अमेरिका बोला- हम यूक्रेन में टिकाऊ शांति चाहते हैं:यूरोप से कहा- अपनी सुरक्षा मजबूत करो, ताकि हम दूसरे खतरों पर फोकस करें
जर्मनी के म्यूनिख में जारी सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बैठक की। वेंस ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में टिकाऊ और स्थायी शांति चाहता है। हम ऐसी शांति नहीं चाहते जिससे आने वाले सालों में पूर्वी यूरोप में संघर्ष शुरू हो जाए। जेडी वेंस ने यूरोप से कहा कि वह अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए कदम बढ़ाए ताकि अमेरिका दुनिया में अन्य जगहों पर मौजूद खतरों पर भी फोकस कर सके। बैठक से पहले वेंस ने कहा था कि यूरोप को भी इस बैठक में शामिल होना चाहिए। अमेरिका रूस पर दबाव बनाने के लिए तैयार है। म्यूनिख में 14 फरवरी से 16 फरवरी तक 3 दिन की सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस जारी है। जेलेंस्की का सुरक्षा गारंटी पर जोर जेलेंस्की ने वेंस के साथ मुलाकात के बाद कहा कि हमारी बीच अच्छी बातचीत हुई। भले ही ये हमारे बीच पहली मुलाकात थी, लेकिन ये आखिरी नहीं है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने X पर लिखा- हम जल्द से जल्द सुरक्षा गारंटी के साथ शांति समझौते के लिए तैयार हैं। बैठक से पहले जेलेंस्की ने कहा था कि अमेरिका और रूस बिना यूक्रेन को शामिल किए डील करते हैं, तो सफल नहीं होगी। जेलेंस्की का कहना था कि यूक्रेन तभी बातचीत के लिए तैयार होगा, जब सुरक्षा गारंटी मिलेगी। मैं कातिल (पुतिन) के साथ बैठने के लिए भी तैयार हूं, लेकिन सुरक्षा गारंटी के बिना सब बेकार है। अप्रवासियों के मुद्दे पर यूरोप को आड़े हाथ लिया अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने अप्रवासियों के मुद्दे पर भी यूरोपीय सरकारों को आड़े हाथ लिया। हाल ही में जर्मनी में एक अफगान व्यक्ति ने लोगों को कार से टक्कर मार दी थी, जिसमें 36 लोग घायल हो गए थे। इसे लेकर उन्होंने कहा कि हमें कितनी बार इस तरह के भयानक झटकों का सामना करना पड़ेगा। यह एक डरावनी कहानी है, जिसे हमने यूरोप और अमेरिका में भी बहुत बार सुना है। ट्रम्प ने वेंस का सपोर्ट करते हुए कहा कि मैंने उनका भाषण सुना। उन्होंने अप्रवासियों के बारे में बात की, जो यूरोप में एक बड़ी दिक्कत है। यूक्रेन की नाटो में सदस्यता को अमेरिका का सपोर्ट नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी बुधवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर जंग खत्म करने को लेकर बातचीत की थी। ट्रम्प की पुतिन से लगभग डेढ़ घंटे बातचीत हुई। दोनों नेता एक-दूसरे के देशों का दौरा करने पर सहमत हुए। दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने साफ कर दिया कि अमेरिका अब युक्रेन को पहले की तरह बड़ी आर्थिक और सैन्य सहायता नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रम्प यूक्रेन की नाटो में सदस्यता का समर्थन नहीं करते हैं। हेगसेथ ने कहा कि यूक्रेन के लिए 2014 से पहले की सीमाओं पर लौटना अब असंभव है। अमेरिका रूस के साथ किसी भी शांति समझौते के लिए यूक्रेन में सैनिक नहीं भेजेगा। ट्रम्प 100 दिन के भीतर जंग रोकने की कोशिश में जुटे अमेरिका में ट्रम्प के शपथ लेने के बाद रूस-यूक्रेन जंग के समाप्त होने को लेकर चर्चा बढ़ गई है। चुनाव के दौड़ान ट्रम्प ने यह दावा किया था कि वे शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर जंग रोक देंगे। पिछले महीने यूक्रेन में ट्रम्प के विशेष शांति दूत कीथ केलॉग ने कहा था कि उनका मकसद ट्रम्प प्रशासन के 100 दिन के भीतर जंग रोकना है। जंग रोकने के लिए सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं जेलेंस्की ट्रम्प ने 10 फरवरी को कहा था कि वह जल्द ही अपने विशेष दूत कीथ केलॉग को यूक्रेन भेजेंगे। उन्हें जंग रोकने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का काम सौंपा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जंग को जल्द रोकने पर जोर दे रहे हैं लेकिन जेलेंस्की किसी भी समझौते पर पहुंचने के लिए अमेरिका से कड़ी सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। जेलेंस्की को डर है कि बिना सुरक्षा गांरटी के रूस को फिर से संगठित होने और नए हमले के लिए हथियारबंद होने का वक्त मिल जाएगा। वे यूक्रेन-रूस बॉर्डर पर शांति सेना या फिर यूक्रेन की नाटो मेंबरशिप चाहते हैं। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि वे यूक्रेन को फिर से डेवलप करने के लिए अमेरिकी कंपनियों को आकर्षक ऑफर देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा- जो लोग यूक्रेन को बचाने में हमारी मदद करना चाहते हैं, उनके फायदे के लिए वे विस्तार से बातचीत को तैयार हैं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के पास यूरोप का सबसे बड़ा खनिज भंडार है। यह रूस के हाथों में जाना अमेरिका के हित में नहीं है। वे अमेरिकी कंपनियों को यहां निवेश करने का मौका दे सकते हैं ताकि यूक्रेन के लिए रोजगार भी पैदा हो और अमेरिकी कंपनियों को भी मुनाफा हो। -------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प ने पुतिन-जेलेंस्की से बात की:बोले- जंग रोकने के लिए जल्द चर्चा होगी; अमेरिका ने कहा- यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर जंग खत्म करने को लेकर बातचीत की। ट्रम्प की पुतिन से लगभग डेढ़ घंटे बातचीत हुई। दोनों नेता एक-दूसरे के देशों का दौरा करने पर सहमत हुए। यहां पढ़ें पूरी खबर...

अमेरिका बोला- हम यूक्रेन में टिकाऊ शांति चाहते हैं: यूरोप से कहा- अपनी सुरक्षा मजबूत करो, ताकि हम दूसरे खतरों पर फोकस करें
Kharchaa Pani - अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन के मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन में टिकाऊ शांति की आवश्यकता है और यूरोप से आशा की है कि वे अपनी सुरक्षा को मजबूत करें। यह स्थिति वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस बारे में हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकन ने बयान दिया।
यूक्रेन में टिकाऊ शांति की जरुरत
अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन में शांति की स्थापना सिर्फ एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक समाधान है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "यूक्रेन में शांति की स्थापना से न केवल क्षेत्र की स्थिरता होगी, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा को भी एक नया आयाम देगी।" इस संबोधन में, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा और मनोबल बनाए रखेगा।
यूरोप को सुरक्षा में मजबूती लाने की सलाह
ब्लिंकन ने यूरोप से यह अनुरोध किया कि वह अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए। उनका कहना था कि यदि यूरोप अपनी सुरक्षा को मजबूत करता है, तो अमेरिका अन्य खतरों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा। बात करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया में कई ऐसे खतरे हैं जिन्हें हमें एक साथ मिलकर निपटाना होगा।" इसलिये यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाना आवश्यक है।
वैश्विक सुरक्षा के मुद्दे
यूक्रेन का संकट केवल एक क्षेत्रीय समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। अमेरिका और नाटो के सहयोग से ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा में कोई बाधा न आए। इसके लिए, सभी देशों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
अंत में, अमेरिका का यह स्पष्ट रूप से कहना है कि वे यूक्रेन में टिकाऊ शांति की कामना करते हैं। इसके साथ ही, यूरोप में सुरक्षा को मजबूती देने की आवश्यकता है। केवल एकजुट होकर ही हम वैश्विक सुरक्षा में संतुलन बना सकते हैं। अमेरिका और यूरोप के बीच की यह बातचीत आने वाले समय में वैश्विक रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
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