महाराष्ट्र में GB सिंड्रोम का कारण सी.जेजुनी बैक्टीरिया:NIV में जांच के दौरान 30% केस में मिला, दूषित भोजन-पानी में होता है; संदिग्ध मरीज 200 पार

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों के पीछे कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी (सी. जेजुनी) बैक्टीरिया होने का दावा किया गया है। राज्य में GB सिंड्रोम संदिग्ध मरीजों की संख्या 205 हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुणे से सामने आए GB सिंड्रोम पॉजिटिव केसों की जांच में 20 से 30 फीसदी मामलों में सी. जेजुनी पाया गया है। ये नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में की गई है। कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया आमतौर पर पेट में संक्रमण का कारण बनता है, ये GB सिंड्रोम को ट्रिगर करता है। ये बैक्टीरिया दूषित पानी और खाने में होता है। इससे नर्व डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गुरुवार को 2 नए मामले सामने आए। 205 में से 177 में GB सिंड्रोम की पुष्टि हुई है। अबतक 8 मरीजों की मौत हुई है। वर्तमान में 20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। ठाणे सहित दूसरे जिलों में जिला परिषद ने वाटर डिसइन्फेक्शन कैंपेन शुरू किया गया है। कैंपेन के जरिए ठाणे, पुणे सहित दूसरे जिलों के ग्रामीण इलाकों में लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए जागरूक किया जा रहा है। पुणे में GB सिंड्रोम के बढ़ते मामलों के लिए प्रदूषित जल कारण माना जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों, ग्राम पंचायत कार्यालयों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों सहित 5430 से ज्यादा वाटर सोर्स का निरीक्षण किया जाएगा। कर्मचारियों को टेस्टिंग किट दी गई ठाणे में जिला परिषद ने ट्रेंड की गईं फीमेल वॉलंटियर्स को पानी की गुणवत्ता की जांचने के लिए बायोलॉजिकल फील्ड टेस्टिंग किट FTK-H2S शीशियां सौंपी हैं। जिला परिषद ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार को हर दिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर साफ पानी उपलब्ध कराने का टारगेट रखा है। सबसे ज्यादा मरीज नांदेड़ से एक अधिकारी के मुताबिक GB सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से हैं। यहां पानी का सैंपल लिया गया था, जिसमें कैंपिलोबैक्टर जेजुनी पॉजिटिव पाया गया। यह पानी में होने वाला एक बैक्टीरिया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GB सिंड्रोम प्रदूषित पानी के कारण फैला है। पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और आसपास के इलाके में 11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट को सील कर दिया है। अन्य राज्यों में भी GB सिंड्रोम के मामले महाराष्ट्र के अलावा देश के 4 दूसरे राज्यों में GB सिंड्रोम के मरीज सामने आ चुके हैं। तेलंगाना में ये आंकड़ा एक है। असम में 17 साल की लड़की की मौत हुई थी। पश्चिम बंगाल में 30 जनवरी तक 3 लोगों की मौत हुई। राजस्थान के जयपुर में 28 जनवरी को लक्षत सिंह नाम के बच्चे की मौत हुई थी। वो कुछ समय से GB सिंड्रोम से पीड़ित था। परिजन ने उसका कई अस्पताल में इलाज कराया था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इलाज महंगा, एक इंजेक्शन 20 हजार का GBS का इलाज महंगा है। डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों को आमतौर पर इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन का कोर्स करना होता है। निजी अस्पताल में इसके एक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपए है। पुणे के अस्पताल में भर्ती 68 साल के मरीज के परिजन ने बताया कि इलाज के दौरान उनके मरीज को 13 इंजेक्शन लगाने पड़े थे। डॉक्टरों ने मुताबिक GBS की चपेट में आए 80% मरीज अस्पताल से छुट्टी के बाद 6 महीने में बिना किसी सपोर्ट के चलने-फिरने लगते हैं। लेकिन कई मामलों में मरीज को एक साल या उससे ज्यादा समय भी लग जाता है। --------------------------------------- वायरस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... HMPV वायरस से किन्हें ज्यादा- खतरा अस्थमा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन है तो सावधान, डॉक्टर से जानिए, कैसे रखें ख्याल HMPV इन्फेक्शन के लक्षण कोरोना वायरस से मेल खाते हैं। इसके कारण हो रहे कॉम्प्लिकेशन भी कमोबेश कोरोना वायरस से हुए कॉम्प्लिकेशन जैसे ही हैं। HMPV वायरस का गंभीर संक्रमण होने पर निमोनिया और ब्रोंकाइटिस विकसित होने का जोखिम होता है। छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। पूरी खबर पढ़ें...

Feb 14, 2025 - 02:34
 135  501.8k
महाराष्ट्र में GB सिंड्रोम का कारण सी.जेजुनी बैक्टीरिया:NIV में जांच के दौरान 30% केस में मिला, दूषित भोजन-पानी में होता है; संदिग्ध मरीज 200 पार
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों के पीछे कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी (सी. जेजुनी

महाराष्ट्र में GB सिंड्रोम का कारण सी.जेजुनी बैक्टीरिया:NIV में जांच के दौरान 30% केस में मिला, दूषित भोजन-पानी में होता है; संदिग्ध मरीज 200 पार

Kharchaa Pani
लेखक: नेहा शर्मा, रिया मेहरा
टीम: नेटानगरी

परिचय

महाराष्ट्र में स्थिति बिगड़ती जा रही है, जहां GB सिंड्रोम के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है। नई अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, यह पता चला है कि सी.जेजुनी बैक्टीरिया इस सिंड्रोम के प्रमुख कारणों में से एक है। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) द्वारा किए गए परीक्षणों के दौरान, 30% मामलों में इस बैक्टीरिया की उपस्थिति पाई गई है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।

GB सिंड्रोम और इसके लक्षण

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GB सिंड्रोम) एक गंभीर मांसपेशी कमजोरी का विकार है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह बीमारी अचानक शुरू होती है, जिसमें मरीज को कमजोरी, झुनझुनी, और अन्य तंत्रिकाओं के संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हाल ही में महाराष्ट्र में संदिग्ध मरीजों की संख्या 200 पार कर गई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।

सी.जेजुनी बैक्टीरिया का स्रोत

सी.जेजुनी बैक्टीरिया आमतौर पर अनियंत्रित भोजन, विशेष रूप से कच्चे या अधपके चिकन, और दूषित पानी से संक्रमण फैला सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें और साफ पानी का सेवन करें। यदि सावधानी न बरती गई, तो इस बैक्टीरिया के संपर्क में आने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे GB सिंड्रोम का विकास हो सकता है।

स्थिति की गंभीरता

इस समय, प्रशासन और स्वास्थ्य एजेंसियाँ GB सिंड्रोम के बढ़ते मामलों की गंभीरता को समझते हुए सक्रियता से कार्य कर रही हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से सूचित किया है कि वे किसी भी संदिग्ध लक्षणों की तुरंत पहचान करें और चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

सुरक्षा उपाय और सावधानियाँ

लोगों को सलाह दी गई है कि वे खाना पकाने से पहले अच्छे से हाथ धोएं और केवल स्वच्छ और सुरक्षित खाया गया भोजन ही करें। दूषित पानी और कच्चे खाने से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा, अपने आस-पास के परिवेश को साफ और स्वच्छ रखना भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र में GB सिंड्रोम के मामले बढ़ना एक गंभीर चिंता का विषय है। इस बीमारी के पीछे सी.जेजुनी बैक्टीरिया के होने के ठोस सबूत मिले हैं। इसके साथ ही, उचित स्वच्छता और खानपान से इस समस्या से बचा जा सकता है। सभी को सतर्क रहना चाहिए और स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया kharchaapani.com पर जाएं।

Keywords

GB syndrome, C. jejuni bacteria, Maharashtra health news, food contamination, water contamination, Guillain-Barre syndrome, increasing cases in Maharashtra, health safety measures, viruses in Maharashtra, awareness on food safety.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow