मोदी से मुलाकात के 8 घंटे पहले ट्रम्प का ऐलान:भारत समेत सभी देशों पर जैसे-को-तैसा टैरिफ लगाएंगे; भारतीय अप्रवासियों का दूसरा विमान भेजने की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने PM मोदी से मुलाकात के 8 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने की बात कही है। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ट्रम्प शुक्रवार सुबह इसका ऐलान करेंगे। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसे सबसे बड़ा दिन बताया है। साथ अपने दूसरे कार्यकाल के पहले तीन हफ्तों को सबसे बेहतर कहा है। ट्रम्प ने कहा- 3 सप्ताह शानदार रहे। शायद अब तक के सबसे बेहतरीन, लेकिन आज का दिन सबसे खास होगा। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बीच अमेरिका दूसरी फ्लाइट से अवैध अप्रवासी भारतीयों को वापस भेज सकता है। इस फ्लाइट के 15 फरवरी को अमृतसर पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पहली फ्लाइट 5 फरवरी को आई थी। इसमें 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत भेजा गया था। भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा तो निर्यात पर क्या असर पड़ेगा? अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया तो इससे नुकसान होगा। भारत अपना 17% से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है। अमेरिका भारत के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे फल और सब्जियों का सबसे बड़ा खरीदार है। 2024 में अमेरिका ने भारत से 18 मिलियन टन चावल भी इम्पोर्ट किया है।अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया तो अमेरिकी बाजारों में भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे बिकने लगेंगे। इससे अमेरिकी जनता के बीच इनकी डिमांड कम हो जाएगी। अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में भारत शामिल भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 1990-91 तक औसत टैरिफ 125% तक था। उदारीकरण के बाद यह कम होता चला गया। 2024 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट 11.66 % था। ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार ने टैरिफ रेट में बदलाव किया। द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने टैरिफ के 150%, 125% और 100% वाली दरों को समाप्त कर दिया है। अब भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ रेट 70% है। भारत में लग्जरी कार पर 125% टैरिफ था, अब यह 70% कर दिया गया है। ऐसे में साल 2025 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट घटकर 10.65% हो चुका है। आमतौर पर सभी देश टैरिफ लगाते हैं। किसी देश में इसका रेट कम और किसी में ज्यादा हो सकता है। हालांकि, बाकी देशों से तुलना की जाए तो भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। पूरी खबर यहां पढ़ें... दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर है PM मोदी पीएम मोदी दो दिनों की यात्रा पर गुरुवार सुबह 4:30 बजे अमेरिका पहुंचे हैं। आज वे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज, टेस्ला चीफ इलॉन मस्क और भारतीय मूल के उद्योगपति विवेक रामास्वामी से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इसके बाद मोदी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलेंगे। दोनों के बीच करीब 45 मिनट बात होगी। इस मुलाकात में दोनों नेता टैरिफ और अवैध भारतीय अप्रवासियों समेत कई मुद्दे पर बात करेंगे। द्विपक्षीय बातचीत खत्म करने के बाद मोदी, ट्रम्प के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। अमेरिकी दौरे पर पीएम मोदी कई बिजनेस लीडर्स और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे। टैरिफ और अवैध अप्रवासियों पर हो सकती है बातचीत डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा सत्ता में आने के बाद कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने बाद में कनाडा और मेक्सिको को टैरिफ में 30 दिन के लिए राहत दे दी। ट्रम्प कई बार भारत के हाई टैरिफ रेट की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने भारत पर किसी भी तरह का टैरिफ नहीं लगाया है। प्यू रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में 7 लाख 25 हजार से ज्यादा अवैध अप्रवासी भारतीय रहते हैं। इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) ने नवंबर 2024 में बताया था कि अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20 हजार 407 भारतीयों को चिह्नित किया गया है। ............................................................... भारत-अमेरिका से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... टैरिफ क्या है जिस पर ट्रम्प का इतना जोर:भारत को धमका रहे; क्या इसमें छूट के बदले टेस्ला को एंट्री देंगे मोदी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के महज 20 दिन बाद ही ट्रम्प ने ऐलान किया कि वो शपथ लेते ही कनाडा-मेक्सिको पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प के इस ऐलान भर से ही इन देशों की करेंसी में गिरावट आ गई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर... भारत ने अप्रवासियों को लेने अपना प्लेन क्यों नहीं भेजा:कोलंबिया ने लौटाया था अमेरिकी विमान; ट्रम्प को नाराज न करने के 4 कारण अमेरिकी वायुसेना का एक C-17 ग्लोबमास्टर विमान 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर एयरबेस पर उतरा। इन सभी के हाथों में हथकड़ी और पैरों में चेन बंधी थी। भारतीयों के साथ इस बर्ताव पर संसद तक में हंगामा हुआ। विपक्ष ने आरोप लगाया कि भारतीयों को आतंकी की तरह लाया गया। सरकार को कोलंबिया से सीख लेने की नसीहत दी। पूरी खबर यहां पढ़ें...

मोदी से मुलाकात के 8 घंटे पहले ट्रम्प का ऐलान: भारत समेत सभी देशों पर जैसे-को-तैसा टैरिफ लगाएंगे; भारतीय अप्रवासियों का दूसरा विमान भेजने की तैयारी
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और अन्य देशों के प्रति अपने व्यापारिक नीतियों का नया दिशा-निर्देश दिया है। यह घोषणा उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के सिर्फ 8 घंटे पहले आई, जिससे विश्व में एक नई हलचल मच गई है। ट्रम्प ने कहा है कि वे सभी देशों पर 'जैसे-को-तैसा' टैरिफ लागू करेंगे, जिससे व्यापार संबंधों में गंभीर परिवर्तन आने की संभावना है।
टैरिफ का ऐलान
डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि आने वाले समय में, अमेरिका में आयातित सभी वस्तुओं पर समान टैरिफ लागू किया जाएगा। यह एक ऐसा निर्णय है जो वैश्विक व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा, "अगर कोई देश हमें टैरिफ लगाता है, तो हम भी उसी का प्रतिकार करेंगे।"
भारतीय अप्रवासियों की स्थिति
इस खबर ने विशेष रूप से भारतीय अप्रवासियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय नागरिकों के लिए दूसरे विमान भेजने की योजना बनाई है, जिससे वे अमेरिका में अपनी जान-माल की सुरक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए वापस आ सकें। यह निर्णय अप्रवासियों के लिए एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।
भारत और अमेरिका के संबंध
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में सुधार की कोशिशें चल रही हैं। मोदी सरकार ने अपने विदेशी व्यापार नीति में कई सुधार किए हैं, लेकिन ट्रम्प का यह कदम सभी प्रयासों पर पानी फेर सकता है। भारत सरकार इस स्थिति का सामना करने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है।
निष्कर्ष
मोदी और ट्रम्प की मुलाकात से पहले इस घोषणा ने न केवल दोनों देशों के कारोबारी संबंधों में तनाव पैदा किया है, बल्कि अप्रवासियों की स्थिति को भी प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में इस विषय पर अधिक जानकारी सामने आने की संभावना है। जो भी हो, यह एक ऐसी स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
फिलहाल, यह देखना होगा कि इस घोषणा का प्रभाव व्यापारिक दृष्टिकोण से कैसे पड़ता है और भारत कैसे अपनी नीतियों को इसके अनुसार ढालता है।
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