ट्रम्प अमेरिकी शिक्षा विभाग बंद करने का तैयारी में:बेकार और उदारवादियों से प्रभावित बताया; डिपार्टमेंट के पास एजुकेशन फंडिंग का अधिकार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी शिक्षा विभाग बंद करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। ट्रम्प का यह फैसला अमेरिका में शिक्षा सुधार से जुड़े उनके एजेंडे का हिस्सा है। ट्रम्प ने हाल के दिनों में इस एजेंसी के वर्कफोर्स में भारी कटौती की है। इसके बाद भी यह एजेंसी स्कूलों के लिए फंडिंग प्रोग्राम की देखरेख कर रही है। ट्रम्प ने शिक्षा विभाग को बेकार और उदारवादी विचारधारा से प्रभावित बताया है। ट्रम्प का मानना है कि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम छात्रों के लिए अच्छा नहीं है और इसमें कई बदलाव की जरूरत है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग का स्कूलों पर बहुत ज्यादा कंट्रोल है। ट्रम्प लोकल अधिकारियों और बच्चों के माता-पिता को ज्यादा अधिकार देना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि इससे पूरे देश में बच्चों की शिक्षा के बेहतर नतीजे सामने आएंगे। ट्रम्प के आदेश के बाद भी तुरंत बंद नहीं होगा विभाग एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रम्प के आदेश के बाद भी यह डिपार्टमेंट तुरंत बंद नहीं होगा। इसे बंद करने लिए अमेरिकी सीनेट (संसद का ऊपरी सदन) में 60 वोटों की जरूरत होगी, लेकिन यहां ट्रम्प की रिपब्लिकन के पास सिर्फ 53 सीटें हैं। इस डिपार्टमेंट को 1979 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) ने कैबिनेट स्तर की एजेंसी के तौर पर स्थापित किया था। इस डिपार्टमेंट के पास 268 अरब डॉलर डॉलर के फंडिंग प्रोग्राम की जिम्मेदारी है। यह स्टुडेंट्स के लिए लोन और स्पेशल एजुकेशन जैसे प्रोग्राम की देखरेख करती है। इसके साथ ही कम आय वाले स्कूलों को लोन भी देती है। विभाग बंद हुआ तो स्कूलों में असमानता पैदा होने का खतरा कई एक्सपर्ट्स को लगता है कि इस फैसले से सार्वजनिक शिक्षा गलत असर पड़ सकता है। केंद्र की निगरानी को हटाने से स्कूलों में असमानता पैदा हो सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि शिक्षा विभाग सभी छात्रों के लिए समान अवसर तय करने में जरूरी रोल निभाता है। ट्रम्प के समर्थकों का कहना है कि शिक्षा पर लोकल कंट्रोल ज्यादा बेहतर रहेगा। स्थानीय नेता, माता-पिता और स्कूल लोकल जरूरतों को बेहतर तरीके से समझते हैं। व्हाइट हाउस की तरफ से हैरिसन फील्ड्स ने मीडिया से कहा कि यह ऑर्डर माता-पिता और स्कूलों को बच्चों का रिजल्ट बेहतर करने में मदद करेगा। नेशनल असेसमेंट टेस्ट के हालिया स्कोर बताते हैं कि हमारे बच्चे पिछड़ रहे हैं। कई विभागों में छंटनी कर चुके हैं ट्रम्प 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद से ट्रम्प कई डिपार्टमेंट में छंटनी कर चुके हैं। ट्रम्प प्रशासन ने संघीय कर्मचारियों को बायआउट करने यानी खुद से नौकरी छोड़ने का ऑफर दिया था। नौकरी छोड़ने के बदले कर्मचारियों को 8 महीने का अतिरिक्त वेतन देने की बात कही थी। इसके अलावा ट्रम्प ने USAID के तहत विदेशों को दी जाने वाली सभी तरह की मदद पर रोक लगाने का भी आदेश दिया है। संघीय सरकार में 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक संघीय कर्मचारियों की संख्या 30 लाख से ज्यादा है। यह अमेरिका की 15वीं सबसे बड़ी वर्कफोर्स है। प्यू रिसर्च के मुताबिक एक संघीय कर्मचारी का औसत कार्यकाल 12 साल का होता है।

ट्रम्प अमेरिकी शिक्षा विभाग बंद करने का तैयारी में: बेकार और उदारवादियों से प्रभावित बताया; डिपार्टमेंट के पास एजुकेशन फंडिंग का अधिकार
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी शर्मा, नेत्रा वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिकी राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी शिक्षा विभाग को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। उनका यह दावा है कि विभाग न केवल बेकार है, बल्कि उदारवादियों के प्रभाव में भी आ चुका है। ट्रम्प का यह कदम क्या अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा? चलिए जानते हैं।
ट्रम्प का विचार
डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि शिक्षा विभाग का अस्तित्व अमेरिकी शिक्षण प्रणाली को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा है कि यह विभाग अधिकतर उदारवादी विचारधारा को बढ़ावा देता है, जिससे राष्ट्र की शिक्षा में एक प्रकार की असमानता उत्पन्न हो रही है। उनके अनुसार, शिक्षा का अधिकार केवल संघीय सरकार को नहीं बल्कि राज्य सरकारों को भी देना चाहिए।
शिक्षा विभाग और उसके अधिकार
अमेरिकी शिक्षा विभाग के पास देश भर में शिक्षा फंडिंग का अधिकार है। यह विभाग विभिन्न योजनाओं और स्कीमों के माध्यम से शैक्षिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। ट्रम्प का आशंका है कि अगर यह विभाग बंद हो जाता है, तो हजारों छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा सकता है।
बेकार और उदारवादियों का मुद्दा
ट्रम्प के आलोचक मानते हैं कि उनका यह कदम केवल राजनीति का एक उपकरण है। वे यह भी कहते हैं कि教育 विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मातृभाषा, विशेष शिक्षा, और निम्न आय वर्ग के छात्रों के लिए विशेष योजनाओं का संचालन करता है। इसके बंद होने से शिक्षा में असमानता बढ़ सकती है।
संभावित प्रभाव
यदि ट्रम्प वास्तव में शिक्षा विभाग को बंद करने में सफल होते हैं, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव देश की शिक्षा प्रणाली पर पड़ सकता है। विशेषकर, निम्न वर्ग के छात्रों को वित्तीय मदद में कमी आ सकती है। इसके अलावा, शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधार योजनाएं भी प्रभावित होंगी।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प का शिक्षा विभाग को बंद करने का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण विषय बनता जा रहा है। इससे न केवल राजनीतिक परिदृश्य प्रभावित होगा, बल्कि देश की युवा पीढ़ी की शिक्षा पर भी गहरा असर पड़ेगा। इस विषय पर आगे की जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहें। खर्चा पानी के लिए यहाँ क्लिक करें।
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