केरल में 3 दिन में रैगिंग का दूसरा मामला:ऑर्डर नहीं मानने पर जूनियर का हाथ तोड़ा, स्कूल के तीन स्टूडेंट अरेस्ट
केरल के कन्नूर जिले में एक सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के 5 छात्रों को जूनियर स्टूडेंट के साथ रैगिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। घटना 12 फरवरी की है। मामला अब सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, पांच सीनियर छात्रों ने ऑर्डर न मानने पर एक जूनियर छात्र से मारपीट की। उसका हाथ तोड़ दिया। पीड़ित छात्र 11वीं क्लास का है। उसकी पहचान मोहम्मद निहाल के रूप में हुई है। केरल में रैगिंग से जुड़ा तीन दिन में यह दूसरा मामला है। इससे पहले कोट्टायम के नर्सिंग कॉलेज में पांच सीनियर्स ने तीन जूनियर छात्रों के कपड़े उतारकर उन्हें प्रताड़ित किया था। तीन छात्र गिरफ्तार, दो की तलाश जारी कोलवल्लूर पुलिस ने बताया कि पांच छात्रों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। इनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। यही सभी आरोपी छात्र12 वी के छात्र है और 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। रैगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज स्कूल प्रशासन की शिकायत के बाद पुलिस ने केरल प्रोहिबिशन ऑफ रैगिंग एक्ट के तहत भी आरोपियों पर केस दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस ने 3 छात्र को गिरफ्तार कर लिया है और 2 छात्र की अभी भी तलाश जारी है। स्कूल प्रशासन ने आरोपियों को निलंबित किया स्कूल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की और आरोपियों को स्कूल से निलंबित कर दिया। इस मामले पर स्कूल प्रशासन ने कहा, एंटी-रैगिंग कमेटी ने बैठक कर घटना की जांच की इसके अलावा स्कूल के CCTV फुटेज की भी जांच की जा रही है। हम जल्द ही पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। ------------------------------------------------- रैगिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केरल में रैगिंग, जूनियर्स के कपड़े उतारे:प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई; पीड़ित चिल्लाए तो मुंह में लोशन भर दिया केरल के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में जूनियर्स के साथ रैगिंग का मामला सामने आया है। पांच सीनियर छात्रों ने 3 स्टूडेंट के पहले कपड़े उतारे। फिर उनके प्राइवेट पार्ट पर डंबल (भारी वजन) लटका दिया। पढ़ें पूरी खबर

केरल में 3 दिन में रैगिंग का दूसरा मामला:ऑर्डर नहीं मानने पर जूनियर का हाथ तोड़ा, स्कूल के तीन स्टूडेंट अरेस्ट
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी वर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
केरल में रैगिंग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में एक छात्र को उसके सीनियर्स द्वारा गंभीर रूप से घायल करने का मामला सामने आया है। इस घटना में एक जूनियर छात्र का हाथ तोड़ दिया गया। यह घटना तीन दिन के भीतर रैगिंग का दूसरा मामला है, जिसने शिक्षा के वातावरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना केरल के एक प्रमुख स्कूल में हुई, जहां तीन सीनियर छात्रों ने आदेशों की अनदेखी करते हुए जूनियर छात्र पर हमला किया। पीड़ित छात्र ने रैगिंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन सीनियर्स ने उसे दी गई चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया। इस घटना के बाद तीनों सीनियर छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है।
रैगिंग का प्रभाव
रैगिंग न केवल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि कई बार शारीरिक हिंसा का कारण भी बन सकती है। इस तरह की घटनाएं छात्रों को तनाव, डर और भय के माहौल में रहने पर मजबूर करती हैं। काउंसलिंग और सख्त नियमों की कमी से ऐसे मामलों में वृद्धि हो रही है।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
राज्य शिक्षा विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसे रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाने का आश्वासन दिया है। विभाग ने स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि रैगिंग को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जा सकें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह की घटनाओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अंत में
रैगिंग के इस प्रकार के मामलों ने एक बार फिर स्कूलों में सुरक्षा की जरूरत का अहसास कराया है। यह समय है कि समाज और प्रशासन दोनों मिलकर इसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। सभी संस्थानों को चाहिए कि वे अपने छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस घटनाक्रम ने सभी शिक्षण संस्थानों को चेतावनी दी है कि रैगिंग को खत्म करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
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