राजस्थान में आया भूकंप, बीकानेर में धरती हिली:महामसर में बताया जा रहा केंद्र; सहम गए लोग, एक-दूसरे को कॉल किया
बीकानेर में रविवार दोपहर 12.58 बजे भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र बीकानेर के महामसर में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे रहा। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 थी। अचानक आए भूकंप के झटकों से लोग सहम गए और एक-दूसरे को कॉल किया। अब तक कहीं से भी किसी तरह की जनहानि होने की सूचना नहीं है। मुरलीधर व्यास कॉलोनी में रहने वाली मीनाक्षी ने बताया कि अचानक सब कुछ हिल गया था। रामकुमार हर्ष ने बताया कि उन्हें भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। नोखा और लूणकरणसर में भी भूकंप का एहसास हुआ है। जलदाय विभाग के कर्मचारी श्याम नारायण रंगा ने बताया कि शहर में कई जगह झटके महसूस हुए हैं। सीसीटीवी कैमरे में भी धरती हिलने का नजारा कैद हुआ।

राजस्थान में आया भूकंप, बीकानेर में धरती हिली: महामसर में बताया जा रहा केंद्र; सहम गए लोग, एक-दूसरे को कॉल किया
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लेखकों की टीम: नेता नागरी
राजस्थान में मंगलवार रात एक और भूकंप ने लोगों में खौफ भर दिया। बीकानेर क्षेत्र में अचानक आई इस भूकंप ने सभी को हिला कर रख दिया। भूकंप के केंद्र को महामसर के पास बताया गया है, जहां इसकी तीव्रता काफी अधिक रही। यहां यह जानना बेहद जरूरी है कि रामगंज मंडी से लेकर लाखन और जयपुर तक इस हलचल का अनुभव किया गया।
भूकंप की तीव्रता और समय
राजस्थान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई। यह रात लगभग 10:32 बजे आया। भूकंप के झटके लोगों के मन में भय का माहौल पैदा कर दिया। ऐसे में कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और एक-दूसरे को कॉल करके अपनी हालात की जानकारी देने लगे। कुछ लोगों ने तो इस भूकंप को इतना तेज बताया कि उनकी नींद टूट गई।
लोगों का प्रतिक्रिया
भूकंप के झटकों ने पूरे बीकानेर क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। लोग एक-दूसरे से बातचीत करते हुए अपने-अपने घरों के बाहर निकल आए। किसी ने अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क साधा, तो किसी ने पड़ोसी से हाल-चाल पूछने में देर नहीं की। सोशल मीडिया पर भी भूकंप के बारे में लोग चर्चा करते रहे और जानकारी साझा की।
विज्ञान की दृष्टि से भूकंप
भूकंप प्राकृतिक आपदाओं में से एक है और यह मुख्य रूप से जियोलॉजिकल चेंजेस के कारण होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में धरती की टेकीटोनिक प्लेट्स की हलचल के कारण भूकंप संभव है। बीकानेर के आस-पास के इलाके भूकंप के प्रति सामान्यतः सक्रिय माने जाते हैं, लेकिन इतना बड़ा झटका अपेक्षित नहीं था।
सुरक्षा उपाय और प्रशासन की तैयारियाँ
स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही, भूकंप के बाद घटना के प्रति जागरूक रहने के निर्देश भी जारी किए हैं। हैंड्स फ्री डिवाइस से संपर्क साधने की सलाह दी जा रही है ताकि लोग तेजी से एक-दूसरे से बात कर सकें।
निष्कर्ष
राजस्थान में आया यह भूकंप एक बार फिर हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सावधान रहने की याद दिलाता है। इन आपदाओं के वक्त कोई भी तैयारी या योजना काम आ सकती है। सभी लोगों को चाहिए कि वे ऐसे हालातों के लिए पहले से ही मानसिक तैयारी रखें। इससे न केवल उनकी जान बचाई जा सकेगी, बल्कि साथ ही अपनों की भी देखभाल कर सकेंगे।
कम शब्दों में कहें तो, राजस्थान में आए इस भूकंप ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया था और यह हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग रहने की आवश्यकता समझाता है।
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