नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 17 की मौत:3 बच्चे शामिल, लोग एक घंटे तक दबे रहे; महाकुंभ जाने के लिए इंतजार कर रहे थे
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:26 बजे भगदड़ से 17 लोगों की मौत हो गई। इनमें 10 महिलाएं और 3 बच्चे हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हैं। लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मौत की पुष्टि की है। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई। शुरुआत में नॉर्दन रेलवे के CPRO (चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर) ने भगदड़ की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कोई यह सिर्फ अफवाह है। लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट कर मौत पर संवेदना व्यक्त की। इसके 20 मिनट बाद ही LNJP ने 15 लोगों के मौत की पुष्टि की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे। वो 3 बड़े कारण... जिससे हालात बिगड़े और जानें गईं तीन चश्मदीदों के बयान: प्लेटफॉर्म नबंर बदलने की घोषणा से भगदड़ कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके: प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था। लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके। ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी: प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा। एलजी ने पहले श्रद्धांजलि दी...फिर आधे घंटे में ही अपना ट्वीट बदला दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने रात 11:55 बजे ट्वीट किया, ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस घटना पर मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है।’ फिर 12:24 बजे अपने ट्वीट को एडिट करते हुए लिखा- ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। इस स्थिति को संभालने के लिए मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से बात की गई है।’ एलजी वीके सक्सेना ने मौतों और संवेदना जताने वाली बात हटा दी गई है। हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने 12:56 बजे ट्वीट किया- ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से दुखी। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्दी ठीक हों। हादसे के दौरान की 5 तस्वीरें... हादसे से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए....

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 17 की मौत: 3 बच्चे शामिल, लोग एक घंटे तक दबे रहे; महाकुंभ जाने के लिए इंतजार कर रहे थे
खर्चा पानी
लेखक: सुषमा वर्मा, टीम नेटानागरी
घटना का संक्षिप्त ब्योरा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच रविवार को हुई भगदड़ ने 17 लोगों की जान ले ली, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। यह घटना उस वक्त हुई जब हजारों लोग रेलवे स्टेशन पर अपने-अपने ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे। घटना के पचास मिनट तक लोग दबे रहे, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई।
घटना का कारण
परिस्थिति के अनुसार, भगदड़ की शुरुआत एक असामान्य शोर और अफवाह से हुई। कुछ यात्रियों ने चिल्लाना शुरू किया कि ट्रेन आ गई है, जिससे अचानक लोग इधर-उधर दौड़ने लगे। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, यह भगदड़ उस स्थान पर हुई जहां से भक्त महाकुंभ के लिए ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।
बचाव कार्य
घटना के बाद, रेलवे और प्रशासन के अधिकारी तुरंत बचाव कार्य में जुट गए। मेडिकल टीमों ने घायलों को स्टेशन के समीप स्थित अस्पताल में इलाज के लिए भेजा। कई पीड़ितों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। बचाव कार्य में शामिल अधिकारियों ने कहा कि लोग एक घंटे तक घेराबंद रहे, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया।
सरकारी प्रतिक्रिया
सरकारी अधिकारियों ने घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे मंत्री ने पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, वे इस घटना को लेकर आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता को समझते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इस बार भक्तों की संख्या अधिक होने का अनुमान था, जिसके चलते रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई थी। श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को प्रभावी योजनाएं बनानी होंगी।
निष्कर्ष
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ एक भयानक घटना थी, जिसमें अनेक परिवारों ने अपने प्रिय जनों को खो दिया। घटनाओं का उचित प्रबंधन ना होने के कारण यह स्थिति बनी। सभी संबंधित प्राधिकरणों को सबक लेते हुए ऐसी स्थिति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आने वाले समय में महाकुंभ जैसी बड़ी गतिविधियों के लिए सुरक्षा के इंतजामों को और भी सख्त करना जरूरी होगा।
इस घटना से शोकाकुल परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। आगे चलकर, यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी tragedyon को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
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