नेपाली स्टूडेंट सुसाइड केस, KIIT के 5 अन्य कर्मचारी अरेस्ट:अब-तक 3 डायरेक्टर समेत कुल 11 गिरफ्तार; 5 को जमानत मिली
ओडिशा के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के पांच अन्य कर्मचारी गुरुवार को गिरफ्तार कर लिए गए। इन पर नेपाली छात्रों पर हमला करने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक CCTV फुटेज से सामने आया है कि 17 फरवरी को स्टूडेंट्स हॉस्टल खाली कर रहे थे। तभी कॉलेज पांच कर्मचारी अचानक वहां पहुंचे और स्टूडेंट्स से जल्द से जल्द वहां से चले जाने को कहने लगे। हॉस्टल खाली करने में देर होने पर आरोपी भड़क गए और स्टूडेंट्स की पिटाई की। अदालत ने सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले कॉलेज के 3 डायरेक्टर समेत छह लोग गिरफ्तार हुए थे। हालांकि 5 को जमानत मिल चुकी है। खराब व्यवहार के लिए कॉलेज स्टाफ ने माफी मांगी कैंपस में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट के साथ गलत व्यवहार पर स्टाफ और कॉलेज ने 19 फरवरी माफी मांग ली। बीटेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लम्साल ने 16 फरवरी को सुसाइड कर लिया था। इसके बाद प्रदर्शन हुए थे। एक वीडियो में कॉलेज की एक प्रोफेसर मंजूषा पांडे कहती हैं कि हम 40 हजार से ज्यादा स्टूडेंट को मुफ्त में खाना खिला रहे और पढ़ा रहे हैं। वहीं एक महिला कर्मचारी जयंती नाथ ने चिल्लाते हुए कहा- यह आपके देश के बजट के बराबर है। हालांकि जयंती नाथ ने यह भी कहा कि यह बात इस बात का जवाब था, जिसमें कहा गया था कि भारत और KIIT गरीब है। KIIT ने माफीनामा जारी किया, 2 स्टाफ हटाए KIIT ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए एक लेटर जारी किया। इसमें कहा गया कि कॉलेज के दो अधिकारियों को उनके गैर जिम्मेदाराना बयान के कारण हटा दिया है। हालांकि उनके नाम सामने नहीं आए हैं। KIIT हमेशा से दुनिया भर से स्टूडेंट के लिए घर रहा है और इनक्लूसिव, रिस्पेक्ट और रिस्पांसिबल कल्चर को बढ़ावा देता है। घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हैं। सभी स्टूडेंट की सेफ्टी, डिग्निटी और वेलफेयर के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें नेपाली स्टूडेंट भी शामिल हैं। सुसाइड केस में KIIT के 3 डायरेक्टर अरेस्ट मामले में 17 फरवरी को KIIT के 3 डायरेक्टर, 2 गार्ड और एक स्टूडेंट को गिरफ्तार किया था। इसमें डायरेक्टर और गार्ड्स को जमानत मिल गई है। दावा है कि स्टूडेंट नेपाली छात्रा का बॉयफ्रेंड था। उसने ही छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाया था। मामले की जांच के लिए ओडिशा सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव वाली हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि शिकायतों के बाद भी कॉलेज ने आरोपी स्टूडेंट के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मामला दबाने की कोशिश की। ---------------------------------------- मामले से जुड़ी हुई ये खबर भी पढ़ें... ओडिशा की कलिंगा यूनिवर्सिटी में नेपाली स्टूडेंट की मौत, साथी छात्र पर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के हॉस्टल में नेपाली छात्रा का शव बरामद हुआ। छात्रा के बैचमेट भारतीय छात्र के बाद 18 को KIIT के तीन डायरेक्टर और दो सिक्योरिटी गार्ड्स को अरेस्ट किया गया। पूरी खबर पढ़ें...

नेपाली स्टूडेंट सुसाइड केस, KIIT के 5 अन्य कर्मचारी अरेस्ट: अब-तक 3 डायरेक्टर समेत कुल 11 गिरफ्तार; 5 को जमानत मिली
Kharchaa Pani
लेखक: सिमरन रैना, निधि भटनागर, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित KIIT विश्वविद्यालय में नेपाली छात्र के आत्महत्या के मामले ने एक बार फिर से शिक्षा संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया है। मामले में अब तक 11 अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें 3 डायरेक्टर्स भी शामिल हैं। इस लेख में हम घटनाक्रम, गिरफ्तारीयों और इसके पीछे के कारणों पर चर्चा करेंगे।
घटनाक्रम का विवरण
नेपाली छात्र की आत्महत्या 14 अक्टूबर को हुई थी, जिसने कॉलेज के माहौल में बड़ी चिंता का जन्म दिया है। छात्र के दोस्तों का आरोप है कि उसे कॉलेज के कुछ कर्मचारी प्रताड़ित कर रहे थे। इस मामले में छह दिनों के भीतर ही तीन डायरेक्टरों समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारियों का सिलसिला
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि छात्र की आत्महत्या के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ कर्मचारियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया। अब तक 11 अभियुक्तों में से 5 को जमानत भी मिल चुकी है, जबकि अन्य की न्यायिक हिरासत में पूछताछ हो रही है। पुलिस ने इस मामले में कई गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं।
छात्र की मानसिक स्थिति
छात्र के दोस्तों का कहना है कि वह काफी दबाव में था और उसकी मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया गया। हाल ही में हुई एक मनोविज्ञान से संबंधित कार्यशाला में छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता के बारे में जानकारी दी गई थी। इस घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे बीच मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी है।
मुख्य कारण
इस मामले ने पॉलीटिकल गोष्ठियों और सामाजिक संगठनों का ध्यान आकर्षित किया है, जो शिक्षा संस्थानों में मनोवैज्ञानिक प्रताड़ना और छात्रों के खिलाफ अत्याचार को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। छात्रों के लिए उचित सलाह और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि वे षडयंत्रों और मानसिक दबाव से बच सकें।
भविष्य की रूपरेखा
इस घटना के बाद अन्य कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कई संस्थानों ने अपनी नीति में सुधार करने की बात की है, ताकी छात्रों को एक सुरक्षित और सहयोगात्मक वातावरण मिल सके।
निष्कर्ष
KIIT विश्वविद्यालय का यह मामला न केवल छात्रों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के महत्व को भी उजागर करता है। हमें छात्रों की भलाई के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है और उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा।
अधिक अपडेट्स के लिए, कृपया kharchaapani.com पर जाएं।
Keywords
nepali student suicide case, KIIT employee arrest, directors arrest, student mental health, Odisha news, Bhubaneswar incident, college student safety, psychological harassment, internal inquiry in colleges, university policies اصلاحWhat's Your Reaction?






