शाह का भतीजा बनकर ठगी, आरोपी की जमानत याचिका खारिज:₹90 करोड़ का टेंडर दिलवाने का झांसा देकर 4 करोड़ ठगे; 2021 से न्यायिक हिरासत में

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक हाई-प्रोफाइल ठगी के मामले में आरोपी अजय कुमार नय्यर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। नय्यर पर आरोप है कि उसने खुद को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भतीजा बताकर एक कारोबारी से 3.9 करोड़ रुपए ठगे। आरोपी 10 नवंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में है। एडिशनल सेशन जज (ASJ) डॉ. हरदीप कौर ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा, "आरोपों की गंभीरता और अपराध की प्रकृति को देखते हुए अदालत आरोपी को जमानत देने के पक्ष में नहीं है। इसलिए यह जमानत याचिका खारिज की जाती है।" अदालत ने कहा कि आरोपी ने खुद को केंद्रीय गृहमंत्री का भतीजा बताकर शिकायतकर्ता से राष्ट्रपति भवन के नवीनीकरण के लिए 90 करोड़ रुपए का टेंडर दिलवाने का झांसा दिया और इसके बदले में शिकायतकर्ता से नकद और आरटीजीएस के माध्यम से 3.9 करोड़ रुपए लिए। आरोपी के वकील ने क्या दलील दी… सरकारी वकील ने बताया कि शिकायतकर्ता अब तक जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा है और उसने अभियोजन पक्ष के दावों की पुष्टि की है। जमानत याचिका के दौरान आरोपी के वकील ने यह दलील दी कि नय्यर 39 महीने से जेल में है, मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। साथ ही यह भी बताया गया कि अन्य सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इस पर कोर्ट ने कहा, "सिर्फ जेल में लंबी अवधि बिताना और चार्जशीट का दाखिल हो जाना जमानत का आधार नहीं हो सकता। अदालत को इस दौरान अपराध की गंभीरता, आरोपी का व्यवहार, अपराध दोहराने की संभावना, गवाहों को प्रभावित करने या डराने का खतरा, और न्याय प्रक्रिया में बाधा आने की संभावना जैसे कारकों पर भी विचार करना होता है।" कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आरोपी अन्य सह-आरोपियों के समान आधार पर जमानत की मांग नहीं कर सकता, क्योंकि उसका रोल उनसे अलग और ज्यादा गंभीर है। क्या है पूरा मामला… प्रॉसिक्यूशन के अनुसार, यह मामला शिकायतकर्ता गुरसिमरदीप सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जो ‘जलंधर लेदर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से चमड़े का व्यवसाय करते हैं। जून 2020 में उनके पारिवारिक मित्र अमित तलवार ने उनकी मुलाकात आरोपी अजय नय्यर से जालंधर जिमखाना क्लब में कराई थी। वहीं पर आरोपी ने खुद को गृहमंत्री अमित शाह का भतीजा बताया और कहा कि वह उन्हें राष्ट्रपति भवन के नवीनीकरण के लिए चमड़ा सप्लाई करने का 90 करोड़ रुपये का टेंडर दिलवा सकता है। इस झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने आरोपी को बड़ी रकम दे दी, जिसके बाद नय्यर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और गिरफ्तारी हुई। कोर्ट के फैसले के बाद आरोपी को अब जेल में ही रहना होगा। ---------------------------------------- ठगी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... पुलिस-रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगने वाला फर्जी IPS; एसपी की यूनिफॉर्म में ऑनलाइन मेडिकल और इंटरव्यू सोशल मीडिया पर नौकरी दिलवाने के विज्ञापनों से बेरोजगारों को फंसाया जा रहा है। हाल ही में ऐसी ही एक गैंग ने सीकर के 5 युवाओं को फंसाकर 90 लाख ठग लिए। ऐसी गैंग को एक्सपोज करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने 1 महीने तक इन्वेस्टिगेशन किया। विज्ञापनों में दिए मोबाइल नंबर पर खुद को बेरोजगार बताकर कॉल किया। पूरी खबर पढ़ें...

Apr 16, 2025 - 09:34
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शाह का भतीजा बनकर ठगी, आरोपी की जमानत याचिका खारिज

लेखक: स्नेहा शर्मा, नेहा रानी, टीम नीतानागरी

खर्चा पानी

परिचय

बिहार में एक चौंकाने वाली ठगी का मामला सामने आया है जिसमें आरोपी ने एक प्रतिष्ठित राजनेता के भतीजे का नाम लेकर लोगों को ठगा। विगत दो वर्षों से न्यायिक हिरासत में रहने के बाद आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। आरोपी पर आरोप है कि उसने ₹90 करोड़ का टेंडर दिलवाने का झांसा देकर चार करोड़ रुपये ठग लिए।

ठगी का विवरण

साल 2021 में, आरोपी ने खुद को केंद्रीय मंत्री के भतीजे के रूप में पेश किया। उसने एक व्यवसायी को विश्वास दिलाया कि वह उसे सरकारी टेंडर दिलवाने में मदद कर सकता है। व्यवसायी ने इस झांसे में आकर आरोपी को चार करोड़ रुपये का भुगतान किया।

ठगी का शिकार हुए व्यवसायी ने जब टेंडर नहीं मिलने पर आरोपी से संपर्क किया, तो उसने टाल-मटोल करना शुरू कर दिया। अंततः, इस संदिग्ध स्थिति ने व्यवसायी को आरोप लगाने पर मजबूर किया और एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई।

न्यायिक प्रक्रिया और जमानत याचिका

आरोपी को 2021 में ही गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। हाल ही में आरोपी ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के खिलाफ ठगने के ठोस सबूत हैं और यदि आरोपी को जमानत दी गई, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है।

अदालत का यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह ठगी के मामलों में कड़ी कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति लोगों के विश्वास को बढ़ा रहा है।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार के अपराध न केवल व्यक्तियों को आर्थिक रूप से प्रभावित करते हैं, बल्कि समाज में एक भय और अविश्वास का माहौल बनाते हैं। इससे व्यवसायों के लिए नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और निवेशकों की रुचि कम हो सकती है।

निष्कर्ष

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित किया है कि ठगी के मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है। लोगों को समझना चाहिए कि किसी भी प्रकार के व्यापार में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी और विश्वसनीयता की जांच जरूरी है। न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय से यह संकेत मिलता है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और न्याय की हत्या नहीं होने दी जाएगी।

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