दैनिक भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025:शिक्षा के भविष्य पर चर्चा हुई, शिवराज बोले- शिक्षा का मकसद ज्ञान, कौशल और संस्कार देना है
दिल्ली में दैनिक भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन हुआ। इसमें देशभर से 200 से ज्यादा शिक्षाविद शामिल हुए। उन्होंने शिक्षा नीति, ब्रांडिंग, फंडिंग और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की। 'शिक्षित भारत, विकसित भारत' विषय पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। यह केवल पीढ़ियों के अर्जित ज्ञान को स्थानांतरित करने का माध्यम नहीं, बल्कि ज्ञान, कौशल और नैतिक मूल्यों को विकसित करने का जरिया भी है। वहीं, राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा को हर स्तर पर सुलभ बनाना है, ताकि हर नागरिक अपने सपनों को साकार कर सके और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सके। कॉन्क्लेव से जुड़ी 5 तस्वीरें... प्रोग्राम में नई शिक्षा नीति को लेकर भी चर्चा हुई कॉन्क्लेव के दौरान 'विजन ऑफ एजुकेशन इन इंडिया' विषय पर AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) के अध्यक्ष टी.जी. सीताराम ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली में तकनीक, नवाचार और उद्योग से जुड़ाव को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। वहीं, NAAC और NETF के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे और पूर्व CBSE अध्यक्ष अशोक गांगुली ने नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह नीति शिक्षा को सभी के लिए सुलभ, व्यावहारिक और शोध पर आधारित बनाने के लिए बनाई गई है। इसके तहत स्कूल से लेकर कॉलेज तक शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को बेहतर अवसर और ज्ञान मिल सके।

दैनिक भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025: शिक्षा के भविष्य पर चर्चा हुई, शिवराज बोले- शिक्षा का मकसद ज्ञान, कौशल और संस्कार देना है
Kharchaa Pani
लेखिका: प्रियंका शर्मा, नेहा वर्मा, टीम नेतनागरी
परिचय
दैनिक भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन हाल ही में हुआ, जिसमें शिक्षा के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य वक्ता के तौर पर भाग लिया। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान, कौशल और संस्कार प्रदान करना होना चाहिए।
शिक्षा का उद्देश्य
शिवराज सिंह चौहान ने अपने خطاب में कहा कि, "शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन में सही दिशा देने का आधार है।" उन्होंने कहा कि बच्चों को ऐसा शिक्षा चाहिए जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाए। इसमें न केवल ज्ञान, बल्कि नैतिक मूल्यों का भी समावेश होना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि हमें बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
टेक्नोलॉजी और शिक्षा
कॉन्क्लेव में तकनीकी और शिक्षा के संबंध पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि आधुनिक तकनीक जैसे ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म, मोबाइल एप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे साधनों का उपयोग कर शिक्षा में क्रांति लाई जा सकती है। इस सन्दर्भ में शिवराज ने कहा कि, "हमें बच्चों को टेक्नोलॉजी की सही जानकारी और उसे प्रभावी रूप से उपयोग करने की शिक्षा देनी होगी।"
शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता
भविष्य की शिक्षा प्रणाली में क्या बदलाव होने चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई। शिक्षाविदों ने जोर दिया कि पाठ्यक्रम को समय के साथ अद्यतन करना होगा। इसके साथ ही, शिक्षकों को भी नई तकनीकों और विधियों से प्रशिक्षित करना आवश्यक है ताकि वे बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें।
निष्कर्ष
दैनिक भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव 2025 ने शिक्षा क्षेत्र में संवाद और नवाचार को प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। इस प्रकार के मंच शिक्षा के सुधार के लिए आवश्यक हैं। हमें उम्मीद है कि इस चर्चा से निकले विचार और सुझाव शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। अगर हम शिक्षा के उद्देश्य को सही प्रकार से समझें और लागू करें, तो हम आने वाले पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
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