ओला के शोरूम्स पर फिर छापेमारी:महाराष्ट्र RTO के अधिकारियों ने 10 स्टोर को नोटिस भेजे; आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर

इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शोरूम्स पर फिर से छापेमारी हुई है। मंगलवार को मुंबई के 10 से ज्यादा शोरूम्स पर चार RTO ऑफिस के अधिकारियों ने छापा मारा। इन सभी शोरूम्स पर जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं मिले। महाराष्ट्र मोटर व्हीकल्स डिपार्टमेंट के अधिकारी के अनुसार मुंबई (सेंट्रल, वेस्ट, ईस्ट और बोरीवली) के चार RTO ने इन स्टोर्स को नोटिस भेजा है। कार्रवाई के दौरान 10 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर जब्त भी किए गए हैं। दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की है। कुछ दिन पहले भी शोरूम्स पर छापेमारी हुई थी 8 मार्च को ओला के कुछ शोरूम्स पर रेड की खबरें आई थीं। ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कई शोरूम्स को बंद कर व्हीकल्स को जब्त किया था। इसके साथ ही कंपनी को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 शोरूम्स खोले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक शोरूम्स में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण मंगलवार की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है। ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने शोरूम्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी। दिवालिया कार्यवाही की याचिका पर 8% गिरा था शेयर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 17 मार्च को करीब 8% की गिरावट रही थी। कंपनी की एक सब्सिडियरी के खिलाफ दिवालियापन की याचिका डाले जाने के बाद कंपनी के शेयर में ये गिरावट आई थी। 3 पॉइंट में समझें पूरा मामला इस मामले से तीन कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ​उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और रोस्मर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड जुड़ी हैं। आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर अगस्त 2024 में शेयरों की लिस्टिंग के बाद ओला का शेयर अपने पीक 157.53 रुपए से करीब 65% लुढ़क चुका है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर्स में करीब 20% की गिरावट आई है। इसके अलावा दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% रह गई।

Mar 19, 2025 - 17:34
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ओला के शोरूम्स पर फिर छापेमारी:महाराष्ट्र RTO के अधिकारियों ने 10 स्टोर को नोटिस भेजे; आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर
इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शोरूम्स पर फिर से छापेमारी हुई है। मंगलवार

ओला के शोरूम्स पर फिर छापेमारी: महाराष्ट्र RTO के अधिकारियों ने 10 स्टोर को नोटिस भेजे; आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर

Kharchaa Pani द्वारा प्रस्तुत, यह आलेख ओला के शोरूम्स पर हाल में हुई छापेमारी की घटनाओं और इसके परिणामों पर प्रकाश डालता है। यह समाचार भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है, जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बढ़ते उपयोग के बीच, सुरक्षा मानकों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। लेख टीम नेटानागरी द्वारा लिखा गया है।

विवरण और पृष्ठभूमि

महाराष्ट्र के RTO (रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस) अधिकारियों ने ओला के 10 स्टोर पर छापेमारी की और उन्हें नोटिस भेजे हैं। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य उन शोरूम्स की स्थिति की जांच करना है जहाँ ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स और अन्य वाहनों को बेचा जा रहा है। यह एक अनुशासनात्मक कार्रवाई है, जो उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

शेयर की गिरावट

इस छापेमारी के बाद, ओला के शेयर मूल्य में गिरावट आई है। कंपनी के शेयर आल टाइम हाई से लगभग 65% नीचे आ चुके हैं। यह गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का विषय बन गई है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

RTO की कार्रवाई के पीछे के कारण

RTO की इस कार्रवाई का मुख्य कारण ओला के वाहनों की सुरक्षा और गुणवत्ता से संबंधित शिकायतें हैं। पिछले कुछ समय में, उपभोक्ताओं ने ओला की बायोडिवर्सिटी और री-साइक्लिंग से संबंधित प्रथाओं पर सवाल उठाया है। RTO अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की छापेमारी से कंपनी को अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

आगे की राह

ओला को इस संकट से उबरने के लिए अपने व्यवसाय मॉडल में बदलाव और उपभोक्ता की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सेवा सुधारने की आवश्यकता है। निवेशकों की निगाहें अब कंपनी की अगली योजनाओं और उत्पादों पर बनी हुई हैं। क्या ओला अपने व्यवसाय को पुनर्जीवित कर पाएगी, यह देखने वाली बात होगी।

निष्कर्ष

इस प्रकार, ओला के शोरूम्स पर की गई छापेमारी और शेयर में आई गिरावट दर्शाती है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा कितनी तेज है। उपभोक्ताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए कंपनियों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सेवाओं में नवाचार करना आवश्यक है। यह सटीक समय है जब ओला को यह समझना है कि एक स्थायी और सुरक्षित उत्पाद ही ग्राहकों का विश्वास जीत सकता है।
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