रूस बोला- यूक्रेन की हथियार सप्लाई बंद करें अमेरिका-यूरोप:आज पुतिन-ट्रम्प फोन पर बात करेंगे; US ने दिया 30 दिन युद्धविराम का प्रस्ताव
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प में आज यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए 30 के अमेरिकी सीजफायर प्रस्ताव बात करेंगे। इससे पहले रूस ने शर्त रखी है कि अमेरिका और यूरोप यूक्रेन को 30 दिन के सीजफायर के दौरान यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बंद करनी होगी। रूसी राष्ट्रपति ऑफिस ने कहा- पुतिन चाहते हैं कि अमेरिका और यूरोप यूक्रेन को हथियारों सप्लाई बंद कर दें, लेकिन उनकी प्राथमिकता है कि अमेरिका यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दे। हालांकि एक्सपर्ट्स को चिंता है कि अगर युक्रेन की हथियार सप्लाई रुकती है तो उस पर रूसी हमले का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा। ट्रम्प बोले- पुतिन से बात करने का अच्छा मौका व्हाइट हाउस का मानना है कि शांति एक विकल्प है, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस बात पर यकीन नहीं है कि पुतिन सीजफायर को लेकर गंभीर हैं। एक दिन पहले यानी सोमवार को ट्रम्प ने मीडिया से कहा कि हम यह हम देखना चाहते हैं कि क्या हम उस युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हो सकता है कि हम कर सकें, हो सकता है कि हम न कर सकें, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास राष्ट्रपति पुतिन से बात करने का अच्छा मौका है। रूस बोला- नाटो वादा करे कि यूक्रेन को मेंबरशिप नहीं देगा यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की 30 दिन के सीजफायर प्रस्ताव पर सहमत हैं। रूस ने भी सैद्धांतिक तौर पर सहमति जताई है। हालांकि रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को का कहना है कि हमें इस बात की ठोस गारंटी मिलनी चाहिए कि यूक्रेन न्यूट्रल पोजिशन में रहेगा, नाटो देशों को यह वादा करना होगा कि वो यूक्रेन को मेंबरशिप नहीं देंगे यूक्रेन 30 दिन के सीजफायर के लिए तैयार पिछले मंगलवार यानी 11 मार्च को सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में यूक्रेन ने 30 दिन के सीजफायर पर सहमति जताई है। हालांकि तब रूस ने किसी भी अस्थाई सीजफायर से इनकार किया था। रूस ने पश्चिमी देशों से एक व्यापक सुरक्षा समझौते की मांग की है। इसमें यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं करने की गारंटी भी शामिल है। दिसंबर में पुतिन ने कहा था कि “हमें सीजफायर की नहीं शांति की आवश्यकता है। रूस और उसके नागरिकों को सुरक्षा गारंटी के साथ शांति चाहिए।” यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।

रूस बोला- यूक्रेन की हथियार सप्लाई बंद करें अमेरिका-यूरोप: आज पुतिन-ट्रम्प फोन पर बात करेंगे; US ने दिया 30 दिन युद्धविराम का प्रस्ताव
Kharchaa Pani
लेखक: सुमिता शर्मा, नेता नागरी टीम
परिचय
रूस और अमेरिका के बीच चल रही तनावपूर्ण स्थिति में एक नया मोड़ आया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और यूरोप से आग्रह किया है कि वे यूक्रेन को हथियार सप्लाई करना बंद करें। इस विषय पर आज पुतिन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच फोन पर बात होने की संभावना है। यह बातचीत उस समय हो रही है जब अमेरिका ने 30 दिन के लिए युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, जो कि देखने वाला है कि क्या इसके माध्यम से क्षेत्र में शांति का माहौल बनेगा।
रूसी मांग का महत्व
रूस की यह मांग अमेरिका और यूरोप के साथ संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकती है। यूक्रेन में जारी संघर्ष के चलते, पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही सहयोगात्मक सहायता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। रूस का दावा है कि हथियारों की आपूर्ति से स्थिति और बिगड़ रही है। अत: इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए यह आवश्यक है कि ऐसी सप्लाई को रोका जाए।
अमेरिका का युद्धविराम प्रस्ताव
दूसरी ओर, अमेरिका ने 30 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव सभी पक्षों के मध्य चर्चा और वार्ता के लिए एक मौक़ा पेश कर सकता है। अमेरिका का यह कदम शांति की दिशा में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा सकता है। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से किसी ठोस समाधान तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
पुतिन और ट्रम्प के बीच फोन वार्ता
आज होने वाली फोन वार्ता, पुतिन और ट्रम्प के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की विभिन्न नीतियाँ हमेशा चर्चा का विषय रही हैं, और ऐसे में उनकी राय इस मुद्दे पर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस वार्ता में सीमा पर तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की जा सकती है।
निष्कर्ष
रूस की यूक्रेन के मामले में उठाई गई मांग और अमेरिका का युद्धविराम प्रस्ताव, दोनों ही घटनाएँ अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ले सकती हैं। यदि इन वार्ताओं का सही दिशा में उपयोग किया जाता है, तो शायद इस क्षेत्र में शांति की एक नई उम्मीद की किरण जगी जा सकती है। इस समय देखना यह होगा कि अगली योजनाएँ क्या होती हैं और इन वार्ताओं का क्या परिणाम निकलता है।
कुल मिलाकर, यह स्थिति एक बार फिर यह प्रदर्शित करती है कि युद्ध और संघर्ष का समाधान बातचीत के माध्यम से ही संभव है।
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