ट्रम्प ने सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ लगाया:बोले- भारत टैरिफ लगाने में सबसे ऊपर; मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने PM मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इससे जुड़े नए टैरिफ पॉलिसी पर गुरुवार रात (भारतीय समय के मुताबिक 12:30 बजे) दस्तखत किए। ये टैरिफ किन देशों पर लगाए जाएंगे, ट्रम्प ने अभी इसकी जानकारी नहीं दी है। हालांकि उन्होंने कहा है कि जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाते हैं, अमेरिका भी उन पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। ट्रम्प ने प्रेस ब्रीफिंग में भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- भारत टैरिफ लगाने के मामले में सबसे ऊपर है। कुछ छोटे देश हैं जो इससे भी ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, लेकिन भारत का टैरिफ बहुत अधिक है। ट्रम्प ने आगे कहा, "मुझे याद है कि जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरबाइक नहीं बेच पा रहा था, क्योंकि भारत में टैक्स बहुत अधिक था, टैरिफ बहुत अधिक था, और हार्ले को निर्माण बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मुझे लगता है कि टैरिफ से बचने के लिए उन्हें भारत में एक फैक्ट्री लगानी पड़ी। हम भी ऐसा ही कर सकते हैं। टैरिफ से बचने के लिए वे हमारे यहां फैक्ट्री या प्लांट लगा सकते हैं।" ट्रम्प के बयान की 6 बड़ी बातें... ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर टैरिफ लगाने की जानकारी दी थी इससे पहले ट्रम्प ने गुरुवार शाम को टैरिफ लगाने की जानकारी दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐलान कर आज के दिन को सबसे बड़ा दिन बताया था। साथ अपने दूसरे कार्यकाल के पहले तीन हफ्तों को सबसे बेहतर कहा था। ट्रम्प ने कहा- 3 सप्ताह शानदार रहे। शायद अब तक के सबसे बेहतरीन, लेकिन आज का दिन सबसे खास होगा। अमेरिका अवैध भारतीय अप्रवासियों का दूसरा बैच भेजेगा वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बीच अमेरिका दूसरी फ्लाइट से अवैध अप्रवासी भारतीयों को वापस भेज सकता है। इस फ्लाइट के 15 फरवरी को अमृतसर पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पहली फ्लाइट 5 फरवरी को आई थी। इसमें 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत भेजा गया था। भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगा तो निर्यात पर क्या असर पड़ेगा? अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया तो इससे नुकसान होगा। भारत अपना 17% से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है। अमेरिका भारत के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे फल और सब्जियों का सबसे बड़ा खरीदार है। 2024 में अमेरिका ने भारत से 18 मिलियन टन चावल भी इम्पोर्ट किया है।अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया तो अमेरिकी बाजारों में भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे बिकने लगेंगे। इससे अमेरिकी जनता के बीच इनकी डिमांड कम हो जाएगी। अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में भारत शामिल भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 1990-91 तक औसत टैरिफ 125% तक था। उदारीकरण के बाद यह कम होता चला गया। 2024 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट 11.66 % था। ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार ने टैरिफ रेट में बदलाव किया। द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने टैरिफ के 150%, 125% और 100% वाली दरों को समाप्त कर दिया है। अब भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ रेट 70% है। भारत में लग्जरी कार पर 125% टैरिफ था, अब यह 70% कर दिया गया है। ऐसे में साल 2025 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट घटकर 10.65% हो चुका है। आमतौर पर सभी देश टैरिफ लगाते हैं। किसी देश में इसका रेट कम और किसी में ज्यादा हो सकता है। हालांकि, बाकी देशों से तुलना की जाए तो भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। पूरी खबर यहां पढ़ें... दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर है PM मोदी पीएम मोदी दो दिनों की यात्रा पर गुरुवार सुबह 4:30 बजे अमेरिका पहुंचे हैं। उन्होंने आज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज, टेस्ला चीफ इलॉन मस्क और भारतीय मूल के उद्योगपति विवेक रामास्वामी से द्विपक्षीय बातचीत की। इसके बाद मोदी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलेंगे। दोनों के बीच करीब 45 मिनट बात होगी। इस मुलाकात में दोनों नेता टैरिफ और अवैध भारतीय अप्रवासियों समेत कई मुद्दे पर बात करेंगे। द्विपक्षीय बातचीत खत्म करने के बाद मोदी, ट्रम्प के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। अमेरिकी दौरे पर पीएम मोदी कई बिजनेस लीडर्स और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे। टैरिफ और अवैध अप्रवासियों पर हो सकती है बातचीत डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा सत्ता में आने के बाद कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने बाद में कनाडा और मेक्सिको को टैरिफ में 30 दिन के लिए राहत दे दी। ट्रम्प कई बार भारत के हाई टैरिफ रेट की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने भारत पर किसी भी तरह का टैरिफ नहीं लगाया है। प्यू रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में 7 लाख 25 हजार से ज्यादा अवैध अप्रवासी भारतीय रहते हैं। इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) ने नवंबर 2024 में बताया था कि अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20 हजार 407 भारतीयों को चिह्नित किया गया है। ............................................................... भारत-अमेरिका से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... टैरिफ क्या है जिस पर ट्रम्प का इतना जोर:भारत को धमका रहे; क्या इसमें छूट के बदले टेस्ला को एंट्री देंगे मोदी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के महज 20 दिन बाद ही ट्रम्प ने ऐलान किया कि वो शपथ लेते ही कनाडा-मेक्सिको पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प के इस ऐलान भर से ही इन देशों की करेंसी में गिरावट आ गई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर... भारत ने अप्रवासियों को लेने अपना प्लेन क्यों नहीं भेजा:कोलंबिया ने लौटाया था अम

ट्रम्प ने सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ लगाया: बोले - भारत टैरिफ लगाने में सबसे ऊपर; मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले ऐलान
Kharchaa Pani द्वारा
लेखिका: साक्षी गुप्ता, नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में सभी देशों के खिलाफ नए टैरिफ लगाने की योजना का ऐलान किया है। इस ऐलान ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। खासकर भारत के बारे में ट्रम्प का कहना है कि वह टैरिफ लगाने में सबसे ऊपर है। यह ऐलान उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के केवल 2 घंटे पहले किया गया, जिससे यह चर्चा का विषय बन गया है।
बढ़ते टैरिफ और उनकी आवश्यकता
ट्रम्प ने इस निर्णय की वजह बताई है कि अमेरिका को विदेशी वस्त्रों के आयात पर निर्भरता कम करते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम अमेरिका के छोटे व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया है। नये टैरिफ का असर अधिकांश उद्योगों पर पड़ेगा, जिसमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
भारत पर खास ध्यान
ट्रम्प का कहना है कि भारत ने अमेरिका के उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाए हैं, जो व्यापार में असंतुलन का कारण बनता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत के साथ उनकी बातचीत के दौरान इस विषय पर खासा ध्यान देने की आवश्यकता है। इसमें कृषि उत्पादों के निर्यात पर भी चर्चा की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस ऐलान के बाद भारतीय राजनीतिक गलियारे में प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हो गई हैं। भारतीय विपक्षी पार्टियों ने इसे उचित नहीं माना है और इसका विरोध किया है। वहीं, भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों ने इसे एक संभावित खतरा बताया है। इस संदर्भ में, उद्योग मंत्री ने कहा है कि भारत के हितों की रक्षा की जाएगी और किसी भी प्रकार से व्यापार में बाधा नहीं आने दी जाएगी।
आगे की संभावनाएँ
ट्रम्प और मोदी के बीच होने वाली चर्चा का परिणाम आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बनाने का प्रयास होगा। इस मुद्दे पर फैसला उच्च स्तर पर होने की संभावना है। भारतीय सरकार अब तैयार है कि वह इस चुनौती का सामना करें।
निष्कर्ष
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का यह निर्णय वैश्विक व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकता है। भारत पर उच्च टैरिफ का दबाव एक बड़ी चुनौती हो सकती है। मोदी-ट्रम्प बैठक के परिणाम आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों पर स्पष्ट प्रभाव डालेंगे। इस मुद्दे पर हमें निकट भविष्य में और भी जानकारी प्राप्त होगी।
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