मणिपुर में जनजातीय हिंसा- एक व्यक्ति की मौत:हमार जनजाति के युवकों ने जोमी झंडा उतारा, विवाद बढ़ा; सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मंगलवार रात करीब 10 बजे जोमी और हमार जनजाति के बीच हिंसा हुई। इस हिंसा में हमार जनजाति के रोपुई पाकुमटे नामक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। ये हिंसा तब हुई जब हमार जनजाति के युवकों ने सीलमत क्षेत्र के पास फहराए गए जोमी झंडे को उतार दिया। हिंसा रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया हिंसा को रोकने के लिए बुधवार सुबह सिक्योरिटी फोर्स ने फ्लैग मार्च किया। साथ ही चुराचांदपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर धरुण कुमार ने अपील करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए जिला मजिस्ट्रेट हर संभव कोशिश कर रही है। जिला प्रशासन सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। साथ ही डीसी धरुण कुमार ने जिले के सभी जनजाति और संगठनों के नेताओं और अन्य सीएसओ नेताओं से शांति को बहाल करने में मदद की अपील की है। हिंसा से जुड़े अन्य फुटेज देखें... दो जनजातियों के बीच कैसे शुरू हुआ विवाद... 16 मार्च: रविवार देर शाम हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था। रिचर्ड अपनी गाड़ी चला रहे थे, जो एक दोपहिया सवार से टकराने से बची। इससे रिचर्ड की दोपहिया वाहन सवार युवकों से कहासुनी हो गई। जो बाद में इतनी आगे बढ़ गई कि दूसरे पक्ष ने रिचर्ड पर हमला कर दिया। 17 मार्च: इलाके में तनाव बढ़ने के बाद हमार जनजाति के लोगो ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करना शुरु कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों ने उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग की। इसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया। हमार संगठन बोला- सदस्यों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा हमले की आलोचना करते हुए हमार इनपुई ने कहा कि अपराधियों को तुरंत पकड़ा जाए। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर वे अपनी खुद की कार्रवाई करेंगे। संगठन ने कहा, "यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है। ITLF के सदस्यों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, जिससे उत्पीड़न और हिंसा का एक परेशान करने वाला पैटर्न उजागर होता है। हम इन कायरतापूर्ण कृत्यों की निंदा करते हैं, जो हमारे नेतृत्व और सदस्यों को चुप कराने और डराने की कोशिश करते हैं।" ------------------------- मणिपुर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर के चुराचांदपुर में कर्फ्यू:हमार जनजाति के नेता पर हमले के चलते हिंसा, पुलिस ने हवाई फायरिंग कर उपद्रवियों को खदेड़ा मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में रविवार देर शाम हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था। सोमवार को हमार जनजाति के लोगों ने न्याय की मांग को लेकर बंद बुलाया। पूरी खबर पढ़ें...

मणिपुर में जनजातीय हिंसा: एक व्यक्ति की मौत, हमार जनजाति के युवकों ने जोमी झंडा उतारा, विवाद बढ़ा; सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च
Kharchaa Pani
लिखा: राधिका शर्मा, दल नेटानागरी
परिचय
मणिपुर में हाल ही में हुई जनजातीय हिंसा ने पूरे राज्य में तनाव उत्पन्न कर दिया है। इस दौरान एक व्यक्ति की जान भी चली गई है। हमार जनजाति के युवकों द्वारा जोमी झंडा उतारे जाने की घटना ने मामला और गंभीर बना दिया है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया है। आइए, जानते हैं इस मुद्दे की गहराई में जाने और इसके कारणों पर गौर करते हैं।
घटना के विवरण
यह घटना मणिपुर के एक छोटे से गांव में घटी, जहां जनजातीय समूहों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। बताया जा रहा है कि हमार जनजाति के युवकों ने विरोध स्वरूप जोमी झंडा उतारा, जिसके बाद हिंसक वारदातें हुईं। इस माहौल में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जिसने लोगों के मन में और भी चिंता बढ़ा दी है।
हिंसा का कारण
इस हिंसा की जड़ें लंबे समय से चली आ रही जनजातीय तनाव में निहित हैं। मणिपुर में विभिन्न जनजातियों के बीच के विवाद, मुख्यत: भूमि अधिकार, राजनीतिक भागीदारी, और सामाजिक प्रगति के मुद्दों को लेकर होते हैं। ये मुद्दे समय-समय पर छोटे-छोटे संघर्षों का कारण बनते हैं, लेकिन अब यह स्थिति गंभीर रूप ले चुकी है।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने फ्लैग मार्च किया और स्थानीय निवासियों के बीच शांति बनाए रखने का प्रयास किया। इसके साथ ही, अधिकारियों ने स्थानीय नेताओं और जनजातीय प्रमुखों के साथ बैठकें कीं ताकि विवाद को सुलझाने के रास्ते तलाशे जा सकें।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ के अनुसार, यह एक जरूरी कदम था, जबकि कुछ ने इसे अत्यधिक प्रतिक्रिया माना। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स भी इस मामले पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है।
निष्कर्ष
जनजातीय तनाव और हिंसा का यह मामला मणिपुर के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करता है। जनजातीय एकजुटता और आपसी संवाद का अभाव ऐसे हालात को जन्म देता है। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द शांति स्थापित करने के उपाय करें। अगर यह समस्या अनसुनी की गई, तो इसका प्रभाव और भी व्यापक हो सकता है।
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