चारधाम के साथ ही अन्य मंदिरों में भी दर्शन को पहुंच रहे श्रद्धालु, तीर्थाटन का दायरा बढ़ने से मिल रहा यह लाभ
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चारधाम के साथ ही अन्य मंदिरों में भी दर्शन को पहुंच रहे श्रद्धालु, तीर्थाटन का दायरा बढ़ने से मिल रहा यह लाभ
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**Author: Aditi Sharma, Priya Verma, Meera Joshi**
रुद्रप्रयाग जिले की आर्थिकी में सुधार
तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम के साथ ही अन्य मंदिरों व तीर्थस्थलों में भी दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चारधाम में ही अभी तक 32 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं। राज्य में गत कई वर्षों से तीर्थाटन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ा है, जो अब स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। इससे चारधाम यात्रा मार्गों की तरह अन्य स्थानों पर भी आर्थिक गतिविधियाँ तेज होने के साथ ही स्थानीय आर्थिकी को संबल मिल रहा है।
चारधाम यात्रा का बढ़ता आकर्षण
उत्तराखंड में स्थित चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रति वर्ष यात्रा के दौरान देश-विदेश से तीर्थयात्री आते हैं। वर्तमान यात्रा सीजन में चारधाम और हेमकुंड साहिब के लिए 44 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इनमे से लगभग 32 लाख तीर्थयात्री पहले ही यात्रा पूरी कर चुके हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर इसका सकारात्मक आर्थिक प्रभाव स्पष्ट है।
सरकार की पहल का प्रभाव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंबे समय से अन्य तीर्थ स्थलों और धामों, मंदिरों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है, ताकि तीर्थयात्रियों के अधिक से अधिक आगमन को प्रोत्साहित किया जा सके। रुद्रप्रयाग जिले में कार्तिकेय स्वामी मंदिर और उत्तरकाशी के जगन्नाथ मंदिर जैसी स्थानीय धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है। कार्तिकेय स्वामी मंदिर में गत वर्ष लगभग चार लाख लोग पहुंचे थे, जबकि इस बार भी वहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।
आर्थिकी में नवजीवन
उत्तरकाशी में जगन्नाथ मंदिर में इस वर्ष अब तक 25 हजार से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे हैं। केवल चारधाम ही नहीं, बल्कि अन्य धार्मिक स्थलों पर भी तीर्थ यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके फलस्वरूप इन क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन और प्रसाद सहित विभिन्न आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। इससे स्थानीय निवासियों की आजीविका में सुधार हो रहा है, जो सरकार की सक्रिय नीतियों का परिणाम है।
निष्कर्ष
अंत में, उत्तराखंड में तीर्थाटन का दायरा बढ़ने से न केवल धार्मिक स्थलों को लाभ हो रहा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। अगर यह रुझान जारी रहता है, तो आने वाले समय में राज्य की आर्थिकी और भी मजबूत हो सकती है। ऐसे में सरकार का प्रयास और स्थानीय निवासियों की मेहनत इस क्षेत्र के विकास की कुंजी बन सकती है।
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