तेजप्रताप,राबड़ी से आज ED ऑफिस में होगी पूछताछ:लैंड फॉर जॉब केस में अफसर करेंगे सवाल-जवाब, कल लालू को ईडी दफ्तर बुलाया
जमीन के बदले नौकरी मामले में ED दफ्तर में आज राबड़ी देवी से पूछताछ हो सकती है। ED ने मंगलवार को राबड़ी देवी को पटना स्थित दफ्तर बुलाया है। इसके साथ ही RJD सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को समन जारी किया है। ED ने पहली बार जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ के लिए तेजप्रताप को बुलाया है। जानकारी के मुताबिक, ED ने लालू यादव को भी 19 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं, पटना में ED दफ्तर के बाहर समर्थकों की भीड़ जुट गई है। 'BJP विधायक बोले- जैसी करनी वैसी भरनी' लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व सीएम राबड़ी देवी को समन पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि 'कानून काम कर रहीं है। न्यायालय का मामला है।' वहीं बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि, 'प्रत्येक क्रिया के विपरित प्रतिक्रिया होती है। सनातन संस्कृति कहती है कि जैसी करनी वैसी भरनी। जब इन लोगों को सत्ता शासन मिला तो दुरुपयोग किया। जमीन के बदले जॉब दिया। आज उसी में ईडी की कार्रवाई हो रही है। जिसने भी इस देश को लूटा है उसको लौटाना पड़ेगा। कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।' इससे पहले लैंड फॉर जॉब केस में मंगलवार 11 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव सुनवाई के दौरान कोर्ट पहुंचे थे। सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जनवरी 2024 में लालू-तेजस्वी से हुई थी पूछताछ लैंड फॉर जॉब्स मामले में 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। लालू प्रसाद से 50 से ज्यादा सवाल किए थे। उन्होंने ज्यादातर जवाब हां या ना में ही दिए थे। पूछताछ के दौरान कई बार लालू झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी से 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ की थी। 7 डील में जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल डील-1 : जमीन देने के सालभर के अंदर 3 लोगों को नौकरी मिली CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी। यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी काे बेच दी। साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई। डील-2 : 3.75 लाख में 3,375 वर्ग फीट जमीन देने के बदले 2 को रेलवे में नौकरी फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी। CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई। डील-3 : 2007 में जमीन दी, 2008 में बेटे का रेलवे में सिलेक्शन पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई। डील-4 : 9,527 स्क्वायर फीट जमीन के बदले 2 लोगों को मिली नौकरी फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी। बाद में हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई। CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू की बेटी मीसा और पत्नी राबड़ी को दे दिए गए थे। राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं। डील-5: 2006 में नौकरी मिली, 2015 में 1360 वर्ग फीट जमीन ली पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी। CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी। डील-6: नौकरी मिलने के बाद 62 लाख की जमीन गिफ्ट कर दी बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फुट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेच दी। हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई। 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया। CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं। साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था। डील-7: 2008 में नौकरी मिली, 2014 में जमीन दी विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी। ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई। इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया। --------------------------- लैंड फॉर जॉब स्कैम- तेजप्रताप और हेमा को मिली जमानत:50 हजार के मुचलके पर बेल; CBI ने 78 लोगों को बनाया है आरोपी लैंड फॉर जॉब केस में आज यानी मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है।कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर बेल दी है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव सुनवाई के दौरान कोर्ट पहुंचे थे। लैंड फॉर जॉब केस के वकील वरूण जैन ने बताया- '1 सिक्योरिटी और 50 हजार मुचलके पर जमानत दी गई है। गवाहों से टेम्परिंग नहीं करना है। देश छोड़कर जाने से पहले कोर्ट को बताना होगा। इस कंडीशन पर बेल दी गई है।' पूरी खबर पढ़ें

तेजप्रताप, राबड़ी से आज ED ऑफिस में होगी पूछताछ: लैंड फॉर जॉब केस में अफसर करेंगे सवाल-जवाब, कल लालू को ईडी दफ्तर बुलाया
Kharchaa Pani
लेखक: प्रिया, नेहा, सुमन - टीम नेटानागरी
आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजप्रताप यादव और उनकी मां राबड़ी देवी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आपराधिक जांच एजेंसी ने उन्हें लैंड फॉर जॉब मामले में सवालों के जवाब देने के लिए आमंत्रित किया है। यह मामला बिहार में राजनीति को लेकर गर्मागर्मी पैदा कर रहा है।
किस मामले में हो रही है पूछताछ?
लैंड फॉर जॉब केस में आरोप लगाया गया है कि सरकारी नौकरी के बदले अधिकारियों को जमीन का हस्तांतरण किया गया। इस मामले में पहले ही कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें तेजप्रताप और राबड़ी देवी शामिल हैं। पूछताछ की प्रक्रिया में, अधिकारी उनसे कई महत्वपूर्ण सवाल पूछेंगे, जो उनकी भूमिका और स्थिति को स्पष्ट करने में मदद करेंगे।
लालू प्रसाद यादव की भूमिका
कल, लालू प्रसाद यादव को भी ED दफ्तर बुलाया गया है। उनके ऊपर भी इस मामले में कई आरोप लगे हैं। उनकी उपस्थिति से राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है, क्योंकि वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और राजद के प्रमुख नेता हैं। उनकी पूछताछ के परिणामों पर न केवल राजद के कार्यकर्ताओं, बल्कि पूरे बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों पर गहरा असर पड़ेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। राजद के समर्थकों ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार विरोधियों को दबाने का प्रयास कर रही है। वहीं, भाजपा के नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का यह एक सकारात्मक उदाहरण है।
निष्कर्ष
तेजप्रताप और राबड़ी देवी की ED द्वारा पूछताछ इस बात का संकेत है कि जांच एजेंसियाँ किसी भी राजनीतिक प्रभाव से परे होकर अपना काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में इस मामले की विस्तृत जानकारी मिलती रहेगी, जो राजनीतिक समीकरणों को और भी जटिल बनाएगी। इस केस से जुड़े अपडेट्स के लिए खर्चा पानी पर नियमित रूप से विजिट करते रहें।
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