मेलोनी ने दुनिया के लेफ्ट लीडर्स को पाखंडी बताया:इटली PM बोलीं- ये मोदी-ट्रम्प और मुझ पर कीचड़ उछालते हैं, पर जनता हमें चुनती है

इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने पूरी दुनिया के लेफ्टिस्ट लीडर्स को पाखंडी बताया है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में मोदी, ट्रम्प और मेरे जैसे दक्षिणपंथी नेताओं के उभरने से सारे लेफ्टिस्ट नेता परेशान हो गए हैं। मेलोनी ने कहा, जब 90 के दशक में बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने ग्लोबल लेफ्टिस्ट नेटवर्क बनाया था, तब उन्हें बहुत बड़ा नेता कहा गया। लेकिन जब आज ट्रम्प, मेलोनी, मिलेई और यहां तक कि मोदी बात करते हैं, तो वे इसे लोकतंत्र को खतरा बताते हैं। मेलोनी ने कहा कि ये लेफ्ट का डबल-स्टैंडर्ड है और हमें इसकी आदत पड़ गई है। अच्छी बात ये है कि अब लोगों को भी इनके झूठ पर भरोसा नहीं रह गया है। वो हम पर कितना भी कीचड़ उछालें, लोग हमें वोट देते रहते हैं। मेलोनी बोलीं- लिबरल नेता हताश हो गए हैं मेलोनी अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी थीं। यहां उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की तारीफ की। उन्होंने ट्रम्प को मजबूत नेता बताया। उन्होंने कहा कि लेफ्ट नेता राइट विंग लीडर्स के आगे बढ़ने से हताश हैं। खासतौर से तब से जब से ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटे हैं। ट्रम्प के जीतने से लेफ्ट घबराया हुआ है। ट्रम्प ने पांचवें दिन चुनावी फंडिंग का मुद्दा उठाया इस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने लगातार पांचवे दिन भारत में अमेरिका से दी जा रही चुनावी फंडिंग पर बात की। ट्रम्प ने कहा, 'भारत में चुनावों में मदद के लिए फंडिंग क्यों? क्यों न हम पुरानी पेपर बैलट प्रणाली पर लौट जाएं और उन्हें हमारे चुनावों में मदद करने दें?... उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है।' बांग्लादेश में 250 करोड़ रुपए की फंडिंग पर उन्होंने कहा कि राजनीति को मजबूत करने और उनकी मदद करने के लिए दिए जा रहे हैं, ताकि वे एक कट्टरपंथी वामपंथी कम्युनिस्ट को वोट दे सकें। आपको देखना चाहिए कि उन्होंने किसका समर्थन किया। --------------------------------- ये खबरें भी पढ़ें... इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं जियॉर्जिया मेलोनी:मुसोलिनी की समर्थक हैं, अप्रवासियों-समलैंगिकों के विरोध पर मिला समर्थन मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। वो एक धुर दक्षिणपंथी नेता हैं। उन्होंने 2022 में ही चुनाव जीतकर इतिहास रचा था। मेलोनी पर एलजीबीटी विरोधी, फासीवादी और इस्लामोफोबिक होने के आरोप लगते हैं। हालांकि वो इनसे इनकार करती हैं और अपनी छवि सुधारने पर भी काम कर रही हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... ट्रम्प बोले- मेरे दोस्त मोदी को 182 करोड़ भेजे गए:4 दिन में चौथी बार भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग पर सवाल; बांग्लादेश का भी जिक्र ट्रम्प ने चार दिन में चौथी बार भारत चुनाव में अमेरिकी फंडिंग पर सवाल उठाया है। इस बार उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त मोदी को 182 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। ये दूसरी बार है जब ट्रम्प ने इस मामले में मोदी का नाम लिया है। इसके अलावा ट्रम्प ने बांग्लादेश में भेजे गए 250 करोड़ रुपए का भी जिक्र किया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 23, 2025 - 14:34
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मेलोनी ने दुनिया के लेफ्ट लीडर्स को पाखंडी बताया:इटली PM बोलीं- ये मोदी-ट्रम्प और मुझ पर कीचड़ उछालते हैं, पर जनता हमें चुनती है

मेलोनी ने दुनिया के लेफ्ट लीडर्स को पाखंडी बताया: इटली PM बोलीं- ये मोदी-ट्रम्प और मुझ पर कीचड़ उछालते हैं, पर जनता हमें चुनती है

Kharchaa Pani

लेखिका: सृष्टि वर्मा, नीतू मेहरा, टीम नेतानागरी

परिचय

हाल ही में, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने दुनिया के वामपंथी नेताओं पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ये नेता हमेशा मोदी, ट्रम्प और उनके जैसे अन्य नेताओं के खिलाफ पाखंड कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें जनता सबूत देती है। मेलोनी के इस बयान ने वैश्विक राजनीति के बीच एक नई बहस छेड़ दी है।

मेलोनी का सख्त बयान

मेलोनी ने वामपंथियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये हर जगह राजनीति में कीचड़ उछालने का काम कर रहे हैं। खासकर जब बात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की होती है, तो इनका मुखर होना दोगुना हो जाता है। परंतु उन्होंने यह भी बताया कि जब जनता की बात आती है, तो वह इन्हें ही चुनती है। यह उनके लिए एक बड़ी जीत की बात है।

ध्यान देने वाली बातें

इटली PM ने कहा कि पाखंडी नेताओं की आलोचना अस्वीकार्य है, जबकि वे खुद अपनी ज़िम्मेदारियों से भागते हैं। दुनिया भर में ऐसे कई नेता हैं जो अपनी नीतियों को सही ठहराने के लिए सिर्फ आलोचना करते हैं। मेलोनी की इस बयानबाजी को उनके राजनीतिक कौशल का एक हिस्सा माना जा रहा है।

वैश्विक राजनीति पर प्रभाव

मेलोनी के इस बयान का असर सिर्फ इटली या यूरोप की राजनीति पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति पर पड़ेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि कैसे एक महिला नेता अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बोलने से नहीं चूक रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही वामपंथी उन्हें निशाना बनाते हैं, लेकिन उनके पास अपने काम को साबित करने का आधार है।

निष्कर्ष

इस पूरे मामले में यह जो स्पष्ट है वह यह है कि दुनिया की राजनीति में महिलाओं की आवाज़ अब और भी बुलंद हो रही है। मेलोनी का बयान इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे नेताओं को जनता की पसंद का ध्यान रखना चाहिए। इस तरह के बयानों से निश्चित रूप से वैश्विक राजनीति में दिलचस्पी बढ़ेगी।

हमेशा की तरह, राजनीतिक बयानबाजियों का सामना करते वक्त सावधान रहना जरूरी है। लेकिन जनता का समर्थन ही सबसे महत्वपूर्ण है, और मेलोनी इस पर जोर देती हैं। आगे आने वाले चुनावों में यह देखने की बात होगी कि क्या उनकी ये बातें प्रभाव डालती हैं। मानव अधिकारों और नारी सशक्तिकरण के मुद्दों पर ध्यान देना भी आवश्यक है।

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