यमुना जहर विवाद- चुनाव आयोग के केजरीवाल से 5 सवाल:पूछा- कौन सा जहर और किस जगह मिला, कल सुबह तक जवाब देने को कहा
यमुना में जहर के आरोपों पर चुनाव आयोग ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखकर 5 सवाल किए। ECI ने पूछा- यमुना में जहर कौन सा पाया गया है और यह किस जगह मिला। साथ ही केजरीवाल यह भी बताएं कि किन इंजीनियर्स ने इसे डिटेक्ट किया और उन्होंने पानी में जहर को रोकने के लिए क्या किया। चुनाव आयोग ने इन 5 सवालों के जवाब के लिए केजरीवाल को शुक्रवार यानी 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक का समय दिया। EC ने कहा है कि अगर केजरीवाल सफाई नहीं देते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा कि वे यमुना में बढ़ रहे अमोनिया के लेवल बढ़ने के मुद्दे को यमुना में जहर और सामूहिक नरसंहार के आरोपों से न मिलाएं। इसे दो देशों के बीच युद्ध की कार्रवाई न मानें। आयोग ने कहा कि केजरीवाल अमोनिया के बढ़ते लेवल के मुद्दे को जहर आदि के आरोपों से मिलाए बिना अपना तथ्यात्मक जवाब दें। केजरीवाल इस जवाब में जहर के प्रकार, क्वांटिटी, नेचर और दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों के जहर का पता लगाने के तरीके आदि सबूत पेश करें। सिलसिलेवार पूरा मामला समझिए... 27 जनवरीः केजरीवाल ने यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया- अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को पीने के लिए पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है। भाजपा की हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है। 28 जनवरीः चुनाव आयोग ने केजरीवाल से सबूत पेश करने को कहा- EC ने केजरीवाल से उनके यमुना के पानी में जहर वाले दावे पर बुधवार यानी 29 जनवरी रात 8 बजे तक सबूत मांगे। भाजपा की तरफ से केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था- केजरीवाल ने भाजपा की हरियाणा सरकार पर बहुत गंभीर आरोप लगाया, जिससे राज्यों के बीच नफरत पनप सकती है। 29 जनवरीः मोदी बोले- यमुना का पानी प्रधानमंत्री भी पीता है- दिल्ली में रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हरियाणा का भेजा यही पानी दिल्ली में हमारे सारे जज, जस्टिस, सम्मानित सदस्य पीते हैं। आपका प्रधानमंत्री भी यही पानी पीता है। क्या कोई सोच सकता है कि मोदी को जहर देने के लिए हरियाणा ने जहर दिया होगा। 29 जनवरीः हरियाणा CM ने यमुना से पानी पीकर दिखाया- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य के बॉर्डर पर पहुंचकर यमुना नदी से पानी पीकर दिखाया। उन्होंने X पर वीडियो शेयर कर कहा कि मैंने बेहिचक और बेझिझक पवित्र यमुना के जल का आचमन किया। हालांकि इसका जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि सैनी ने पानी पिया नहीं, थूक दिया। 29 जनवरीः केजरीवाल ने चुनाव आयोग को जवाब दिया- केजरीवाल ने चुनाव आयोग को बताया कि हरियाणा से दिल्ली आ रहा पानी इंसानी स्वास्थ्य के लिए बेहद जहरीला है। 14 पेज के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने वह बयान दिल्ली में पानी की क्वालिटी के कारण लोगों की सेहत को हो रहे नुकसान के संबंध में दिया था।

यमुना जहर विवाद- चुनाव आयोग के केजरीवाल से 5 सवाल: पूछा- कौन सा जहर और किस जगह मिला, कल सुबह तक जवाब देने को कहा
Kharchaa Pani - चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से यमुना नदी में जहर मिलने के मसले पर पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। आयोग ने केजरीवाल से यह जानकारी मांगी है कि आखिर कौन सा जहर यमुना में और किस स्थान पर मिला है। सवालों का जवाब देने के लिए उन्हें कल सुबह तक का समय दिया गया है।
यमुना का जल संकट
यमुना नदी दिल्ली-NCR का अहम जल स्रोत है, लेकिन पिछले कुछ सालों में नदी के जल की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है। हालिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यमुना के पानी में कई जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। इस मसले पर केजरीवाल की सरकार को चुनाव आयोग के सवालों का जवाब देना होगा, ताकि स्थिति की गहराई को समझा जा सके।
चुनाव आयोग के सवाल
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से पूछे गए सवाल जो बेहद महत्वपूर्ण हैं, वे इस प्रकार हैं:
- कौन सा जहर यमुना नदी में पाया गया है?
- यह जहर किस स्थान पर पाया गया था?
- क्या इस संदर्भ में कोई प्रयोगशाला रिपोर्ट उपलब्ध है?
- राज्य सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाने की योजना बना रही है?
- क्या इस जहर के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का सर्वेक्षण किया गया है?
इन सवालों का सही और स्पष्ट जवाब देना आवश्यक है, ताकि इस मुद्दे की गंभीरता को समझा जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यमुना के जल प्रदूषण का सीधा असर लाखों लोगों पर पड़ता है।
स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली में रहने वाले निवासी यमुना के पानी पर जब निर्भर करते हैं, तो उन्हें इसका संभावित खतरा समझना होगा। यमुना में जहर के मिलने की खबर ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि जहर का सही पता नहीं चल पाता है, तो इससे बीमारियों का एक बड़ा खतरा बढ़ सकता है।
केजरीवाल सरकार की भूमिका
केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी है कि वह स्थिति को जल्दी से जल्दी स्पष्ट करे। यदि यह समस्या बढ़ती है, तो चुनावी वादों के अनुसार दिल्ली सरकार को प्रदूषण पर सख्त कदम उठाने चाहिए। इसके लिए विशेष टीमें बनाकर जांच की जानी चाहिए, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके।
समाज का योगदान
इस संदर्भ में आम जनता को भी जागरूक होना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को सूचित करें, यदि वे यमुना में किसी तरह का प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। समाज के सभी वर्गों को मिलकर यमुना की सफाई और संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष
यमुना जहर विवाद केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी प्रश्न है। चुनाव आयोग के सवालों का जवाब देने में यदि केजरीवाल सफल होते हैं, तो इससे न केवल राजनीतिक स्थिति स्पष्ट होगी, बल्कि यमुना के मुद्दे पर भी ध्यान दिया जाएगा। जनता की जागरूकता और सरकार की सक्रियता ही इस समस्या का समाधान निकाल सकती है।
आखिर में, हम सभी को मिलकर यमुना को सुरक्षित और स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए। अभी के लिए, राजनेताओं और अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को समझने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे खतरनाक प्रदूषण से बचा जा सके।
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