नागपुर हिंसा-6 दिन बाद शहर से कर्फ्यू पूरी तरह हटा:पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी; दंगों के बाद 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा था
नागपुर में हिंसा के छह दिन बाद शहर में पूरी तरह से कर्फ्यू हटा लिया गया है। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने रविवार को दोपहर 3 बजे से बाकी बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी। इससे पहले शनिवार को शहर के पचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा पुलिस स्टेशन इलाकों से कर्फ्यू हटाया गया था। 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर थाना क्षेत्रों से और 22 मार्च को पचपावली, शांति नगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामबाड़ा क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया गया था। औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद 17 मार्च नागपुर में हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। हिंसा में डिप्टी पुलिस कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए। मामले में अबतक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच करेगी हिंसा की जांच नागपुर हिंसा में घायल 40 साल के इरफान अंसारी की शनिवार दोपहर 1:20 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 17 मार्च से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGGMCH) में भर्ती था। वेल्डर अंसारी सोमवार रात करीब 11 बजे नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकला था। हिंसा से प्रभावित इलाकों में से एक नागपुर रेलवे स्टेशन भी है। इस बीच नागपुर हिंसा के मामले में शुक्रवार देर रात हामिद इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया। हामिद माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष है। रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। अजित पवार बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने कहा- जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा। पवार ने ये बयान पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिमखाना में शुक्रवार को दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान दिया। पवार ने ये भी कहा- रमजान हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और शाहू जी महाराज ने जातियों को एकसाथ लाकर समाज के उत्थान का मार्ग दिखाया। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। शुक्रवार शाम तक 105 आरोपी गिरफ्तार नागपुर हिंसा केस में शुक्रवार शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई, जिनमें 10 किशोर भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, पुलिस ने इस मामले में 3 नई FIR दर्ज की हैं। पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी (इंटरनेट सर्विस बंद) खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में राहत दी गई है। 9 थाना क्षेत्रों में हिंसा के छठे दिन यानी शनिवार को भी कर्फ्यू बरकरार रखा गया है। कर्फ्यू हटाने का फैसला हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के बाद लिया जाएगा। मुख्य आरोपी फहीम ने जमानत याचिका लगाई नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई है। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद फहीम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद फहीम ने नागपुर जिला एवं सत्र में जमानत याचिका भी दायर की। उनके वकील अश्विन इंगोले ने कहा कि इस पर 24 मार्च को सुनवाई हो सकती है। फहीम की जमानत याचिका में 3 दावे 17 मार्च को VHP के प्रदर्शन के बाद हिंसा हुई थी नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की। पुलिस पर भी हमला किया गया। तीन डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई। औरंगजेब विवाद की टाइमलाइन... 3 मार्च को सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने

नागपुर हिंसा-6 दिन बाद शहर से कर्फ्यू पूरी तरह हटा
Kharchaa Pani द्वारा, लेखकों की टीम नेटानागरी
नागपुर में हाल के दिनों में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा और शांति बहाल करने के उद्देश्य से शहर में लगाए गए कर्फ्यू को 6 दिन बाद पूरी तरह हटा लिया गया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब प्रशासन को लगा कि स्थिति सामान्य हो चुकी है और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब कर्फ्यू की आवश्यकता नहीं रह गई है।
पुलिस तैनाती और गश्त जारी रहेगी
कर्फ्यू हटने के बावजूद, नागपुर में पुलिस की तैनाती अब भी बनाए रखी जाएगी। शहर के 11 इलाकों में स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस गश्त जारी रखेगी। यह कदम नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
दंगों का कारण और समय सीमा
हाल में नागपुर में हुए दंगों के कारणों की जांच अभी भी जारी है। कई नागरिक संगठनों ने सरकार से स्पष्टता की मांग की है कि किस प्रकार की घटनाएं इस हिंसा के पीछे थीं। इस हिंसा में अनेक लोगों के घायल होने की सूचना है, जिससे स्थानीय समुदायों में चिंता बढ़ गई है। निश्चित रूप से, ऐसी घटनाएं समाज में नफरत और असामंजस्य को बढ़ावा देती हैं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं
कर्फ्यू हटने के बाद स्थानीय निवासियों में राहत की लहर है। कई लोगों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए आशा जताई है कि अब वे अपने दैनिक कार्यों को सुचारू रूप से कर सकेंगे। वहीं, कुछ निवासियों ने पिछले कई दिनों की तनावपूर्ण स्थिति को लेकर सरकार से और भी सख्त कदम उठाने की अपेक्षा भी की है।
अंत में एक चिंतन
नागपुर हिंसा ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि समाज में सामंजस्य बनाए रखना कितना आवश्यक है। शांति और सहिष्णुता को बढ़ावा देना ही समाज की सच्ची ताकत है। आने वाले दिनों में, हमें उम्मीद है कि नागपुर बस एक उदाहरण बनेगा कि कैसे शांति को बहाल किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, यह समाचार नागपुर की वर्तमान स्थिति और प्रशासन के प्रयासों को दर्शाता है। यदि आप इस विषय में और अधिक जानना चाहते हैं, तो हमसे जुड़े रहें। खर्चा पानी की वेबसाइट पर और अपडेट्स के लिए जाएं।
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