग में अपने अब तक के सबसे निचले स्थान 24वें नंबर पर पहुंच गया है। इससे पहले 2012 में वह 11वें स्थान पर था। कैसे बनती है हैप्पीनेस इंडेक्स किसी देश की खुशहाली तय करने के कई पैरामीटर होते हैं। इस दौरान सिर्फ आर्थिक विकास नहीं देखा जाता, बल्कि आपसी भरोसा, सामाजिक जुड़ाव, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता भी देखी जाती है। रिपोर्ट तैयार करने के दौरान लोगों से उनके जीवन के बारे में सवाल भी किए जाते हैं। जवाब के आधार पर हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार की जाती है। इस सर्वे में सैंपल साइज यानी देश की आबादी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दरअसल, पाकिस्तान की आबादी भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश से कुछ ही ज्यादा है। वहीं भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। ऐसे में दोनों देशों के सैंपल साइज में बड़ा अंतर देखने को मिलता आता। हैप्पीनेस इंडेक्स के पैरामीटर्स

भारत से ज्यादा खुश पाकिस्तान और नेपाल: वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश, अफगानिस्तान सबसे नीचे
Kharchaa Pani
लेखिका: स्नेहा धवन, नित्या शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2023 ने एक बार फिर से वैश्विक खुशी के स्तर पर एक पल्टा दिया है। इस साल की सूची में फिनलैंड ने अपनी खुशी के स्तर को बनाए रखते हुए लगातार छठी बार सबसे खुशहाल देश का खिताब जीता है। वहीं, भारत की स्थिति काफी चिंताजनक रही है। पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश भारत से ज्यादा खुश निकले हैं।
फिनलैंड का खुशहाल जीवन
फिनलैंड, जो कि स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के मामले में उच्चतम मानकों को प्राप्त करता है, ने अपने नागरिकों की खुशी को प्राथमिकता दी है। यहां की सरकार द्वारा दी जाने वाली सामाजिक सेवाएं, प्राकृतिक सौंदर्य, और एक समृद्ध संस्कृति नागरिकों में सकारात्मकता और संतोष का अनुभव कराते हैं।
भारत की स्थिति
भारत को इस बार हैप्पीनेस इंडेक्स में 136वां स्थान मिला है जो पिछले साल की तुलना में नीचे है। आर्थिक उतार-चढ़ाव, समाजिक असमानता, और राजनीतिक संकट ने भारतीय नागरिकों की खुशी को प्रभावित किया है। हाल के सर्वे के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य और तनाव में वृद्धि के कारण भारत की रैंकिंग में गिरावट आई है।
पाकिस्तान और नेपाल की खुशी
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान (अंक 90) और नेपाल (अंक 104) ने भारत की तुलना में बेहतर रैंकिंग हासिल की है। पाकिस्तान के नागरिकों ने अपने जीवन में सुधार और आपसी सहयोग के चलते अधिक संतोष भरा जीवन जीने की बात की है। जबकि नेपाल की प्राकृतिक सुंदरता और सामुदायिक सहारे की भावना ने वहां के लोगों में खुशी का एहसास बढ़ाया है।
अफगानिस्तान का हाल
वहीं, अगर हम अफगानिस्तान की बात करें, तो वहां की स्थिति अत्यंत दयनीय है। अफगानिस्तान इस लिस्ट में सबसे नीचे के स्थान पर है, जहां संघर्ष, असामाजिकता और सुरक्षा संकट ने लोगों की खुशी को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
निष्कर्ष
इस हैप्पीनेस इंडेक्स ने हमें दिखाया है कि खुशी केवल आर्थिक विकास में नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक समरसता और व्यक्तिगत सुरक्षा में भी है। भारत को अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। हमें अपनी सोच को बदलने और एक-दूसरे के साथ सहानुभूति व सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
अंत में, यह दर्शाता है कि खुशी की कुंजी विभिन्न कारकों में निहित है, और हमें परखने की जरूरत है कि हम किस तरह से अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं।
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