महाकुंभ में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डुबकी लगाएंगी:राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरी राष्ट्रपति होंगी; उत्तराखंड सीएम ने संगम में स्नान किया
महाकुंभ का आज 29वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ आएंगी। वे आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी। राष्ट्रपति संगम में स्नान के साथ यहां अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी। सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू दिल्ली से विशेष हवाई जहाज से प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर दिन में लगभग 11 बजे पहुंचेंगी। यहां से वे हेलिकॉप्टर से महाकुंभ नगर के अरैल क्षेत्र में डीपीएस हेलीपैड पर उतरेंगी। वहां से कार से अरैल VVIP जेटी तक और फिर यहां से निषादराज क्रूज से संगम जाएंगी। स्नान के बाद गंगा की पूजा और आरती करेंगी। इसके बाद डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र को देखेंगी। शाम चार बजे के करीब दिल्ली के लिए रवाना होंगी। द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं, जो प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने आ रही हैं। इससे पहले 1954 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था। वहीं, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार सुबह परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रयागराज शहर में जबरदस्त भीड़ है। इसे देखते हुए अरैल घाट से संगम तक बोट बंद की गई है। संगम स्टेशन को 14 फरवरी तक के लिए बंद किया गया है। प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ को मैनेज करने के लिए इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया है। महाकुंभ से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...

महाकुंभ में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डुबकी लगाएंगी: राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरी राष्ट्रपति होंगी; उत्तराखंड सीएम ने संगम में स्नान किया
Kharchaa Pani
इस वर्ष का महाकुंभ मेला एक बार फिर से देश और विश्व के श्रद्धालुओं का केंद्र बन गया है। आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ऐतिहासिक संगम स्थल पर डुबकी लगाने जा रही हैं। ये उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि ऐसा करते हुए वे भारत की दूसरी राष्ट्रपति बन जाएंगी। पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने भी यहां स्नान किया था। यह घटना न केवल धार्मिक बल्कि राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक भी है।
महाकुंभ क्या है?
महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होने वाला Hindu धर्म का एक विशाल मेला है। इसमें विभिन्न स्थानों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, जहां वे गंगा, Yamuna और सरस्वती के संगम में स्नान करते हैं। यह अवसर उनके लिए आत्मा की Shuddhi और धर्म के प्रति अपने समर्पण का एक प्रतीक होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का योगदान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह स्नान भारत की महिला शक्ति को प्रोत्साहित करता है। उनके राष्ट्रपति बनने से पहले, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए समाज में अपने योगदान को साबित किया है। यह स्नान भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके इस ऐतिहासिक पल का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का स्नान
महाकुंभ में स्नान करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी संगम में डुबकी लगाई। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि यह पर्व केवल आस्था का नहीं बल्कि एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। संगम में स्नान करने से हमें आत्मिक शांति और सच्चे मन से प्रार्थना करने का अवसर मिलता है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा उपाय
महाकुंभ में अत्यधिक भीड़ होने के कारण प्रशासन ने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों से अपील की जा रही है कि वे नियमों का पालन करें और एक सुरक्षित अनुभव के लिए तैयार रहें।
निष्कर्ष
आज का दिन महाकुंभ के इतिहास में एक और अध्याय जोड़ने जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संगम में स्नान भारतीय समाज और संस्कृति की विविधता और गहराई को दर्शाता है। यह अवसर सभी के लिए प्रेरणा का संदेश लेकर आता है। इसे देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि महाकुंभ और भी भव्य और महत्वपूर्ण बनता जाएगा।
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