मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर में ड्रेस कोड लागू:स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर जाने पर नहीं मिलेगी एंट्री
मुंबई के प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक मंदिर के मैनेजमेंट ने मंदिर में आने वालों के लिए ड्रेस कोड तय किया है। स्कर्ट या रिवीलिंग ड्रेस (खुले कपड़े) पहनकर आने वालों को मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी। नया नियम अगले हफ्ते से लागू होगा। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (SSGTT) ने कहा, 'मंदिर आने वालों को सभ्य और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने होंगे। ऐसा नहीं करने पर श्रद्धालुओं को प्रभादेवी एरिया में एंट्री की परमिशन हीं होगी। ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर में देशभर से हर रोज हजारों श्रद्धालु आते हैं। इनमें शामिल कई लोग कपड़ों को लेकर शिकायत करते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि पूजा स्थल में छोटे कपड़े पहनकर आना अपमानजनक है। ओडिशा: जगन्नाथ मंदिर में 1 जनवरी 2024 से ड्रेस कोड लागू ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1 जनवरी 2024 से ड्रेस कोड लागू किया गया था। मंदिर परिसर में पान-गुटखा खाने और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स यूज करने पर बैन लगा है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुताबिक हाफ पैंट, शॉर्ट्स, फटी जींस, स्कर्ट और स्लीवलेस ड्रेस पहनने वाले भक्तों को मंदिर में एंट्री नहीं है। ऐसा मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए किया गया। मंदिर में तैनात सुरक्षाबल और मंदिर के भीतर प्रतिहारी सेवक इसकी निगरानी करते हैं। जो पकड़ा जाता है कि उस पर नियम तोड़ने पर जुर्माना लगता है। मध्य प्रदेश: महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पुरुषों को धोती-सोला, महिलाओं को साड़ी पहनना जरूरी मध्य प्रदेश के उज्जैन में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल महाकाल मंदिर के गर्भगृह में एंट्री के लिए श्रद्धालुओं के लिए सितंबर 2023 में ड्रेस कोड लागू किया गया था। नियम के मुताबिक पुरुषों को धोती-सोला और महिलाओं के लिए साड़ी में ही एंट्री दी जाती है। पूरी खबर पढ़ें...

मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर में ड्रेस कोड लागू: स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर जाने पर नहीं मिलेगी एंट्री
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी मिश्रा, नेहा वाघमारे, टीम नेटानागरी
परिचय
मुंबई का श्री सिद्धिविनायक मंदिर, जो अपने धार्मिक महत्व और भव्यता के लिए जाना जाता है, ने श्रद्धालुओं के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू किया है। मंदिर प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि श्रद्धालुओं को एक संगठित रूप में मंदिर में प्रवेश करना होगा, जिससे धार्मिक वातावरण में गरिमा बनी रहे। इस नए ड्रेस कोड के तहत स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर आने पर श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलेगा।
ड्रेस कोड का उद्देश्य
श्री सिद्धिविनायक मंदिर ने यह कदम श्रद्धालुओं के आराम और धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए उठाया है। मंदिर के प्रवक्ताओं के अनुसार, धार्मिक स्थलों पर अनुशासन और गरिमा बनाए रखना आवश्यक है। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि यह सभी के लिए एक सकारात्मक वातावरण भी बनाता है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएँ
हालांकि, इस नए ड्रेस कोड को लेकर कुछ श्रद्धालुओं में विवाद भी उत्पन्न हो गया है। कई लोग इस नियम को पुरानी सोच से जोड़ते हुए इसे उनकी निजी स्वतंत्रता पर काबू पाने वाला समझते हैं। वहीं, अन्य लोग इसे उचित मानते हैं, यह कहते हुए कि धार्मिक स्थलों पर एक निश्चित अनुशासन बनाना जरूरी है।
कैसे करें तैयारी?
जो लोग इस मंदिर में जाने की योजना बना रहे हैं, उन्हें उचित कपड़ों का चुनाव करना चाहिए। मंदिर में जाने से पहले आपको अपने कपड़ों की जांच कर लेनी चाहिए। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- साड़ी या सलवार-कुर्ता पहने, जो पारंपरिक और सम्मानजनक हो।
- काले या सफेद कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि ये रंग अंधेरे और उदासी का संकेत मान जाते हैं।
- कपड़े फटे या जर्जर न हों, यह सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष
श्री सिद्धिविनायक मंदिर का यह नया ड्रेस कोड एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों पर अनुशासन और गरिमा बनाए रखना है। श्रद्धालुओं को इस नियम का पालन करना चाहिए और अपने कपड़ों का चयन करके मंदिर की परंपरा को सम्मानित करना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे इस नियम का पालन करें और मंदिर में शांति और अनुशासन का माहौल बनाए रखें।
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