गीत के जरिए महिलाओं की लज्जा का किया अनादर, हुआ मुकदमा

एक यू-ट्यूब चैनल पर पवन सेमवाल नाम के व्यक्ति द्वारा अपनी फेसबुक आईडी से एक गीत प्रसारित/ प्रचारित किया गया था, जिसमें उसके द्वारा उत्तराखंड में महिलाओं व बेटियों की लज्जा का अनादर का प्रयास करते हुए उनके विरुद्ध अभद्र … read more

Jul 21, 2025 - 18:34
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गीत के जरिए महिलाओं की लज्जा का किया अनादर, हुआ मुकदमा

गीत के जरिए महिलाओं की लज्जा का किया अनादर, हुआ मुकदमा

एक यू-ट्यूब चैनल पर पवन सेमवाल नाम के व्यक्ति द्वारा अपनी फेसबुक आईडी से एक गीत प्रसारित/ प्रचारित किया गया था, जिसमें उसके द्वारा उत्तराखंड में महिलाओं व बेटियों की लज्जा का अनादर का प्रयास करते हुए उनके विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की गई। यह मामला न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में महिलाओं के सम्मान और अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

मामले की पृष्ठभूमि

अभियुक्त पवन सेमवाल ने पहले यही वीडियो यूट्यूब चैनल से हटा दिया था, लेकिन 19 जुलाई 2025 को उक्त व्यक्ति ने पुनः उसी यूट्यूब चैनल पर अपने फेसबुक आईडी से गाने को दोबारा प्रचारित करते हुए उत्तराखंड की महिलाओं के प्रति हीनभावना फैलाने का प्रयास किया। इस गाने से आहत होकर एक महिला ने कोतवाली पटेल नगर में तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने पवन सेमवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया

पुलिस ने शिकायत की जांच करते हुए पवन सेमवाल को दिल्ली के कल्याणपुरी थाने में बुलाया, जहां से उसे देहरादून लाया गया। अभियुक्त से आवश्यक पूछताछ के बाद उसे विवेचना के अंतर्गत धारा 35(a) BNSS का नोटिस दिया गया और उसे थाने से रवाना कर दिया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि पवन सेमवाल को भविष्य में विवेचना में सहयोग देने की कानूनी हिदायत दी गई है।

समाज पर असर

यह मामला केवल एक गीत से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं की छवि और उनके सम्मान को लेकर विस्तृत चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण इस तरह के गीतों को अत्यधिक शेयर किया जाता है, जिससे समाज में नकारात्मक सोच फैलती है। यह भी आवश्यक है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अभद्र टिप्पणियों से महिलाओं का अपमान करने का साहस न करे।

निष्कर्ष

इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि हमें अपने समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। कलाकारों और संगीतकारों को अपने काम में इस बात का ख्याल रखना होगा कि वे किस तरह की सामग्री प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें ऐसे गानों का विरोध करना चाहिए, जो समाज में नकारात्मकता फैलाते हैं। महिलाओं की लज्जा का अनादर करना कोई भी समाज स्वीकार नहीं कर सकता।

इस घटना ने समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि हमें अपने मूल्यों और संस्कारों की रक्षा करनी चाहिए। आगे चलकर, हम सभी को इस दिशा में संगठित होकर कार्य करने की आवश्यकता होगी।

लेखक: सुमन वर्मा, पायल शर्मा, टीम खर्चापानी

Keywords:

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