राहुल बोले-चीन ने हमारी 4 हजार वर्ग किमी जमीन कब्जाई:विदेश सचिव गलवान के शहीदों पर केक काट रहे; PM चिट्ठियां लिख रहे
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को भारत-चीन के राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह के जश्न को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा- चीन हमारे 4 हमारी वर्ग किमी इलाके पर कब्जा करके बैठा है, लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि हमारे विदेश सचिव (विक्रम मिस्री) चीनी राजदूत के साथ केक काट रहे थे। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बोलते हुए राहुल ने कहा- हम सामान्य स्थिति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उससे पहले हमें अपनी जमीन वापस मिलनी चाहिए। मुझे पता चला कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने चीनी राजदूत को चिट्ठी लिखी है और यह भी हमें दूसरों से पता चल रहा है। चीनी राजदूत भारत के लोगों को बता रहे हैं कि उन्हें चिट्ठी लिखी गई। राहुल का तंज- भाजपा की फिलॉसफी हर विदेश के सामने सिर झुकाती मोदी सरकार की विदेश नीति पर राहुल गांधी ने कहा- एक तरफ आपने चीन को हमारी जमीन दे दी और दूसरी तरफ अमेरिका ने हम पर टैरिफ (जैसे को तैसा टैक्स) लगा दिया। इससे देश की ऑटो इंडस्ट्री, फार्मास्यूटिकल्स और एग्रीकल्चर को पूरी तरह से तबाह हो जाएगी। राहुल ने कहा- एक बार किसी ने इंदिरा जी से पूछा कि विदेश नीति के मामले में आप बाएं झुकती हैं या दाएं। इस पर उन्होंने जवाब दिया की मैं बाएं या दाएं नहीं झुकती। मैं भारतीय हूं और सीधी खड़ी हूं। भाजपा और RSS की फिलॉसफी अलग है। जब उनसे पूछा जाता है तो वे कहते हैं नहीं, नहीं, हम हर विदेशी के सामने अपना सिर झुकाते हैं। यह उनके इतिहास में है, हम जानते हैं। सरकार को जवाब देना चाहिए कि वह अमेरिकी टैरिफ पर क्या कर रही है। बीते दिन अमेरिका ने भारत पर 27 प्रतिशत जैसे को तैसा टैक्स लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने कहा गया है कि भारत अमेरिकी सामानों पर बहुत ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) लगाती है। लद्दाख के LG ने राहुल के दावे को गलत बताया था राहुल गांधी ने 2022 में लद्दाख दौरे पर कारगिल में रैली की थी। वहां उन्होंने दावा किया था कि चीन ने भारत की हजारों किमी जमीन पर कब्जा किया है। इस पर लद्दाख के उपराज्यपाल (LG) ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा ने कहा था कि चीन ने भारत की एक वर्ग इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं किया है। उन्होंने कहा था- 1962 (भारत-चीन युद्ध) में जो कुछ भी हुआ, उस पर बात करने से कोई फायदा नहीं। आज सीमा की आखिरी इंच जमीन भी हमारे कब्जे में हैं। भगवान न करे अगर हालात बिगड़े तो सेना के जवान मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।

राहुल बोले-चीन ने हमारी 4 हजार वर्ग किमी जमीन कब्जाई: विदेश सचिव गलवान के शहीदों पर केक काट रहे; PM चिट्ठियां लिख रहे
लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेतानगरी
Tagline: Kharchaa Pani
परिचय
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद फिर से चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में कहा कि चीन ने हमारी 4000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस बयान के साथ साथ, विदेश सचिव की हालिया गतिविधियों ने देशवासियों का ध्यान खींचा है। आइए विस्तार से समझते हैं इस मुद्दे की जड़ें और उसके राजनीतिक निहितार्थ।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से यह दावा किया कि चीन ने भारतीय सीमाओं में 4000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा किया है। उनका यह बयान गलवान की घटना के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जहाँ भारतीय जवानों ने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। अब सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार इस स्थिति का सही ढंग से सामना कर रही है? राहुल का यह आरोप सरकार की रक्षा नीति पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है।
विदेश सचिव की हरकतें
बीते दिनों विदेश सचिव ने गलवान के शहीदों की स्मृति में एक केक काटा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह घटना कई लोगों के लिए चौंकाने वाली रही। जब पूरा देश शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि दे रहा था, विदेश सचिव का ऐसा कदम कई तरह के सवाल खड़े करता है। क्या यह सही समय था जश्न मनाने का? क्या यह शहीदों का अपमान नहीं है?
प्रधानमंत्री का चुप्पी की रणनीति
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिट्ठियों के माध्यम से सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री की यह चुप्पी केवल एक रणनीति है, जबकि अन्य इसे एक आवश्यक कर्तव्य मानते हैं। क्या चिट्ठियों के जरिए लोगों की भावनाओं को समझना संभव है?
समाज की प्रतिक्रिया
इस विवाद पर आम जनता की प्रतिक्रिया भी खुलकर सामने आ रही है। कई लोग राहुल गांधी के बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि उन्होंने केवल राजनीति के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया है। इस बीच, ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ भी देखने लायक रही हैं। यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर सभी की राय अलग-अलग है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी के आरोप और विदेश सचिव की हरकतें दोनों ही एक गंभीर मुद्दा हैं, जिस पर देश को गंभीरता से सोचना चाहिए। अगर हमें अपनी जमीन और संप्रभुता की रक्षा करनी है, तो हमें एकजुट होकर मजबूत कदम उठाने होंगे। केवल बयानबाजी से कुछ नहीं होगा।
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