अमेरिकी विमान 119 निर्वासित भारतीयों को लेकर अमृतसर में उतरा:पंजाब के 67, हरियाणा के 33 लोग होने की खबर, एयरपोर्ट से बाहर आने में 2 घंटे लग सकते हैं

अमेरिका से 119 अवैध अप्रवासी भारतीयों का दूसरा बैच शनिवार की रात 12 बजे पंजाब के अमृतसर पहुंचा। इसमें पंजाब के 67 और हरियाणा के 33 लोग सवार होने की खबर है। इमिग्रेशन अधिकारी डिपोर्ट हुए लोगों से पूछताछ करेंगे। उन्हें बाहर आने में 2 घंटे लग सकते हैं। इन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू, अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं। एक युवक भी एयरपोर्ट के बाहर पहुंचा। उसने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। ऐसा कहा जा रहा है कि 16 फरवरी को भी एक और विमान अप्रवासी भारतीयों को लेकर आएगा। 5 फरवरी को 104 भारतीयों को लाया गया था इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 से 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। इस बार भारतीयों को कैसे डिपोर्ट किया जाएगा, क्या उन्हें फिर से हथकड़ी-बेड़ियां पहनाकर भेजा जाएगा, इसे लेकर कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। पंजाब सीएम ने कहा- पंजाब को बदनाम करने की साजिश CM मान- अमृतसर को डिटेंशन सेंटर न बनाएं CM मान ने अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि डिपोर्ट होकर आ रहे सभी भारतीयों के रहने, खाने और उन्हें घर तक छोड़ने की सारी व्यवस्था पंजाब सरकार ने कर दी है। पंजाब का जो व्यक्ति जहां का होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी छोड़ देंगे। बाकियों को दिल्ली भेजा जाएगा। अमृतसर में विमान की लैंडिंग पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस पवित्र शहर को डिटेंशन सेंटर न बनाया जाए। केंद्र सरकार से इसी बात का ऐतराज किया जा रहा है कि आपके पास और भी एयरपोर्ट व एयरबेस हैं, इस तरह के जहाजों को वहां क्यों नहीं उतारते? केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू ने कहा- भगवंत मान बताएं कि पंजाब को कैसे बदनाम किया? जो बेड़ियों और हथकड़ियों का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक फिल्म का सीन है। व्हाइट हाउस अमेरिका की तरफ से सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट... 119 भारतीयों को लाया जाएगा अमृतसर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज विमान से 119 भारतीयों को लाया जाएगा। इनमें पंजाब के 67 और हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। वहीं दूसरे विमान में 157 भारतीयों को लाया जाएगा। हालांकि, अमृतसर एयरपोर्ट के अधिकारी या केंद्र सरकार की किसी एजेंसी की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। पिछली फ्लाइट को लेकर भी अलग-अलग तरह की जानकारियां सामने आई थीं। इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी एयरफोर्स के विमान ग्लोबमास्टर में 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। इस बार भारतीयों को कैसे डिपोर्ट किया जाएगा, क्या उन्हें फिर से हथकड़ी-बेड़ियां पहनाकर भेजा जाएगा, इसे लेकर कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गया भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्प ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ******** ये खबर भी पढ़ें... अमेरिका से 104 भारतीय जबरन भारत डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 5 फरवरी को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर

Feb 16, 2025 - 00:34
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अमेरिकी विमान 119 निर्वासित भारतीयों को लेकर अमृतसर में उतरा:पंजाब के 67, हरियाणा के 33 लोग होने की खबर, एयरपोर्ट से बाहर आने में 2 घंटे लग सकते हैं

अमेरिकी विमान 119 निर्वासित भारतीयों को लेकर अमृतसर में उतरा

Kharchaa Pani

लेखिका: सृष्टि शर्मा, नैटानागरी टीम

परिचय

अमेरिका से भारतीय विमानों की यह एक महत्वपूर्ण उड़ान है, जिसमें 119 निर्वासित भारतीय नागरिक अमृतसर पहुंचे हैं। इनमें पंजाब के 67 और हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। यह विशेष उड़ान भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है जो अमेरिका से वापस अपने देश लौटने की उम्मीद में थे।

निर्वासित भारतीय नागरिकों की वापसी

यह उड़ान भारत सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है जो भारत के नागरिकों को सुरक्षित रूप से उनके घर वापस लाने के लिए की जा रही है। अमृतसर एयरपोर्ट पर इन निर्वासित नागरिकों का स्वागत किया गया, और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। हालांकि, एयरपोर्ट से बाहर आने में औसतन करीब 2 घंटे का समय लग सकता है।

एयरपोर्ट पर सुरक्षा और प्रबंधन

एयरपोर्ट पर सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया गया है। स्वास्थ्य जांच और आवश्यक कागजी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रियाओं को तेज किया गया है। यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर लाने के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।

प्रशासन की तैयारी

पंजाब और हरियाणा के प्रशासन ने भी इस विशेष अवसर पर अपनी तयारी कर रखी है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सभी पूर्व निर्धारित स्वास्थ्य मानकों का पालन किया जा सके। यह काफी आवश्यक है कि सभी लौटे हुए नागरिकों की स्वास्थ्य जांच सही ढंग से हो ताकि किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा न हो।

सामाजिक प्रतिक्रिया

इस विशेष उड़ान के आगमन पर स्थानीय लोगों ने खुशी व्यक्त की है। परिवारजनों द्वारा अपने प्रियजनों के लौटने का स्वागत किया गया है, जिससे सबका मनोबल बढ़ा है। यह एक गर्व का पल है जब लोग अपनी मातृभूमि लौटते हैं।

निष्कर्ष

हालांकि कई चुनौतियां अभी भी कई लोगों के सामने हैं, लेकिन इस तरह की उड़ानें निश्चित रूप से भारतीय नागरिकों के लिए एक आशा की किरण साबित हो रही हैं। यह प्रयास न केवल नागरिकों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है। भारतीय प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं, वो सराहनीय हैं और इसे आगे बढ़ाते रहना चाहिए।

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