वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी:चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला; प्रक्रिया पर एक्सपर्ट की चर्चा जल्द शुरू होगी

चुनाव आयोग और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के विशेषज्ञ जल्द ही आधार-वोटर कार्ड लिंक करने पर तकनीकी परामर्श शुरू करेंगे। गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग की मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया। आयोग का कहना है कि वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग और UIDAI के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, लेकिन आधार केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र को आधार से लिंक करने के लिए सभी कानूनों का पालन किया जाएगा। अभी क्या है लिंकिंग की प्रक्रिया कानून मतदाता सूचियों को आधार डेटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है। सरकार ने संसद में बताया है कि आधार-वोटर कार्ड लिंक करने की प्रक्रिया पहले से चल रही है। प्रस्तावित लिंकिंग के लिए कोई लक्ष्य या समयसीमा निर्धारित नहीं की गई थी। सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग अपने आधार कार्ड को मतदाता सूची से नहीं जोड़ते हैं, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं काटे जाएंगे। खबर लगातार अपडेट हो रही है...

Mar 18, 2025 - 18:34
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वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी:चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला; प्रक्रिया पर एक्सपर्ट की चर्चा जल्द शुरू होगी
चुनाव आयोग और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के विशेषज्ञ जल्द ही आधार-वोटर कार्ड लिंक

वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की तैयारी: चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला; प्रक्रिया पर एक्सपर्ट की चर्चा जल्द शुरू होगी

Kharchaa Pani

लेखिका: सुमीता शर्मा, नेता नगारि टीम

परिचय

भारत में लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान प्रक्रिया को सुधारना अत्यंत आवश्यक है। इसी दिशा में, हाल ही में चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के बीच हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने का एक प्रयास है।

वोटर कार्ड और आधार का लिंकिंग

वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू करने के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, यह सुनिश्चित करेगा कि हर मतदाता एक ही मतदाता पहचान पत्र का उपयोग कर रहा है। इससे मतदाता के डुप्लीकेट वोटिंग की संभावना कम होगी। इसके अलावा, यह अन्य पारदर्शिता जैसे कि मतदाता की पहचान के सत्यापन में भी मदद करेगा।

एक्सपर्ट की चर्चा

बैठक के दौरान, इस प्रक्रिया को सुचारु रूप से लागू करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों की राय लेने का निर्णय लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही विशेषज्ञों का एक पैनल इस विषय पर चर्चा करेगा। वे इस बात पर विचार करेंगे कि लिंकिंग प्रक्रिया को कैसे आसान बनाया जा सकता है और इसके लिए आवश्यक तकनीकी सहायता क्या होगी।

सम्भावित चुनौतियाँ

हालांकि, इस लिंकिंग प्रक्रिया के कई फायदे हैं, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं। जैसे कि आधार कार्ड की उपलब्धता, लोगों की जागरूकता, और तकनीकी अवसंरचना की जरूरत। इन सभी पहलुओं पर गहन चर्चा की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने का यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय नागरिकों की मतदान की स्थिति को बेहतर बनाने हेतु एक ठोस पहल के रूप में उभरता है। खर्चा पानी के पाठकों से निवेदन है कि वे इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक रहें और अपनी राय अवश्य साझा करें। अधिक अपडेट के लिए विजिट करें kharchaapani.com.

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