हरियाणा में BJP सरकार, JJP नेता की चेयरमैन कुर्सी बरकरार:ध्वजारोहण लिस्ट से हुआ खुलासा; 10 महीने पहले दोनों दलों का गठबंधन टूट चुका

हरियाणा में CM नायब सैनी की अगुआई वाली BJP सरकार में जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता चेयरमैन की कुर्सी पर बैठे हुए हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने के लिए विधायकों और चेयरमैनों को जिम्मेदारी दी गई। इस लिस्ट में JJP नेता राजेंद्र लितानी का नाम भी था। लितानी को ऐलनाबाद में तिरंगा फहराना करना था, लेकिन सरकार की ओर से आनन-फानन में सूची रिवाइज कर दी गई, जिसमें राजेंद्र लितानी का नाम हटा दिया गया। लितानी जजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव हैं। उन्हें सितंबर 2023 में हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। यह चेयरमैन पद इतना महत्वपूर्ण है कि इस पद पर पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल भी रह चुके हैं। उस समय चौधरी बंसीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। इसका पता चलते ही विरोधी भाजपा पर तंज कस रहे हैं कि भले ही इनका गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले टूट चुका हो, लेकिन साइलेंट गठजोड़ बरकरार है। तभी जजपा कोटे से बने चेयरमैन भाजपा सरकार में कार्य कर रहे हैं। चौटाला परिवार के करीबी, देवीलाल के भक्त लितानी राजेंद्र लितानी चौटाला परिवार के खास माने जाते हैं। राजेंद्र लितानी पार्टी के लिए इतने समर्पित हैं कि वह अपनी जेब से ही पार्टी के लिए खर्चा करते हैं। उन्होंने कभी कुछ नहीं मांगा। राजेंद्र लितानी की चौधरी देवीलाल के प्रति इस हद तक दीवानगी है, कि इन्होंने अपने घर में चौधरी देवीलाल की मूर्ति लगाकर मंदिर बनाया हुआ है। इस मंदिर का नाम ताऊ भक्त बसेरा रखा है। इस मंदिर में ये सुबह-शाम जहां देसी घी का दीया जलाते हैं। धूप-अगरबत्ती भी जलाते हैं। देवीलाल की 4 पीढ़ियों के साथ किया काम 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे राजेंद्र लितानी हरियाणा के उन चुनिंदा लोगों में शुमार हैं, जिन्होंने देवीलाल की 4 पीढ़ियों के साथ राजनीति में काम किया है। इन्होंने कभी भी पार्टी में बड़े ओहदे की लालसा नहीं की। साधारण कार्यकर्ता से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजेंद्र को हलका महासचिव का पद दिया गया था। इनके संगठन में किए गए कार्य की बदौलत फिर इन्हें हलका प्रधान, जिला प्रधान और यहां तक कि वह पार्टी के पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं। इनेलो से अलग संगठन बनने पर जननायक जनता पार्टी में इन्हें मुख्य संगठन का प्रदेश संगठन सचिव का जिम्मा दिया और वर्तमान में राजेंद्र लितानी राष्ट्रीय संगठन सचिव पद पर हैं। गठबंधन टूटने के बाद भी काम कर रहे थे लितानी लितानी को सितंबर 2023 में बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, जब जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन था। आमतौर पर, सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों को ही बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष पदों पर नियुक्त किया जाता है। अध्यक्ष की नियुक्ति एक वर्ष के लिए होती है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर उनका कार्यकाल सत्ता में रहने वाली पार्टी तक ही सीमित होता है। राज्य सरकार चाहे तो नियुक्ति पत्र में दिए गए कार्यकाल से पहले भी उनका कार्यकाल कम कर सकती है। मार्च 2024 में भाजपा-जेजेपी गठबंधन टूटने के बावजूद लितानी न केवल अपने पद पर बने रहे। राज्य सरकार ने उन्हें 15 अगस्त 2024 को कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का काम भी सौंपा था। इसके बाद अब ऐलनाबाद में उनका नाम गणतंत्र दिवस पर भी ध्वजारोहण में डाल दिया गया। चेयरमैन को 75 हजार महीने वेतन हरियाणा सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार, चेयरमैन को वेतन के रूप में 75,000 रुपए प्रति माह मिलते हैं। इसके अलावा, वह अपने कार्यभार संभालने की तिथि से मकान किराया भत्ता या वास्तविक किराया के रूप में 50 हजार रुपए प्रति माह पाने के हकदार हैं। अध्यक्ष राज्य सरकार के वर्ग-एक अधिकारियों को मिलने वाली टेलीफोन सुविधा, यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और चिकित्सा सुविधाओं के भी हकदार रहते हैं।

Jan 26, 2025 - 06:34
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हरियाणा में BJP सरकार, JJP नेता की चेयरमैन कुर्सी बरकरार:ध्वजारोहण लिस्ट से हुआ खुलासा; 10 महीने पहले दोनों दलों का गठबंधन टूट चुका
हरियाणा में CM नायब सैनी की अगुआई वाली BJP सरकार में जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता चेयरमैन की कुर्सी पर ब

हरियाणा में BJP सरकार, JJP नेता की चेयरमैन कुर्सी बरकरार: ध्वजारोहण लिस्ट से हुआ खुलासा

Kharchaa Pani

लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

हरियाणा की राजनीतिक स्थिति में लंबे समय से उथल-पुथल चल रही है। बीजेपी सरकार के तहत जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं की भूमिका ने न केवल राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया है, बल्कि ध्वजारोहण लिस्ट के माध्यम से भी कई रहस्य उजागर किए हैं। यह लेख देखेगा कि कैसे JJP ने अपने नेता की चेयरमैन कुर्सी को बरकरार रखा है, भले ही दोनों दलों का गठबंधन दस महीने पहले टूट चुका था।

BJP और JJP का गठबंधन

BJP और JJP का गठबंधन 2019 में बना था, जिसमें दोनों दलों ने मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, पिछले साल इसकी नींव में दरार आ गई थी। अक्टूबर 2022 में JJP ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था, जिससे प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के संकेत मिल रहे थे।

ध्वजारोहण लिस्ट का खुलासा

हाल ही में ध्वजारोहण लिस्ट जारी की गई, जिसमें JJP के एक नेता की चेयरमैन कुर्सी बरकरार रहने का खुलासा हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि भले ही दोनों दलों के बीच राजनीतिक रिश्ते अच्छे नहीं हैं, लेकिन JJP ने अपने प्रभाव को बनाए रखा है। इस लिस्ट में विभिन्न प्रमुख नेताओं के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राजनीतिक परिणाम और भविष्य

चुनावों के मद्देनजर, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि JJP और बीजेपी के बीच के संबंध कैसे विकसित होते हैं। राजनीति में हर एक कदम महत्वपूर्ण होता है, और ध्वजारोहण लिस्ट ने आंतरिक राजनीति की एक झलक दी है। नेताओं के लिए यह एक संकेत है कि उन्हें अपने कार्यों और निर्णयों के प्रति जागरूक रहना होगा।

उपसंहार

हरियाणा की राजनीति में BJP और JJP की मौजूदा स्थिति यह दर्शाती है कि राजनीतिक गठबंधन हमेशा स्थायी नहीं होते। ध्वजारोहण लिस्ट से जुड़ी जानकारी ने यह दिखाया है कि कैसे JJP ने अपनी ताकत को बनाए रखा जबकि BJP अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन हरियाणा की राजनीति के दर्शकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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