सपा सांसद की जुबान काटने वाले को इनाम का ऐलान:श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के उदयपुर अध्यक्ष बोले- 5.51 लाख रुपए देंगे
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के मेवाड़ के राजा राणा सांगा को गद्दार कहने का मामला गर्मा गया है। देशभर में सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सांसद की जुबान काटने पर 5.51 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। दरअसल, उदयपुर में गुरुवार को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उदयपुर इकाई के अध्यक्ष अर्जुन सिंह चूंडावत ने ऐलान किया कि जो भी व्यक्ति सांसद सुमन की जुबान काटकर लाएगा, उसे 5.51 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा- अगर सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा पर दिए बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो मेवाड़ में आने वाले समाजवादी पार्टी के हर बड़े नेता का मुंह काला किया जाएगा। इस ऐलान के बाद सेना के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर सांसद सुमन का पुतला फूंका और उनको बर्खास्त करने की मांग की है। भीलवाड़ा में पुतले पर तलवार से हमला, आग लगाई राणा सांगा पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन के विवादित बयान के विरोध में भीलवाड़ा में भी प्रदर्शन किया गया। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना सहित राजपूत समाज के सभी संगठनों और सर्व समाज के पदाधिकारी वाहन रैली के रूप में स्टेशन चौराहा पहुंचे। यहां सांसद के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला दहन किया। इसके बाद सभी कलेक्ट्रेट पहुंचे और उपराष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर सांसद रामजीलाल सुमन की राज्यसभा की सदस्यता खारिज करने की मांग की। मेवाड़ के सांसदों ने लोकसभा में उठाया मुद्दा लोकसभा में गुरुवार को शून्यकाल के दौरान राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सांसद राव राजेंद्र सिंह ने राणा सांगा पर विवादित बयान का मुद्दा उठाया। सभी ने सपा सांसद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। सांगा के वंशज बोले- इतिहास की जानकारी लेकर बोले सपा सांसद के बयान पर राणा सांगा के वंशज हनुवंत सिंह बोहेड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा- नेताओं और हिंदुस्तान की जनता से मेरी विनती है कि पहले इतिहास की जानकारी लें। पृथ्वीराज चौहान के बाद अगर कोई हिंदुस्तान में राजा था तो वे राणा सांगा थे, जिन्होंने पूरे देश को एक झंडे के तले लाने का काम किया था। बोहेड़ा ने बताया- राणा सांगा ने कभी बाबर को नहीं बुलाया था। उन्होंने देश की राजनीतिक व्यवस्था को ये समझाया था कि अगर अफगानिस्तान और हिंदुस्तान के बीच पड़ने वाले दर्रे में 10 हजार लोगों को लगा दें तो वे देश में नहीं आ पाएंगे। उन्होंने हिंदुस्तान के राजाओं को समझाया कि मुझे अपने पुत्र दो। उसी से उन्होंने उस दर्रे में सेना बना कर खड़ी की। अब पढ़िए, सपा सांसद के बयान पर राजस्थान में नेताओं ने कब क्या कहा... तीन बिन्दुओं में समझें पूरा मामला... 1. राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा- भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। 2. उन्होंने कहा- मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। हिंदुस्तान का मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब और सूफी परंपरा को आदर्श मानता है। 3. रामजीलाल सुमन के इस बयान के बाद देशभर में सांसद के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। 26 मार्च को सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था और जमकर तोड़फोड़ की थी। हमले के वक्त सांसद रामजीलाल सुमन दिल्ली में थे।

सपा सांसद की जुबान काटने वाले को इनाम का ऐलान: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के उदयपुर अध्यक्ष बोले- 5.51 लाख रुपए देंगे
खर्चा पानी
हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक सांसद को लेकर एक विवादास्पद बयान सामने आया है, जिसमें जुबान काटने वाले को प्रशंसा एवं इनाम का ऐलान किया गया है। उदयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए 5.51 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। यह घटना राजनीतिक और सामाजिक रुख को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है।
राजपूत करणी सेना का बयान
उदयपुर के अध्यक्ष ने कहा कि यह घोषणा किसी व्यक्ति के द्वारा सांसद के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी की प्रतिक्रिया के रूप में की गई है। उनका कहना है कि ऐसे बयानों का समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सांसद की जुबान काटने की बात की है, जिससे उनकी गलती का एहसास हो सके।
राजनीतिक प्रभाव
इस घटना ने राजनैतिक दृष्टिकोण से भी कई सवाल उठाए हैं। यह कार्रवाई न केवल एक शांतिपूर्ण समाज या लोकतंत्र के लिए खतरनाक है बल्कि इससे राजनीतिक पार्टियों के बीच परस्पर संबंध और भी बिगड़ सकते हैं। ऐसे बयानों और प्रतिक्रियाओं से सही राजनीतिक विमर्श में बाधा पैदा होती है।
समाज की प्रतिक्रिया
समाज के विभिन्न वर्गों से इस मुद्दे पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इस इनाम की घोषणा को मज़ाक के तौर पर लिया है, जबकि कुछ इसे विवादास्पद मानते हैं। कई नागरिकों का कहना है कि ऐसी भड़काऊ बातें सामाजिक शांति को चुरा लेती हैं।
क्यों हैं यह मुद्दा महत्वपूर्ण?
इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के उदाहरण के रूप में भी देखा जा सकता है। समाज के नेताओं को अपने बयानों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और किसी भी तरह की भड़काऊ आमद को रोकने का प्रयास करना चाहिए।
निष्कर्ष
इस विवादास्पद बयान ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि राजनीति में संवाद का स्तर कितना गिर चुका है। समाज के हर नागरिक को चाहिए कि वे शांतिपूर्ण ढंग से संवाद करें और किसी भी प्रकार की हिंसा की ओर बढ़ने से बचें। हम जानते हैं कि लोकतंत्र की साख संवाद में ही है, न कि भड़काऊ बयानों में।
कम शब्दों में कहें तो, समाज के नेताओं को अपने बयानों को सोचना चाहिए और समाज में एकता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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