मारुति ने इस साल तीसरी बार बढ़ाई कारों की कीमत:अगले महीने से 4% महंगी होंगी कारें, रॉ मटेरियल कॉस्ट बढ़ने के कारण फैसला लिया
मारुति सुजुकी ने अप्रैल 2025 से अपने कारों की कीमतों में 4% तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी कंपनी के लाइनअप के सभी मॉडल्स पर अलग-अलग होगी। मारुति ने बढ़ती रॉ मटेरियल और ऑपरेशनल कॉस्ट के कारण यह फैसला लिया है। इससे पहले 1 फरवरी 2025 से मारुति ने कार की कीमतों में 32,500 रुपए तक इजाफा किया था। वहीं जनवरी में भी कंपनी ने अपने लाइअप के सभी मॉडल्स पर 4% तक की बढ़ोतरी की थी। तब भी मारुति ने कीमत बढ़ाने की वजह रॉ मटेरियल को बताया था। फरवरी में मारुति ने 1,60,791 कारें बेची मारुति सुजुकी ने फरवरी 2025 में भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा। कंपनी ने कुल 1,60,791 कारें बेची, जो फरवरी 2024 में बेचीं गई 1,60,272 यूनिट की तुलना में 0.32% की बढ़ोतरी है। हालांकि मंथली बेसिस पर मारुति की कारों की सेल्स में 7% की गिरावट आई है। कंपनी ने जनवरी 2025 में 1,73,599 कारं बेचीं थी। मॉडल-वाइज सेल्स की बात करें तो फ्रोेंक्स 21,461 यूनिट के साथ मारुति की टॉप सेलिंग कार है। खबर के बाद शेयर 2% चढ़कर 11,752 रुपए पर पहुंचा दामों में बढ़ोतरी की खबर के बाद 2% चढ़कर 11,752 रुपए पर पहुंच गया। हालांकि, अब ये 0.31% चढ़कर 11,550 रुपए पर है। बीते एक साल में मारुति का शेयर फ्लैट ही रहा है। वहीं बीते 6 महीने में ये 6% गिरा है। एक महीने में शेयर में 10% की गिरावट आई है। तीसरी तिमाही में मारुति सुजुकी का मुनाफा 16% बढ़ा मारुति सुजुकी को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 3,727 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ था। सालाना आधार पर यह 16% बढ़ा था। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 3,206 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। ऑपरेशन से कंपनी का रेवेन्यू 38,764 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में मारुति ने 33,512 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया था। सालाना आधार पर यह 15.67% बढ़ा है। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू कहते हैं। 1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में बनी थी मारुति मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड रूप में हुई थी। 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर 'मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड' बनाई। भारतीयों के लिए पहली बजट कार 1983 में मारुति 800 लॉन्च हुई। 47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है।

मारुति ने इस साल तीसरी बार बढ़ाई कारों की कीमत: अगले महीने से 4% महंगी होंगी कारें, रॉ मटेरियल कॉस्ट बढ़ने के कारण फैसला लिया
Kharchaa Pani - लेखक: साक्षी वर्मा, नीतू कुमारी, टीम नेटानागरी
परिचय
भारतीय बाजार में एक बार फिर से मारुति सुजुकी ने अपने ग्राहकों को एक निराशाजनक समाचार दिया है। कंपनी ने इस साल तीसरी बार अपनी कारों की कीमत बढ़ाने का फैसला लिया है। आगामी महीने से, ग्राहकों को अपनी पसंदीदा मारुति कारों के लिए 4% अधिक खर्च करना होगा। यह घोषणा रॉ मटेरियल की बढ़ती लागत के कारण की गई है।
महंगी कारों का असर
मारुति की इस नई मूल्य वृद्धि का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। जहां पहले ही कई लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, वहीं यह निर्णय उनके लिए और भी कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल बिक्री प्रभावित होगी, बल्कि दूसरी कंपनियों पर भी कीमत बढ़ाने का दबाव पड़ेगा।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?
रॉ मटेरियल की लागत लगातार बढ़ने के चलते, ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऑटोमोबाइल उद्योग में इस प्रकार की मूल्य वृद्धि का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। पिछले कुछ सालों में कई बार कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाई हैं। इसका मुख्य कारण स्टील, एल्युमिनियम और अन्य मटेरियल का महंगा होना है।
प्रतिस्पर्धी बाजार
मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है, और इसकी कारों की मांग बहुत अधिक है। हालांकि, बढ़ती कीमतों के कारण संभावित ग्राहक दूसरी कंपनियों की कारों की तरफ मुड़ सकते हैं, जैसे कि टाटा और हुंडई। इन कंपनियों ने हाल के वर्षों में अपने प्रोडक्ट्स में गुणवत्ता और मूल्य दोनों को बढ़ाया है।
भविष्य की आशाएं
भविष्य में, ग्राहकों को इन बढ़ती कीमतों के साथ सामंजस्य बनाने में कठिनाई हो सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि रॉ मटेरियल की कीमतें गिरती हैं, तो कंपनियों को भी अपनी कीमतें कम करने का निर्णय लेना पड़ सकता है। लेकिन अगले कुछ महीनों में यही स्थिति बनी रहने की संभावना है।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि ऑटोमोबाइल उद्योग में मूल्य वृद्धि का एक मौलिक कारण रॉ मटेरियल की लागत है। ग्राहकों को अब महंगी कारों के लिए तैयार रहना होगा। इस निर्णय ने न केवल मारुति बल्कि पूरी भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रभावित किया है। उम्मीद करते हैं कि जल्द ही रॉ मटेरियल की कीमतों में कमी आएगी जिससे ग्राहकों को राहत मिलेगी।
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