दिल्ली विधानसभा में आतिशी विपक्ष की नेता होंगी:AAP विधायक दल ने पूर्व CM को चुना, कल से असेंबली का पहला सेशन
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी विधानसभा में विपक्ष की नेता होंगी। आम आदमी पार्टी (AAP) की रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के सभी 22 विधायक मौजूद थे। दिल्ली विधानसभा का सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह 27 फरवरी तक चलेगा। 26 को शिवरात्रि की वजह से छुट्टी रहेगी। पहले दिन नए विधायक शपथ लेंगे। प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली उन्हें शपथ दिलाएंगे। इसके बाद स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। रोहिणी से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता का स्पीकर बनना लगभग तय है। वहीं मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है। विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को CM रेखा गुप्ता से मुलाकात की थी। विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि 25 फरवरी को विधानसभा में CAG की सभी 14 पेंडिंग रिपोर्ट पेश होंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि AAP सरकार की गलत शराब नीति से दिल्ली को 2026 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। CM रेखा गुप्ता ने अमित शाह से मुलाकात की दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इससे पहले शनिवार को वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली थीं। शुक्रवार को वे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिलने पहुंची थीं। शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज मैंने दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और जनकल्याणकारी नीतियों पर जो भरोसा जताया है, उसे बरकरार रखते हुए मुख्यमंत्री के रूप में आपका कार्यकाल निश्चित रूप से दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और लोगों की सभी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेगा। CM बनने के बाद रेखा गुप्ता ने आतिशी का पर्सनल स्टॉफ हटाया था 21 फरवरी को रेखा गुप्ता ने पूर्व CM आतिशी और उनके मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ को हटा दिया था। इसके अलावा आतिशी सरकार ने जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को दूसरी जगह नियुक्त किया था उन्हें फौरन अपने मूल विभाग में रिपोर्ट करने को कहा था। CM बोलीं- CAG की रिपोर्ट में रिकॉर्ड सामने आएंगे दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था- शपथ लेने के तुरंत बाद पहले दिन हमारी कैबिनेट बैठक हुई और हमने आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी दी, जिसे AAP ने रोक रखा था। अब हम दिल्ली की चिंता करेंगे और PM मोदी के नेतृत्व में दिल्ली को उसका हक मिलेगा। रेखा ने आगे कहा, 'उन्हें (विपक्ष) अपनी पार्टी संभालनी चाहिए, बहुत से लोग हैं जो जाना चाहते हैं। उन्हें चिंता है कि जब CAG की रिपोर्ट सदन में पेश होगी, तो बहुत से लोगों के रिकॉर्ड सामने आ जाएंगे।' दिल्ली में नई सरकार से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... रेखा गुप्ता दिल्ली की 9वीं CM, बोलीं- शीशमहल में नहीं रहूंगी; प्रवेश वर्मा समेत 6 मंत्री बनाए गए दिल्ली में आज से 'रेखा सरकार'। शालीमार बाग सीट से पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता (50 साल) ने गुरुवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ली। वे दिल्ली की 9वीं और चौथी महिला सीएम बन गई हैं।रेखा से पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी मुख्यमंत्री रहीं। इस समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह के अलावा बीजेपी शासित 21 राज्यों के सीएम, डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे। पूरी खबर पढ़ें... रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनीं, अब दिल्ली CM, महिला मुख्यमंत्री चुने जाने की 3 वजहें... 50 साल की रेखा गुप्ता जिंदल दिल्ली की नौवीं CM बनीं। दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के तौर पर RSS ने रेखा गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया था और पार्टी ने उस पर मुहर लगा दी। रेखा ने छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की, दो बार विधायक का चुनाव हार चुकी हैं। 3 वजहें हैं, जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया। पूरी खबर पढ़ें...

दिल्ली विधानसभा में आतिशी विपक्ष की नेता होंगी: AAP विधायक दल ने पूर्व CM को चुना, कल से असेंबली का पहला सेशन
Kharchaa Pani
लेखक: नेहा शर्मा, टीम नेटानगरी
परिचय
दिल्ली विधानसभा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को विपक्ष की नेता के रूप में चुना है। कल से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र इस चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में नई गूंज भर देगा। इस लेख में, हम इस चुनाव के महत्वपूर्ण पहलुओं और विधानसभा सत्र की संभावनाओं पर विचार करेंगे।
आतिशी का राजनीतिक सफर
आतिशी, जो कि एक शिक्षित और गतिशील नेता मानी जाती हैं, ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल किए हैं। उनका मुख्य फोकस शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करना रहा है। उनकी चयन की खबर पर राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर कई प्रतिक्रियाएँ आई हैं।
विपक्ष की भूमिका
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, AAP को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आतिशी का चुनाव इस बात का संकेत है कि पार्टी ने विपक्षी मोर्चे को मजबूत करने का फैसला किया है। विपक्ष के नेता के तौर पर वे राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे और जनहित के मुद्दों को उठाएंगे।
पहला विधानसभा सत्र
कल से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसमें कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। इस सत्र के दौरान सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान करने के साथ-साथ विपक्ष ने जो सवाल उठाए हैं, उनसे निपटने की कोशिश करेगी।
उम्मीदें और चुनौती
आतिशी के राजनीतिक अनुभव और उनकी सोच के चलते, उन्हें इस नई भूमिका में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला empowerment जैसे मुद्दों पर सामाजिक न्याय का आवाज उठाने की काफी कोशिश की है। उम्मीद है कि वे विधानसभा में भी इन मुद्दों को उठाएंगी।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा में आतिशी का नेतृत्व विपक्ष के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। उनके अनुभव और सोच से यह उम्मीद की जा सकती है कि यह सत्र जनहित के मुद्दों को केंद्रित करेगा। हमें यह देखने का अवसर मिलेगा कि कैसे आतिशी अपनी नई भूमिका में जनहित के मुद्दों को उजागर करेंगी। सीधा सा कहा जाए, तो दिल्ली की राजनीति में यह एक नया अध्याय है।
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