कतर के अमीर 17 फरवरी को भारत आएंगे:पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता, भारत के लिए क्यों खास है कतर

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिन के दौरे पर 17 फरवरी को भारत आएंगे। इस दौरान उनके साथ हाई लेवल डेलीगेशन भी होगा। इसमें कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और बिजनेस डेलीगेशन भी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक अमीर अल-थानी पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। साथ ही वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। 18 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में शेख तमीम बिन हमद अल थानी का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन करेंगी। उनकी इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। साल 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात की थी। यह एक साल में उनकी चौथी कतर यात्रा थी। भारत के लिए कतर क्यों खास? एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक में अनिश्चितता का माहौल है। ट्रम्प कब कौन फैसलें करेंगे इसका किसी को अंदाजा नहीं है। ट्रम्प अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के मामले में काफी सख्त थे। इस बार भी वे ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं। ऐसे में अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए भारत, कतर को एक सुरक्षित विकल्प के तौर पर देख रहा है। कतर भारत का सबसे बड़ा LNG सप्लायर है। भारत की जरुरत का 50% LNG कतर से ही आता है। इसके अलावा कतर, भारत की जरुरत का 30% LPG उपलब्ध कराता है। भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा ऑब्जरवेट्री ऑफ इकोनॉमिक कॉम्पलेक्सिटी (OEC) के मुताबिक भारत और कतर के बीच साल 2023-24 में 14.04 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। हालांकि कतर और भारत के व्यापार में भारत का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। कतर, भारत से 1.70 अरब डॉलर का सामान खरीदता है। वहीं, भारत, कतर से 12.34 डॉलर मूल्य का सामान खरीदता है। ऐसे में भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है। भारत, कतर से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम गैस (9.71 अरब डॉलर) खरीदता है तो वहीं कतर, भारत से सबसे ज्यादा चावल (1.33 हजार करोड़ रुपए) खरीदता है। कतर में 15 हजार भारतीय कंपनियां कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक कतर में 15 हजार के करीब भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें लार्सन एंड टुब्रो, टीसीएस और महिंद्रा जैसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं। कतर में लगभग 8 लाख 35 हजार भारतीय नागरिक हैं, जो मेडिकल, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, फाइनेंस और लेबर जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। साल 2022 में भारत-कतर बीच तनाव पैदा हो गया था। दरअसल, बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नुपूर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्महद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। तब कतर ने ही सबसे पहले प्रतिक्रिया दी थी। कतर ने भारत सरकार से इसकी शिकायत की थी और सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था।

Feb 16, 2025 - 00:34
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कतर के अमीर 17 फरवरी को भारत आएंगे:पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता, भारत के लिए क्यों खास है कतर

कतर के अमीर 17 फरवरी को भारत आएंगे: पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता, भारत के लिए क्यों खास है कतर

खर्चा पानी

लेखिका: प्रिया शर्मा, टीम नेतानगरि

भारत और कतर के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी 17 फरवरी को भारत यात्रा पर आ रहे हैं। इस उच्च स्तरीय मुलाकात में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जाएगी। यह यात्रा भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है, जिसके पीछे कई रणनीतिक और आर्थिक कारण छिपे हैं।

भारत-कतर संबंध: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

कतर और भारत के बीच मजबूत संबंधों की जड़ें ऐतिहासिक हैं। कतर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और भारत के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख स्रोत। कतर से भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या भी काफी है, जो कि भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे में यह वार्ता न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक कदम होगी, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को भी बढ़ावा देगी।

क्यों महत्वपूर्ण है यह यात्रा?

कतर के अमीर की भारत यात्रा कई अहम बिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है:

  • ऊर्जा सहयोग: कतर, भारत के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। यहां से प्राकृतिक गैस का निर्यात भारत के ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • पुनर्निवेश: कतर में भारत के कई कंपनियों ने निवेश किया है। भारतीय कंपनियों के लिए कतर एक आकर्षक स्थान बन गया है, जो व्यापार के नए अवसर पेश करता है।
  • ग्लोबल मुद्दे: आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक सहयोग जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा होने की संभावना है।

क्या अपेक्षित है?

इस उच्च स्तरीय वार्ता में कई महत्वपूर्ण समझौते किए जा सकते हैं, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देंगे। कतर औद्योगिक, कृषि, और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में निवेश के नए अवसरों पर चर्चा भी हो सकती है।

निष्कर्ष

कतर के अमीर की भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह यात्रा भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान दे सकती है। यह वार्ता न केवल वर्तमान संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि भविष्य में भारतीय और कतर के बीच दोस्ती को और भी गहरा करेगी।

विवरण में खुद को अनुकूलित करते हुए, यह यात्रा न सिर्फ कूटनीतिक पहलुओं को देखने का मोका देती है, बल्कि भारत की वैश्विक राजनीति में कतर की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बनाती है।

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