पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी मारा गया:जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करवाया था; आतंकी हाफिज सईद का करीबी

लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल शनिवार रात पाकिस्तान में मारा गया। पंजाब जिले में अनजान हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी। अबू कताल 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी था। कताल LeT का अहम सदस्य था और जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था। 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमले में भी कताल का हाथ था। इसमें 10 लोगों की जान गई थी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने राजौरी हमले में कलात का नाम दिया था नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 2023 के राजौरी हमले में अबू कताल का नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किया था। 1 जनवरी 2023 को राजौरी जिले के धंगरी गांव में एक आतंकी हमले में आम नागरिकों को निशाना बनाया गया था। अगले दिन, एक IED विस्फोट भी हुआ। इन हमलों में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। NIA ने इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा के तीन और आतंकी भी शामिल थे।

Mar 16, 2025 - 08:34
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पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी मारा गया:जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करवाया था; आतंकी हाफिज सईद का करीबी
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल शनिवार रात पाकिस्तान में मारा गया। पंजाब जिले में

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी मारा गया: जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करवाया था; आतंकी हाफिज सईद का करीबी

Kharchaa Pani
लेखक: सुमन गुप्ता, टीम नेटानागरी

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के एक मोस्ट वांटेड आतंकवादी को मार गिराया गया है। इस आतंकवादी का नाम अमीर गिलानी था, जिसने जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमले की साजिश रची थी। यह हमला पिछले महीने हुआ था जिसमें कई श्रद्धालु घायल और कुछ की जान गई थी। गिलानी, जो आतंकवादी हाफिज सईद का करीबी असिस्टेंट माना जाता था, को आतंकवाद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत मारा गया।

इस हमले का विस्तार से विवरण

जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला 1 अक्टूबर को हुआ था, जिसमें आतंकियों ने ग्रेनेड के द्वारा हमला किया था। यह हमला बासोहली जिले के पास हुआ जब श्रद्धालु जल्द अमरनाथ यात्रा से लौट रहे थे। इस हमले के पीछे की योजना में अमीर गिलानी का हाथ था, जिसके कारण सुरक्षा बलों ने उसकी खोज शुरू की थी।

गिलानी की पहचान और सेनेटाइजेशन अभियान

गिलानी को एक उग्रवादी के रूप में पहचाना गया जो पाकिस्तान के कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने एक विशेष अभियान शुरू किया जिसमें गिलानी को ढूंढने और समाप्त करने के लिए कई टीमों को लगाया गया। गया। ठीक एक हफ्ते बाद, उसे साउथ वजीरिस्तान में मारा गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा स्थिति

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना पर प्रतिक्रिया तेज हो गई है। भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान से गिलानी की गतिविधियों की निंदा की है और कहा है कि यह आतंकवाद के खिलाफ उनकी संकल्प को और मजबूत करेगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा बना रहता है।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद एक गंभीर खतरा है, जिसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। अमीर गिलानी का मारा जाना सुरक्षा बलों की एक बड़ी जीत है, लेकिन आतंकवाद का जाल इतना विस्तृत है कि इससे निपटने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता है। हम सभी को इस दिशा में एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।

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