रिपोर्ट- देश के 45% विधायकों पर क्रिमिनल केस:1205 पर गंभीर आरोप; सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश के 79% MLA दागी, सबसे कम सिक्किम के
चुनाव सुधार पर काम करने वाले NGO एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के 45% विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ADR ने देश के 28 राज्यों और विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 4123 विधायकों में से 4092 के चुनावी हलफनामे का एनालिसिस किया। आंध्र प्रदेश के सबसे ज्यादा 174 में से 138 (79%) विधायकों ने जबकि, सिक्किम में सबसे कम 32 में से सिर्फ एक विधायक (3%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सबसे ज्यादा 134 विधायकों में से 115 (86%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट से पता चला कि 1861 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। इसमें 1205 पर हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं। 24 विधायकों के हलफनामे का एनालिसिस खराब स्कैनिंग की वजह से नहीं किया जा सका, जबकि विधानसभाओं में सात सीटें खाली हैं। 127 विधायकों पर महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले रिपोर्ट के अनुसार, 54 विधायकों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप हैं। वहीं, 226 पर IPC की धारा 307 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 के तहत हत्या की कोशिश के आरोप हैं। इसके अलावा 127 विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले दर्ज हैं। इनमें 13 पर IPC की धारा 376 और 376 (2)(n) के तहत बलात्कार का आरोप है। धारा 376 (2)(n) एक ही पीड़ित के बार-बार यौन उत्पीड़न से संबंधित है। ADR की अन्य रिपोर्ट्स... चंद्रबाबू सबसे अमीर CM, ममता ₹15 लाख के साथ सबसे गरीब 30 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट से पता चला कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनके पास 931 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी 15 लाख रुपए की संपत्ति के साथ सबसे गरीब हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-2024 में जहां भारत की प्रति व्यक्ति नेट नेशनल इनकम (NNI) करीब 1 लाख 85 हजार 854 रुपए रही, वहीं एक मुख्यमंत्री की औसत आय 13 लाख 64 हजार 310 रुपए थी। यह भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय से करीब 7.3 गुना ज्यादा है। 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए, जबकि कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपए है। भाजपा को एक साल में ₹4340.47 करोड़ चंदा, 51% खर्च किया ADR ने 17 फरवरी, 2025 को राष्ट्रीय दलों को मिले चंदे को लेकर रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में भाजपा को सबसे ज्यादा 4340.47 करोड़ रुपए का चंदा मिला। दूसरे नंबर पर कांग्रेस को 1225.12 करोड़ रुपए मिले। रिपोर्ट में बताया कि पार्टियों को चंदे का बड़ा हिस्सा चुनावी बॉन्ड से मिला। भाजपा ने अपनी कमाई का कुल 50.96% यानी 2211.69 करोड़ रुपए, जबकि कांग्रेस ने अपनी इनकम का 83.69% यानी 1025.25 करोड़ रुपए खर्च किया। AAP को चंदे में 22.68 करोड़ रुपए मिले जबकि पार्टी ने उससे ज्यादा 34.09 करोड़ रुपए खर्च किए। सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 74.57% हिस्सा अकेले भाजपा को मिला। बाकी 5 दलों को 25.43% चंदा मिला। ------------------------------------------------------ ADR रिपोर्ट्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... लोकसभा चुनाव में डाले और गिने गए वोट में अंतर; ADR रिपोर्ट से पता चला, 362 सीटों पर 5.54 लाख वोट कम गिने गए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मुताबिक, लोकसभा की 362 सीटों पर कुल वोट और गिने गए वोटों में 5,54,598 का अंतर है, यानी इन सीटों पर इतने वोट कम गिने गए हैं। वहीं, 176 सीटों पर कुल पड़े वोटों से 35,093 वोट ज्यादा गिने गए हैं। पूरी खबर पढ़ें...

रिपोर्ट- देश के 45% विधायकों पर क्रिमिनल केस:1205 पर गंभीर आरोप; सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश के 79% MLA दागी, सबसे कम सिक्किम के
खर्चा पानी
लेखिका: नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
भारत के राजनीतिक इतिहास में विधायकों की छवि हमेशा से विवादों में रही है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश के लगभग 45% विधायकों पर किसी न किसी प्रकार का क्रिमिनल केस दर्ज है। यह आंकड़ा राजनीतिक संस्थाओं की दृष्टि से चिंता का विषय बनता जा रहा है।
आंकड़े और तथ्य
रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल 1205 विधायकों पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, बलात्कार, और अन्य संगीन अपराध शामिल हैं। इन आंकड़ों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि ये हमारे लोकतंत्र और सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में, आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना है, जहां 79% विधायक दागी माने गए हैं।
आंध्र प्रदेश का मामला
आंध्र प्रदेश के विधायकों का यह आंकड़ा एक गंभीर चिंता का विषय है। इस प्रदेश में विधायक चुनावों में जीतने के लिए अक्सर न केवल धनबल का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि कई बार आपराधिक तत्वों की मदद भी लेते हैं। इस प्रकार की स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरा है और आगे बढ़ने के लिए समाज को इसे रोकने की आवश्यकता है।
सिक्किम में स्थिति
इसके विपरीत, सिक्किम राज्य में केवल 5% विधायक ही ऐसे हैं जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। यह आंकड़ा अपने आप में एक प्रेरणा है और दिखाता है कि किस प्रकार से एक राज्य की राजनीतिक संस्कृति और समाजिक स्थिति पर निर्भर करता है।
राजनीतिक और समाजिक प्रभाव
विधायकों पर ऐसे गंभीर आरोप लोकतंत्र और सरकारी कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर डालते हैं। जब लोग अपने प्रतिनिधियों पर विश्वास नहीं कर पाते, तो इससे चुनावों में उनकी भागीदारी भी कम होती है। इसके अलावा, यह स्थिति नए नेताओं के लिए भी चुनौती बनती है, जो अपनी छवि को साफ रखना चाहते हैं।
समाप्ति
इस प्रकार, यह रिपोर्ट न केवल आंकड़ों का संग्रह है, बल्कि हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपनी राजनीतिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए हमें ऐसे विधायकों को चुनने की दिशा में सोचना होगा जो पारदर्शिता और ईमानदारी का परिचय देते हों।
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