मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर जल्द मिलेगा:भारतीय कंपनी जोहो डेवलप करेगी, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर दे सकेंगे

भारत में जल्द ही लोग मेड इंडिया वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस ब्राउजर को भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कार्पोरेशन डेवलप करेगी। ये ब्राउजर गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े प्लेयर्स को टक्कर देगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार (20 मार्च) को इसकी घोषणा की। मंत्रालय ने स्वदेशी वेब ब्राउजर डेवलप करने के उद्देश्य से 'इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें जोहो कार्पोरेशन ने फर्स्ट प्राइज जीता है। इसके लिए जोहो को 1 करोड़ रुपए का प्राइस मिला है। वहीं, प्रतियोगिता में टीम पिंग दूसरे और टीम अजना तीसरे नंबर पर रही। टीम पिंग को 75 लाख रुपए और टीम अजना को 50 लाख रुपए मिलेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी विनर्स को प्राइस मनी का चेक दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, यह देखकर खुशी हुई कि इस चैलेंज में विजेता टियर 2 और टियर 3 शहरों से आ रहे हैं। ब्राउजर की खासियत क्या होगी इंटरनेट ब्राउजिंग में अमेरिकी कंपनियों का कब्जा भारत में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट ब्राउजिंग में अमेरिकी कंपनियों का कब्जा है। इनमें गूगल क्रोम को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय बाजार में गूगल क्रोम के करीब 850 मिलियन यूजर के साथ 88.94% हिस्सेदारी है। वेब ब्राउजर बनाने के लिए 3 करोड़ की फंडिंग सरकार की तरफ से मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर बनाने के लिए 3 करोड़ की फंडिंग का ऐलान किया गया है। इसके तैयार होने के बाद इसे सिक्योरिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके बाद यूजर्स स्वदेशी ब्राउजर का इस्तेमाल कर पाएंगे। स्वदेशी इंटरनेट ब्राउजर की जरूरत क्यों गूगल क्रोम, मोजिला, फॉयरफॉक्स जैसे इंटरनेट ब्राउजर अपने रूट स्टोर में भारतीय सर्टिफिकेशन एजेंसियों को शामिल नहीं करते हैं। रूट स्टोर को ट्रस्ट स्टोर कहा जाता है, जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्लीकेशन की जानकारी दी जाती है कि वो सिक्योर है या नहीं? इसके सर्टिफिकेशन में कोई भी भारतीय एजेंसी शामिल नहीं है। वर्तमान में भारत में मौजूद ब्राउजर्स का भारत सरकार के साथ सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर कोई तालमेल नहीं है, जिसकी वजह से भारत खुद का इंटरनेट ब्राउजर डेवलप करने जा रहा है। भारत तेजी से डिजिटाइज्ड हो रहा है। ऐसे में ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी अहम मुद्दा है। इंटरनेट बेस्ड सॉफ्टवेयर और टूल्स बनाती है जोहो जोहो कॉर्पोरेशन एक भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनी है जो इंटरनेट बेस्ड सॉफ्टवेयर और टूल्स बनाती है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और यह कंपनियों के लिए आसान और सस्ते सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन बनाती है। इनमें ई-मेल, ऑफिस टूल्स और कस्टमर मैनेजमेंट सिस्टम (CRM) शामिल है। 1996 में श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस ने इसकी शुरुआत की थी। ये भी पढ़ें जोहो के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने CEO पद छोड़ा: अब चीफ साइंटिस्ट होंगे, AI और डीप-टेक पर रिसर्च करेंगे; को-फाउंडर शैलेश कुमार नए CEO होंगे सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के फाउंडर और लंबे समय से CEO रहे श्रीधर वेम्बू ने अपना पद छोड़ दिया है। अब वे कंपनी के चीफ साइंटिस्ट के तौर पर काम करेंगे। यहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप-टेक पर फोकस्ड रिसर्च और इनोवेशन पर काम करेंगे। कंपनी के को-फाउंडर शैलेश कुमार दावे अब कंपनी के नए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर होंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें

Mar 20, 2025 - 23:34
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मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर जल्द मिलेगा:भारतीय कंपनी जोहो डेवलप करेगी, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर दे सकेंगे

मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर जल्द मिलेगा: भारतीय कंपनी जोहो डेवलप करेगी, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर दे सकेंगे

Kharchaa Pani - टीम नेटानागरी द्वारा

हाल ही में भारतीय कंपनी जोहो ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि वे एक मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर का विकास करने जा रहे हैं। इस ब्राउजर के आने से गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े खिलाड़ियों को चुनौती मिलेगी। इस लेख में, हम इस नई पहल के उद्देश्यों, विशेषताओं और भारतीय टेक उद्योग में इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।

भारत में ब्राउजर की आवश्यकता

हमें यह समझने की आवश्यकता है कि क्यों मेड इन इंडिया ब्राउजर की आवश्यकता है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे में, एक ऐसा वेब ब्राउजर की आवश्यकता है, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को समझे और उन पर फोकस करे। जोहो, जो पहले से ही ऑफिस सूट और क्लाउड सर्विसेज में प्रसिद्ध है, अपने उपयोगकर्ताओं को एक नया और बेहतर विकल्प प्रदान करने में सक्षम है।

जोहो ब्राउजर की विशेषताएँ

जोहो का नया ब्राउजर कई विशेषताओं के साथ आएगा, जो इसे बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी। इसमें सुरक्षा, तेज स्पीड, और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस शामिल होंगे। इसके साथ ही, जोहो अपने ब्राउजर में स्थानीय भाषाओं का सपोर्ट भी प्रदान करेगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा में उपयोग कर सकेंगे।

गूगल और माइक्रोसॉफ्ट से मुकाबला

जोहो के इस ब्राउजर का मुख्य उद्देश्य गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे प्रमुख ब्राउज़रों से मुकाबला करना है। इसके लिए, जोहो ने एक मजबूत टीम नियुक्त की है, जो लोगों की आवश्यकता और अपेक्षाओं को समझेगी और उन्हें पूरी करने के लिए समाधान विकसित करेगी। इसके अलावा, जोहो ने सीधा उपयोगकर्ताओं से फीडबैक लेने की योजना बनाई है, ताकि वे अपने ब्राउजर को लगातार बेहतर बना सकें।

भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम

मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर की घोषणा केवल एक तकनीकी उत्पाद नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल से ना केवल तकनीकी विकास होगा, बल्कि यह भारतीय प्रतिभाओं को एक मंच भी प्रदान करेगा। जोहो का यह कदम न केवल वैश्विक मंच पर भारत को एक नई पहचान दिलाएगा, बल्कि हमारे युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी देगा।

निष्कर्ष

जोहो का मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर एक रोमांचक विकास है और यह भारतीय टेक क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा। यह न केवल प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं भी प्रदान करेगा। हमें उम्मीद है कि यह ब्राउजर जल्दी ही बाजार में आएगा और हमारे डिजिटल जीवन को और अधिक सहज बनाएगा।

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